म्युनिसिपल कमिश्नर के अथक प्रयास के बाद शासन ने डीपीआर को दी मंजूरी

  • आईटीएमएस डीपीआर मंजूर, 85 करोड़ से सुधरेगी ट्रैफिक व्यवस्था
  • नगर निगम को 21 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी

गाजियाबाद। शहर में जाम की समस्या से निजात दिलाने एवं ट्रैफिक व्यवस्था में अब सुधार होने की उम्मीद जग गई है। प्रदेश शासन ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी है। आईटीएमएस योजना के तहत शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने एवं जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए 85 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि सिस्टम पर खर्च होगी। इसके लिए प्रदेश शासन ने नगर निगम को 21 करोड़ रुपए भी पहली किस्त के रूप में जारी कर दिए हैं।

म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक के अथक प्रयास के बाद अब यह योजना परवान चढ़ सकेगी। इससे शहर में लोगों को सुरक्षा देने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार कर लोगों को जाम से निजात मिल सकेगी। दरअसल,जिले में साढ़े 8 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। सड़कों पर वाहनों का लगातार दबाव बढऩे से शहर में जाम की स्थिति रहती है। शहर की सड़कों पर वाहन दिनभर जाम से जूझते हैं। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

जाम की समस्या से निपटने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने पांच साल पहले तत्कालीन उपाध्यक्ष रितु माहेश्वरी के कार्यकाल के दौरान आईटीएमएस की योजना बनाई थी। इसके लिए आईटीएमएस की जीडीए ने लगभग 72 करोड़ रुपए की पहली डीपीआर तैयार कराकर शासन को भेजी थी। मगर शासन ने इसे उस वक्त डीपीआर को स्वीकृत नहीं किया था।आईटीएमएस का यह प्रोजेक्ट राज्य स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया। शासन ने नगर निगम से इसकी संशोधित डीपीआर तैयार कराने के लिए कहा था।

नगर निगम ने इसकी दो बार डीपीआर भेजी, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो सका। नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने निगम में कार्यभार संभालने के बाद आईटीएमएस की 85 करोड़ रुपए से ज्यादा की संशोधित डीपीआर तैयार कराने के बाद इसे शासन को भेजा गया। म्युनिसिपल कमिश्नर के प्रयास से अब शासन ने डीपीआर को मंजूरी दे दी है। प्रदेश शासन ने इसकी पहली किस्त भी जारी कर दी है। प्रदेश शासन द्वारा दी गई शर्तों के अनुसार इस प्रोजेक्ट पर धनराशि खर्च की जाएगी। उम्मीद है कि शहर में अगले एक से दो माह में यह इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि प्रदेश शासन की ओर से आईटीएमएस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है। इसकी पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। इस पर जल्द काम शुरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत शहर के प्रमुख चौराहों,तिराहे और रेड लाइट पर वाइलेशन डिटेक्शन जंक्शन बनाया जाएगा। इसका एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। कॉमर्शियल वाहन, चार पहिया और दो पहिया वाहनों पर नजर रखने के लिए हाई रिज्योल्यूशन ट्रैफिक सर्विलांस और व्हीकल डिटेक्शन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। शहर में विभिन्न जगह हाई क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इस तरह हर वाहन पर नजर रहेगी। इससे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। इसके तहत हापुड़ रोड, जीटी रोड, मालीवाड़ा रोड, मेरठ रोड, रमतेराम रोड, बजरिया, तुराबनगर, घंटाघर, अर्थला मोहननगर, यूपी गेट, ज्ञानी बॉर्डर, साहिबाबाद, मोहननगर, राजेंद्रनगर, लाजपतनगर, करहेड़ा आदि इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

आईटीएमएस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद टै्रफिक नियम तोडऩे वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। वाहनों को तेज रफ्तार से दौड़ाने एवं नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कैमरों की मदद से गाड़ी का नंबर स्कैन किया जाएगा। कंट्रोल रूम से सीधे चालान होगा। इसका संदेश मोबाइल पर भी आएगा। इसके अलावा अन्य जनपदों मं पंजीकृत वाहन जैसे ही शहर में प्रवेश करेंगे तो उनकी पहचान तुरंत हो जाएगा। कंट्रोल रूम और कैमरों से नजर रखी जाएगी।
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