जीडीए संपत्तियों का ब्यौरा अब सिर्फ एक क्लिक पर

घर बैठे ऑनलाइन मिल सकेगी महत्वपूर्ण जानकारी

गाजियाबाद। जीडीए की संपत्तियों का ब्यौरा जानने के लिए इधर-उधर भाग-दौड़ करने की जरूरत नहीं है। अब सिर्फ एक क्लिक पर यह विवरण उपलब्ध होगा। वह भी घर बैठे। जीडीए की संपत्तियों के अलावा सड़क, पार्क, ग्रीन बैल्ट, आवासीय एवं कॉमर्शियल क्षेत्र की जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। संपत्तियों का संपूर्ण विवरण ऑनलाइन डाटा देखने के लिए यूपी रिमोट सेंसिंग सेंटर ने 7 क्षेत्रों का वेक्टर मैप (संपत्ति का डिजिटल विवरण) तैयार किया है। इसके चलते नागरिकों को संपत्तियों का ब्यौरा देखने के लिए जीडीए के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

रिमोट सेंसिंग सेंटर ने वेक्टर मैच के कार्य की प्रगति को लेकर जीडीए में प्रेजेेंटेशन दिया। जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि वेक्टर मैप के बाद अब संपत्तियों का जल्द ही लोग ऑनलाइन ब्योरा देख सकेंगे। वेक्टर मैप का 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। दिसंबर तक जीडीए की सभी संपत्तियों का ब्योरा ऑनलाइन प्लेटफार्म पर होगा। वर्तमान में राजनगर, आरडीसी, कविनगर, आंबेडकर रोड, गांधीनगर, वैशाली और कौशांबी का वैक्टर मैप तैयार हो चुका है। इंदिरापुरम, मधुबन-बापूधाम, इंद्रप्रस्थ, कोयल एंक्लेव सहित अन्य क्षेत्रों का वेक्टर मैप तैयार करने का काम तेजी से जारी हैं। रिमोट सेंसिंग एजेंसी ने वेक्टर मैप में संपत्तियों के ले-आउट प्लान को विस्तृत तरीके से दिखाया। इसमें आवासीय योजनाओं में आवासीय, व्यावसायिक भूखंड, पार्क, सामुदायिक केंद्र, सड़क, स्ट्रीट लाइट से लेकर बाकी चीजों को दर्शाया गया है।

जीडीए अधिकारियों ने एजेंसी को वेक्टर मैपिंग का विस्तृत ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। वेक्टर मैपिंग का प्रोजेक्ट करीब 2.43 करोड़ का था। इसमें जीडीए 1.30 करोड़ का भुगतान कर चुका हैं। एजेंसी ने प्रजेंटेशन में बाकी राशि के भुगतान की मांग की है। वेक्टर मैपिंग में आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियों में हर भूखंड और रास्ते की ऑनलाइन बाउंड्री खींची जाती है। ऐसे में ऑनलाइन मैप देखते वक्त कई सारे खाने नजर आते हैं। वेक्टर मैप वैसा ही होता है। मैप में संपत्तियों का एरिया सहित पूरा डिजिटल ब्योरा होता है। ऐसे में वेक्टर मैप में किसी संपत्ति पर क्लिक करते ही उसका नक्शा सहित विस्तृत ब्योरा सामने आ जाता है। वेक्टर मैप में बिक चुके भूखंड में आवंटियों को उनकी संपत्ति की आईडी दी जाएगी। जिसमें आवंटी उसके बकाया सहित अन्य जानकारियां केवल वह ही देख सकेंगे।

बाकी संपत्तियों और सार्वजनिक संपत्तियों की जानकारी आसानी से देखी जा सकेगी। वेक्टर मैप तैयार करने के लिए सभी योजनाओं में संपत्तियों की फाइलों को स्कैन कर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया गया। ऐसे में वेक्टर मैपिंग में सिलसिलेवार स्कैनिंग के ब्योरे को शामिल करते ही सभी जानकारियां ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आ जाएंगी। वहीं,वेक्टर मैपिंग के साथ उसकी खामियों को दूर करने की प्रक्रिया जारी है। सभी क्षेत्रों की वेक्टर मैपिंग के बाद उसे जीडीए वेबसाइट से जोड़ा जाएगा।

जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि रिमोट सेंसिंग एजेंसी ने मैपिंग संबंधी 60 फीसद काम पूरा कर लिया है। बाकी काम को जल्द पूरा करने के साथ ही इसके अध्ययन के लिए जो ब्योरा मांगा गया हैं। उसे जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि दिसंबर तक सभी संपत्तियों का ऑनलाइन डाटा तैयार कर प्लेटफार्म पर डाला जा सके। इसके पूरा होने के बाद संपत्तियों का पूरा ब्योरा ऑनलाइन प्लेटफार्म पर होगा।वहीं,कौन-कौन संपत्ति कितनी बार बिकी और किसके नाम बेची गई। संपत्तियों पर बकाया धनराशि,आवंटित संपत्तियों के दस्तावेज उपलब्ध लॉगइन आईडी से देखे जा सकेंगे।