गरीब बच्चों के जीवन में एक नई राह पगडंडियां संस्था ने भर रहा शिक्षा का उजियारा

गजियाबाद। समाज के गरीब लोगों की सेवा करने के लिए कुछ लोग आगे रहते हैं। भले ही वह सेवा उनको शिक्षित बनाने की हो। समाज के गरीब और होनहार बच्चों की। आर्थिक तंगी के चलते कई होनहार बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं और इनके सपने अधूरे रह जाते हैं। पिता की मृत्यु एवं मां की बीमारी के कारण पढाई छूट जाने के दो जरूरतंमद किशोरियों की पढाई बंद हो गई थी। पिछले तीन साल से स्कूल में एडमिशन नही करा पाए। जिसके बाद किशोरियों की मां बच्चियों की पढाई के लिए एक नई राह पगडंडियां संस्था अध्यक्ष शालू पांडे से मुलाकात कर अपना दर्द बयां किया। पीडि़त महिला की आपबीती सुन अध्यक्ष शालू पांडे ने बच्चियों की पढाई की जिम्मेदारी ली और उनका एडमिशन कराया। अध्यक्ष शालू पांडे ने बताय कि बड़ी बच्ची दसवीं और छोटी बच्ची तीसरी क्लास में थी। लेकिन पिता की मौत और मां की बिमारी के चलते इनकी पढाई बीच में ही छूट गई। बच्ची को लेकर महर्षि दयानंद स्कूल मेंं एडमिशन के लिए गये, मगर बच्ची का रिपोर्ट कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र न होने के कारण वहां उनका एडमिशन नही हो सका। जिसके बाद बच्ची का एडमिशन सरकारी स्कूल में पांचवी कक्षा में कराया। आर्थिक तंगी के चलते बड़ी बच्ची का मन पढ़ाई से हट गया था और वह आगे नहीं पडऩा चाहती थी। लेकिन काफी समझाने के बाद उसे भी पढाई के लिए तैयार किया। जिसके बाद बड़ी बच्ची का एडमिशन डासना के सरकारी स्कूल में कराया। छोटी बच्ची प्रिया पढऩे में बहुत अच्छी है। वह 3 साल से स्कूल तो नहीं गई, लेकिन उसने सेल्फ स्टडी करके अपना कोर्स पूरा कर रखा है। संस्था की तरफ से प्रिया को निशुल्क ट्यूशन कराने की जिम्मेदारी ली गई है। संस्था की सचिव नंदिता चौधरी ने इसकी जिम्मेदारी ली है कि इस बच्ची का कोर्स वह पूरा कराएंगी। बड़ी बच्ची के स्कूल में ऑनलाइन क्लास हो रहा है पर अभी फोन की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी के पास पुराना एंड्रॉयड फोन हो तो इन बच्चियों को देकर इनकी मदद कर सकता है। शालू पांडे ने बताया संस्था का उद्देश्य है कि बच्चियों जैसे समाज के अन्य मेधावियों की पढ़ाई में हर प्रकार की सहायता करेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं इसके लिए संस्था प्रतिबद्ध है। संस्था की ओर से 50 से अधिक जरूरतमंद बच्चों का पढाई का जिम्मा उठाया जा रहा है। जिनकी सहायता के लिए हर संभव मदद की जाती है। जिससे वह पढ लिखकर अपने आपको काबिल बना सकें। शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर कार्यों को लेकर संस्था को सम्मान पत्र भी मिल चुके हैं।