फादर्स डे: 60 साल से अधिक बुजुर्गों ने उठाया ऑस्टियोपोरोसिस जांच का लाभ

गाजियाबाद। फादर्स डे के अवसर पर रविवार को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के ऑर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग द्वारा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए एक ओस्टियोपोरोसिस जांच कैंप लगाया गया।
जांच के दौरान अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुज अग्रवाल ने बताया कि प्रात: 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक इस शिविर में वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ अमित शर्मा द्वारा निशुल्क परामर्श दिया गया। इसी दौरान डॉ अमित शर्मा द्वारा एक वेबीनार का भी आयोजन किया। जिसमें ओस्टीयोपोरोसिस बीमारी के बारे में जागरूकता प्रदान की गई।


डॉ अमित शर्मा ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनकी ताकत कम हो जाती है। वे सामान्य हड्डियों की तुलना में अधिक आसानी से टूट जाती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस को साइलेंट किलर कहा जाता है। क्योकि इस बीमारी में बिना लक्षणों के फ्रैक्चर होने खतरा बना रहता है।
अधिकांश लोग ऑस्टियोपोरोसिस को केवल एक महिला रोग के रूप में देखते हैं हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में पहचाना गया है, विशेष रूप से 70 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में यह लक्षण मिल रहे है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 4-6 फिसद पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस होता है। पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस के कारण आजीवन फ्रैक्चर का जोखिम 13 से 25 फिसद तक होता है