म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर ने कहा नागरिकों और अधिकारियों के बीच की दूरी खत्म कर रहा जन चौपाल
विजय मिश्र (उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। समस्या हैं और समस्याएं आगे भी आएंगी। लेकिन हमें उसका समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निराकरण करना है। गाजियाबाद नगर निगम का सबसे बड़ा लक्ष्य हर समस्या की शिकायत का समाधान एवं निस्तारण का समय बेहतर करना है। कम समय में हम लोगों की शिकायतों का निस्तारण कर दें। उनकी शिकायत नहीं आए और यदि आये भी तो उसे कम से कम समय में अटेंड करें। तभी हम बेहतर डिलीवरी दे पाएंगे। गाजियाबाद के म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर ने उदय भूमि के साथ विशेष बातचीत में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद वाइब्रेंट और डायनामिक सिटी है। शहर लगातार बढ़ रहा है और यहां के लोग काफी रिस्पांसिव हैं। ऐसे में नगर निगम की कार्यशैली में बदलाव बेहद जरूरी है। हमें शहर की वर्तमान जरूरत के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को लेकर भी अभी से प्लानिंग करनी होगी। गाजियाबाद देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है और उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद के विकास एवं जनसुविधाओं में बढ़ोत्तरी को लेकर काम किया जा रहा है।
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म्युनिसिपल कमिश्नर ने कहा कि गाजियाबाद हम सभी का है। गाजियाबाद में रहने वाली सभी लोग गाजियाबादवासी हैं। हमें अपने शहर को साफ सुथरा रखना है। यह भावना सभी लोगों में डेवलप करनी होगी। लोकल प्रॉब्लम का लोकल स्तर पर ही समाधान हो जाये। इसको ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने जन चौपाल कार्यक्रम शुरू किया है। जन चौपाल का मतलब सिर्फ यह नहीं है कि हम लोगों की शिकायतें सुनते हैं। इस कार्यक्रम में हम लोगों को बताते हैं कि नगर निगम क्या कर रहा है और वह शहरवासियों से क्या उम्मीद कर रहा है। ज्ञात हो कि म्युनिसिपल कमिश्नर द्वारा शुरू की गई जन चौपाल और डस्ट फ्री गाजियाबाद अभियान काफी चर्चित हो रहा है और लोग इसकी खूब सराहना कर रहे हैं।
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महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि गाजियाबाद शहर कैसे साफ सुथरा और कचरा मुक्त बने इसके लिए काम किया जा रहा है। नगर निगम मुख्यालय में हाईटेक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और ई-ऑफिस की योजना पर काम चल रहा है। शहर की पेयजल आपूर्ति को लेकर एक महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट तैयार की जा रही है। फंड की कमी को दूर करने के लिए बांड लाया जाएगा और टैक्स वसूली सहित आमदनी के सोर्स बढ़ाए जाएंगे। पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर को लेकर महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि निगम की जमीन पर अवैध कब्जा होने के कारण यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पिछले एक वर्ष से रूका हुआ था। नगर निगम की जमीन पर अभी भी लोगों का अवैध कब्जा है। जिसे कब्जामुक्त कराया जाएगा। मानवीय पहलु को ध्यान में रखते हुए पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की जमीन खाली कराने के बाद प्रभावित लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था का आॅफर नगर निगम द्वारा दिया गया। म्युनिसिपल कमिश्नर ने कहा कि 2021 स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए शहर ने तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन हमारा फोकस सिर्फ रैंकिंग नहीं बल्कि धरातल पर स्वच्छता के सपने को साकार करना है। अधिकारियों की अकाउंटेबिलिटी सेट की जाएगी और निगम में एक परफेक्ट सिस्टम डेवलप किया जाएगा।