यमुना सिटी बनेगा देश का एजुकेशनल कैपिटल कोटा और दिल्ली को देगा मात यमुना प्राधिकरण ने तैयार किया है खास प्लान

सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्च में जिस तरह से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रीयल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है उसी तरह से यमुना सिटी को एजुकेशनल कैपिटल बनाने की तैयारी है। योजना के मुताबिक प्राधिकरण के सेक्टर-13 में एजुकेशन जोन विकसित होगा। इसके लिए 350 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। यमुना प्राधिकरण का नियोजन विभाग इसकी कार्ययोजना बना रहा है। बहुत जल्द इसकी योजना लांच की जाएगी। आने वाले समय में यमुना सिटी कोटा, दिल्ली सहित देश सभी इंस्टीट्यूशनल सेंटर का विकल्प बनकर उभरेगा।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो )
ग्रेटर नोएडा। मेडिकल और इंजीनियर की तैयारी के लिए राजस्थान का कोटा और यूपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर को चुना जाता है। लेकिन आने वाले समय में यमुना सिटी कोटा, दिल्ली सहित देश सभी इंस्टीट्यूशनल सेंटर का विकल्प बनकर उभरेगा। यमुना प्राधिकरण ने एक खास प्लान तैयार किया जिसके तहत यमुना सिटी को देश के एजुकेशनल कैपिटल के तौर पर स्थापित किया जाएगा। यमुना सिटी में देश के नामी गिरामी शिक्षण संस्थानों के कैंपस होंगे। इसके अलावा यहां कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कैंपस भी होंगे। देश में अभी तक जितने भी एजुकेशनल सेंटर हैं वहां पर सेलेक्टेड कैटेगरी की पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट जाते हैं। कोटा की पहचान सिर्फ मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग सेंटर तक सिमटी हुई है, दिल्ली के मुखर्जी नगर को प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारियां कराने वाले सेंटर के तौर पर गिना जाता है, पुणे को फैशन और टेक्निकल एजुकेशन सेंटर के रूप में देखा जाता है। लेकिन यमुना सिटी का एजुकेशनल सेंटर इन सभी से अलग होगा। यहां नर्सरी स्कूल से लेकर मैनेजमेंट कॉलेज और टॉप यूनिवर्सिटिज के कैंपस होंगे। इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग, सिविल सर्विसेज, प्रतियोगी परिक्षाओं, टेक्नीकल ट्रेनिंग सेंटर सहित शिक्षा एवं रोजगार से जुड़े सभी कोर्सेज के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर होंगे। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्च में जिस तरह से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रीयल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है उसी तरह से यमुना सिटी को एजुकेशनल कैपिटल बनाया जाएगा। योजना के मुताबिक प्राधिकरण के सेक्टर-13 में एजुकेशन जोन विकसित होगा। इसके लिए 350 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। यमुना प्राधिकरण का नियोजन विभाग इसकी कार्ययोजना बना रहा है। बहुत जल्द इसकी योजना लांच की जाएगी।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में पहले से कई विश्वविद्यालय, स्कूल और कॉलेज को जमीन आवंटित हो चुकी है। कई संस्थाएं चल रही हैं। कई का निर्माण कार्य चल रहा है। ये संस्थान अलग-अलग सेक्टर में हैंं। अब एक ही सेक्टर में सारी सुविधाएं विकसित करने की तैयारी की जा रही है। यमुना प्राधिकरण ने इसे एजुकेशनल जोन का नाम दिया है। यमुना प्राधिकरण ने इसके लिए सेक्टर-13 को चिन्हित किया है। एजुकेशनल जोन के लिए 350 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। एजुकेशनल जोन में विश्वविद्यालय, कॉलेज और कोचिंग सेंटर को जगह दी जाएगी। यहां पर कोटा, दिल्ली, चेन्नई, पुणे, मुंबई सहित देश के बड़े एवं प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थाएं अपना सेंटर स्थापित करेंगी। कर्ई बड़े शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि इसको लेकर यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर एक प्रस्ताव भी सौंप चुके हैं। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-17ए में गलगोटिया विश्वविद्यालय और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी संचालित हो रही हैं। इसके अलावा यहां पर जीएल बजाज समेत कई बड़े संस्थानाओं को जमीन पहले ही आवंटित हो चुकी है। प्राधिकरण क्षेत्र में 2015 के बाद से कोई संस्थागत भूखंड का आवंटन नहीं किया जा रहा था। बाद में 2019 से संस्थागत भूखंडों का आवंटन शुरू हुआ। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्च में जिस तरह से यमुना प्राधिकरण की कार्य पद्धति बदली। उससे औद्योगिक निवेशक का यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को लेकर नजरिया बदला। जेवर एयरपोर्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, एप्रैल पार्क, एमएसएमई कलस्टर सहित सरकार की कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हुआ। कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने यहां औद्योगिक निवेश किया। डॉ. अरुणवीर सिंह की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि आज यमुना प्राधिकरण क्षेत्र बड़े बड़े उद्यमियों के लिए औद्योगिक निवेश के लिए प्रमुख सेंटर के रूप में उभरा है। जेवर एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होने के बाद से यहां कई बड़े शिक्षण संस्थान भी आए हैं। यमुना सिटी में 100 एकड़ में जेबीएम विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा प्रबंधन का बड़ा नाम नसीर्मोंजी भी यहां पर विश्वविद्यालय बना रहा है। इसको 35 एकड़ जमीन दी गई है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फोर स्कूल आॅफ मैनेजमेंट, बिट्स पिलानी, रविशंकर विद्या मंदिर ट्रस्ट, जयपुरिया, थापर ग्रुप, क्राइस चर्च कॉलेज चेन्नई भी अपने संस्थान यहां बनाएंगे। इनको जमीन आवंटित की गई है। इन संस्थानों को सेक्टर-22 ई, सेक्टर-18 व 20 में जमीन आवंटित की गई है। अब जिस तरह से यमुना प्राधिकरण कोचिंग सेंटर और आवासीय स्कूल स्कूल कॉलेज की योजना पर काम कर रहा है। उसके मुताबिक भविष्य में यमुना सिटी का देश का एजुकेशनल कैपिटल बनना तय है।