नोएडा से गाजियाबाद में आकर शराब की दुकान पर तथाकथित को वीडियो बनाकर रुपए की डिमांड करना पड़ा भारी

शराब की दुकानों पर वीडियो बनाकर रुपए की डिमांड करना पड़ेगा भारी, होगी जेल

गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए आबकारी विभाग द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान शराब की दुकानों के अलावा हाईवे पर संदिग्ध वाहन एवं ढाबों पर चेकिंग की जा रही है। यह विशेष अभियान निरंतर जारी रहेगा। वहीं जनपद में आबकारी विभाग को बदनाम करने की सुनियोजित मुहिम भी लगातार चलाई जा रही है। कुछ शरारती व्यक्तियों द्वारा निजी स्वार्थ हित के लिए आबकारी विभाग के अलावा लाइसेंसशुदा शराब कारोबार को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे है। ऐसे ही एक तथाकथित पत्रकार को वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करना उस समय भारी पड़ गया। जब वह ठेके बाहर शराब पी रहे शौकीनों की वीडियो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी देकर अवैध रुप से वसूली कर रहा था। मगर शराब के शौकीनों ने जब इसका विरोध किया तो तथाकथित पत्रकार ने पत्रकारिता का रौब झाडऩा शुरु कर दिया। जिसके बाद शौकीनों ने पकड़कर जमकर पिटाई की और फिर पुलिस को घटना की जानकारी दी। हालांकि बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। जनपद में कई ऐसे लोग सक्रिय हो गए है।

जो पत्रकारिता के नाम पर लोगों से अवैध वसूली का काम कर रहे है। पत्रकारिता का ऐसा चोला, जिसका ना कोई रंग और ना ही ढग़, बस एक ही उद्देश्य के साथ यूट्यूब पर अपना चैनल बनाकर उसका आई कार्ड गले में डालकर और शराब की दुकानों पर व बाहर शराब पी रहे लोगों की वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेलिंग करने का नायाब धंधा बना लिया है। यह कोई नया मामला नहीं है, सोशल मीडिया पर हर दिन कोई ना कोई वीडियो बनाकर विभाग और अनुज्ञापी को बदनाम किया जाता है। मामला बुधवार विजय नगर थाना क्षेत्र का है। जहां एक व्यक्ति गले में आई प्रेस का आई कार्ड टांग कर 10वीं पास नोएडा से गाजियाबाद आता है और खुद को पत्रकार बताकर विजय नगर क्षेत्र स्थित शराब की दुकानों के बाहर चोरी-छिपे खड़े होकर शराब पी रहे लोगों की वीडियो बनाकर उनसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर अवैध रुप से रुपए की डिमांड करने लगा। जब लोगों ने इसका विरोध किया तो जेल भिजवाने की धमकी देने लगा। मगर शराब के नशे में धुत शौकीनों के झुड़ के सामने उसका यह रौब काम नहीं आया। जिसके बाद शौकीनों ने ही पकड़कर पहले जमकर धुनाई की और फिर पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि यूट्यूब पर ही अपना फर्जी चैनल बनाया हुआ था।

मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर अवैध रुप से वसूली करता था। जब पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की जांच की तो पता चला कि उसके मोबाइल नोएडा और गाजियाबाद के कई लाइसेंसी अनुज्ञापियों के वीडियो और उनकी जानकारी थी। जिसमें उसकी चैट भी थी, किससे कितने लेने और कितने ले लिए है इन सबका पूरा लेखा-जोखा मोबाइल में रखा हुआ था। यह गिरोह पिछले कई वर्षों से नोएडा में पूरी तरह से सक्रिय था। मगर जब अपने इस कारोबार को गाजियाबाद में जमाने का प्रयास किया, उससे पहले ही उसे एक सबक मिल गया। इन लोगों का उद्देश्य यही रहता है पहले वीडियो बनाते है और फिर विक्रेता और संबंधित इंस्पेक्टर को दबाव में लेने के लिए उन्हें फोन कर ब्लैकमेल करते है। जब कोई दबाव में नहीं आता है तो उस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर बदनाम करने का प्रयास करते है। हालांकि आबकारी विभाग ने विक्रेताओं को पहले ही चेतावनी दी है कि दुकानों पर नियमानुसार ही शराब की बिक्री की जाए। अगर कोई अवैध रुप से वसूली करता है तो इसकी सूचना आबकारी विभाग और पुलिस को दें। जिससे ऐसे ब्लैकमेलरों को उनकी सही जगह पहुंचाया जा सकें। साथ ही आबकारी विभाग ने भी फर्जी तथाकथित पत्रकारों को चिन्हिंत करना शुरु कर दिया है। सोशल मीडिया के जरिए यह काम हो रहा है।

इसके पीछे कौन है, इसका जल्द खुलासा होने की उम्मीद है। दरअसल आबकारी विभाग अब शराब तस्करों के अलावा कुछ ब्लैकमेलरों की कुंडली भी खंगालने में जुटा हुआ है। यह ब्लैकमेलर अलग-अलग हथकंडे अपना कर न सिर्फ विभाग की साख को बट्टा लगाने का प्रयास कर रहे है। साथ ही लाइसेंसशुदा शराब की दुकानों पर भी आए दिन कोई न कोई बखेड़ा खड़ा कर रहे हैं। इस खेल से जुड़े कुछ लोगोंं का डाटा आबकारी विभाग के हाथ लग चुका है। उम्मीद है कि इस सिंडिकेट पर शीघ्र बड़ा प्रहार किया जाएगा। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि सभी आबकारी निरीक्षकों को सख्त चेतावनी दी गई है कि अपने-अपने क्षेत्र में लगातार चेंकिंग एवं शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश करें। साथ ही शराब की दुकानों पर भी निरीक्षण और गोपनीय टेस्ट परचेजिंग करते रहे।

जिससे नियमानुसार दुकानों का संचालन हो सकें। उन्होंने कहा पिछले कुछ दिनों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे है। जब उनकी जांच की जाती है तो वह वीडिया फर्जी निकलता है और शिकायतकर्ता से जब उस वीडियो और सही जानकारी मांगी जाती है तो वह भी कतराने लगता है। मगर अब दुकानों पर अवैध रुप से वीडियो बनाकर वसूली करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है। अगर कोई नियमानुसार शराब की बिक्री नहीं करता है तो इसकी शिकायत विभाग से करें, ना कि उससे रुपए की डिमांड करें। विक्रेताओं द्वारा कई लोगों की सूची दी गई है। जिसकी जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जाएगी और ब्लैकमेलरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
अवैध शराब के कारोबार को लेकर आबकारी विभाग की टीम तस्करों के संभावित ठिकानों एवं, हाईवे और ढाबों पर निरतंर चेकिंग कर रही है। सोशल मीडिया पर आबकारी विभाग को लेकर अनगर्ल वीडियो अपलोड किए जाने के संबंध में भी शिकायतें मिली हैं। कुछ लोगों के नाम और नंबर भी शिकायत पत्र में मिले हैं। इन शिकायतों की जांच कराकर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।