यमुना सिटी में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा एमआरओ सेंटर, 60 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

– जेवर एयरपोर्ट बनेगा एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब, भारत सहित एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अधिकांश विमानों की होगी मरम्मत
– पहले एमआरओ एयरपोर्ट के अंदर 40 हेक्टेयर में और दूसरा एमआरओ एयरपोर्ट के बाहर 1365  हेक्टेयर क्षेत्र में होगा डेवलप होगा
– यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में जेवर एयरपोर्ट को जल्द चालू करने के लिए तेजी से चल रहा काम

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। यमुना सिटी में बन रहा जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होने के साथ ही एशिया पैसिफिक क्षेत्र का ट्रांजित हब बनेगा। जेवर एयरपोर्ट पर एशिया का सबसे बड़ा एमआरओ (मेंटीनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग) सेंटर बनेगा। यहां पर ना सिर्फ भारत बल्कि एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अधिकांश देशों के विमानों की मरम्मत होगी। इससे जहां सरकार को राजस्व मिलेगा वहीं यमुना सिटी क्षेत्र में लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में एयरपोर्ट को जल्द चालू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। यमुना सिटी में डेवलपमेंट के कार्य तेजी से हो रहे हैं और 1365 हेक्टेयर में विकसित होने वाले एमआरओ हब के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। एमआरओ हब के लिए अलग से एक रनवे बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

देश में अभी कोई बड़ा एमआरओ सेंटर नहीं है जहां पर विमानों की पूरी मरम्मत हो सके। भारत में एविएशन सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है लेकिन विमानों के रखरखाव एवं मेंटीनेंस वर्क के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं। हैदराबाद और बेंगलुरु में सिर्फ विमानों के छोटे-मोटे मरम्मत कार्य ही होते हैं। विमानों में यदि कोई बड़ा मम्मत होना हो तो उसे सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है, लेकिन जेवर में हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी आत्मनिर्भरता आ जाएगी। जेवर एयरपोर्ट का एमआरओ सेंटर एशिया का सबसे बड़ा एमआरओ सेंटर बनेगा। ऐसे में यहां पर विदेशों से भी बड़ी संख्या में विमान मरम्मत के लिए आएंगे।

जेवर एयरपोर्ट पर रनवे के साथ हैंगर भी बनेंगे। यहां विमानों का रख रखाव और मरम्मत होगी। इसके लिए एक अलग से रनवे भी बनाया जाएगा। विमानों की मरम्मत के लिए विमानों को खड़ा करने के लिए हैंगर बनाए जाएंगे। इस सब की योजना तैयार हो गई है। जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद इस पर तेजी से काम होगा। जिला प्रशासन के छह गांवों की जमीन अधिग्रहण कर रहा है। इसके लिए किसानों की सहमति ली जा रही है। यह प्रक्रिया बहुत तेजी के साथ चल रही है। जमीन खरीदने के लिए सरकार और अन्य स्टेकहोल्डर ने पैसा दे दिया है। दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन खरीदने के लिए करीब 2890 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा जाएगा। इसकी तैयारी लगभग पूरी है।

स्विस कंपनी भी 40 एकड़ में विमानों को करेगी दुरुस्त करेगी
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में लगभग 40 एकड़ में एमआरओ सेंटर बनाया जाएगा। योजना है कि एयरपोर्ट बनने के साथ ही इसे भी चालू कर दिया जाये। एयरपोर्ट के अंदर एमआरओ सेंटर का निर्माण स्विस कंपनी एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. विकसित कर रही है।

40 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश
यमुना सिटी में एमआरओ सेंटर बनने से यहां औद्योगिक विकास तेजी से होगा। एमआरओ सेंटर बनने से लगभग ४० हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 50 से 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत में एमआरओ सेंटर नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपये विदेश जाता है। इस पैसे की भी बचत होगी।

एक बड़ी कंपनी ने इच्छा जताई
विमान रखरखाव के क्षेत्र में विश्व की 10 बड़ी कंपनियों में एक कंपनी ने यहां पर काम करने की इच्छा जताई है। इसको लेकर वार्ता चल रही है। अब प्रदेश सरकार की एमआरओ नीति बनने से इस काम में और तेजी आएगी। जेवर एयरपोर्ट के साथ ही यह सेंटर शुरू हो जाएगा। इस कंपनी के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अभी इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। प्रयास किया जाएगा कि यह सेंटर सितंबर 2024 में जेवर एयरपोर्ट के साथ ही शुरू हो जाए। प्रदेश सरकार ने एमआरओ नीति को मंजूर कर दिया है। अब इसमें तेजी आएगी। सरकार इसमें कैपिटल सब्सिडी देगी। सब्सिडी के तीन स्लैब हैं। इसमें 12 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी।

विमानों का निर्माण व रखरखाव करने वाली बड़ी कंपनियां
एयर बस, बोइंग, सैफरॉन, जीई एविएशन, एसटी एविएशन, ब्रिटिश एविएशन, एविएशन टेक्निकल सर्विसेज, एएआर कॉरपोरेशन आदि।

देश में विमानों की स्थिति
एयरलाइंस का नाम –  विमानों की संख्या
इंडिगो – 275
एयर इंडिया – 120
स्पाइस जेट –  71
गो एयर – 57
विस्तारा – 54
एयर एशिया इंडिया – 35
एयर इंडिया एक्सप्रेस – 24
आकाशा एयर – 1
फ्लाई बिग – 4
स्टार एयर – 5
एलायंस एयर – 20

एमआरओ सेंटर को लेकर कैबिनेट की मुहर लग गई है। जेवर एयरपोर्ट के पास दो एमआरओ सेंटर विकसित होगा। एक एमआरओ सेंटर एयरपोर्ट के अंदर 40 हेक्टेयर में होगा। इसके अलावा दूसरे फेज में एयरपोर्ट के बाहर 1365 हेक्टेयर क्षेत्र में दूसरा एमआरओ सेंटर बनाया जाएगा। एमआरओ सेंटर बनने से यहां लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 50 से 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना प्राधिकरण