राजस्थान में फिर भड़की गुर्जर आंदोलन की चिंगारी

रेल पटरियों पर उतरे आंदोलनकारी, ट्रेनें प्रभावित

राजस्थान। राजस्थान में गुर्जर आंदोलन की आग फिर धधक उठी है। आरक्षण के समर्थन में एक बार फिर गुर्जर समाज ने हुंकार भरी है। भरत नगर में रविवार को गुर्जरों ने ट्रैक पर उतर कर ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया। इस बीच पटरियों को उखाड़ने की कोशिश भी की गई। गुर्जर आंदोलन के मद्देनजर सरकार सतर्क है। उधर, इस आंदोलन पर गुर्जर समाज दो खेमों में बंटा नजर आ रहा है। गुर्जरों के एक गुट की राज्य सरकार के साथ वार्ता हुई थी। वार्ता में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनने के बावजूद गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समाज के नागरिक भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा में जुटे रहे। गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर के नेतृत्व में 41 गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार की रात सरकार से वार्ता की थी। वार्ता में 14 बिंदुओं पर सहमति बन गई, कर्नल बैंसला इस बातचीत में शामिल नहीं थे। रविवार की दोपहर में बैंसला पीलूपुरा शहीद स्थल पर सभा करने पहुंचे। उन्होंने मौके पर जुटे समाज के नागरिकों से कहा कि सरकार के साथ शनिवार को समाज के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई और खेल मंत्री अशोक चांदना से बात कर जानना चाहिए कि सरकार ने क्या कदम उठाया है। इस बीच समाज के कुछ नागरिक रेल पटरी पर पहुंच गए। हालांकि बैंसला ने उन्हें रोकने की कोशिश की। गुर्जर आंदोलन को ध्यान में रखकर रेल मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया। आरक्षण की मांग के समर्थन में गुर्जरों ने बयाना-हिंडौन मार्ग पर भी हंगामा किया। वहां यातायात बाधित कर नारेबाजी की गई। बता दें कि राजस्थान में आरक्षण के लिए गुर्जर समुदाय फिर से आंदोलन की राह पर उतर आया है। स्थिति को भांपकर सरकार ने एहतियातन जरूरी कदम उठाए हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। सरकार की तरफ से गुर्जर नेताओं से निरंतर संपर्क साधा जा रहा है।