आईटीएस डेंटल कॉलेज में फेशियल एस्थेटिक्स कोर्स के 7वें मॉड्यूल का आयोजन

– चेहरे की सुदंरता को ज्यादा बढाने के लिए डॉ शोर्य शर्मा ने प्रतिभागियों को दिए टिप्स

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज मुरादनगर के पेरियोडोन्टोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय के दुसरे दिन गुरुवार को फेशियल एस्थेटिक्स कोर्स के 7वें मॉड्यूल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें निजी दंत चिकित्सक, कॉलेज के पूर्व छात्र, संस्थान के दंत चिकित्सक, एमडीएस के विद्यार्थी और विभिन्न कॉलेजों के अध्यापक शामिल थे। यह कोर्स सेंटर फॉर फेशियल एस्थेटिक्स ट्रेनिंग (सीएफएटी) और प्सकोव स्टेट विश्वविद्यालय, रूस के सहयोग से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा के सहयोग से आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य मरीजों के बीच दंत सौन्दर्य चिकित्सा के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा मरीजों में चेहरे और दंत सौन्दर्य में वृद्धि-दंत चिकित्सा की मांग करने वाले रोगियों की प्राथमिक वैकल्पिक लक्ष्यों को प्राप्त करना एवं रोगी को समग्र उपचार प्रदान करना है।

इस पाठ्यक्रम के गेस्ट स्पीकर डॉ शोर्य शर्मा, जो एक दंत चिकित्सक के साथ-साथ अन्र्तरष्ट्रीय वक्ता भी है। कार्यक्रम के दौरान डॉ शोर्य ने कॉस्मेटिक डेन्टिस्ट्री के अन्तर्गत चेहरे की सुदंरता को ज्यादा बढाने के लिए विभिन्न विकल्पों के बारे में सभी प्रतिभागियों को समझाया। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को भविष्य में अभ्यास में डर्मल फिलर्स, थ्रेड लिफ्ट्स, लेजर हेयर रिडक्शन, बोटॉक्स, केमिकल पील्स और अन्य फेशियल एस्थेटिक्स उपचारों को सफलतापूर्वक एकीकृत करने के लिये तैयार करना है।

इस कार्यक्रम ने व्यापक रूप से माइक्रोडर्माब्रेशन, रेडियो फ्रीक्वेंसी और ओजोन थेरेपी के साथ माइक्रो-सुई के उन्नत अनुप्रयोगों के बारे में ज्ञान प्रदान किया, जो दुनिया भर में रोगियों द्वारा उनके तत्काल प्रभाव, उचित लागत और वितरण में आसानी, गैर-शल्य चिकित्सा के कारण उम्र बढऩे की प्रक्रिया में सुधार के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किये जाते है। डॉ शौर्य ने एमडीएस के विद्यार्थियों और अन्य दंत चिकित्सकों को एस्थेटिक मूल्यांकन, उपचार, उचित इंजेक्शन योग्य चयन, चेहरे के सौंदर्य बढाने के उपचार की प्रक्रियाओं के बारे में एक लाइव डेमोंस्ट्रेशन और हैंड्स-ऑन किया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों के लिये सम्पूर्ण मॉड्यूल से संबंधित एक परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें विजेता छात्रों को आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ आरपी चड्ढा द्वारा प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। अर्पित चड्ढा ने अपने प्रेरक शब्दों के साथ प्रतिभागियों को बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित भी किया तथा उन्होंने बताया कि संस्थान में नियमित रूप से इस तरह के ज्ञानवर्धक साइंटिफिक कार्यक्रमों का आयोजन करना ही संस्थान का उद्देश्य है।

उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम उपचार के तौर-तरीकों के प्रति संस्थान का हमेशा एक प्रगतिशील दृष्टिकोण रहा है। लेजर और फेषियल एस्थेटिक क्लीनिक इस दिषा में एक और कदम है। इसलिये छात्रों के ज्ञान को बढाने के संस्थान द्वारा इस जानकारीपूर्ण हैंड्स-ऑन कोर्स का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर संस्थान के निदेषक-प्रधानाचार्य डॉ देवी चरण शेट्टी के साथ-साथ सभी दंत विभागों के एचओडी एवं दंत चिकित्सक उपस्थित रहे।