अनलॉक से पहले बाजारों की सुरक्षा सुनिश्चत करें सरकार: प्रदीप गुप्ता

गाजियाबाद। व्यापारी एकता समिति संस्थान ने लॉक डाउन के बाद बाजारों को खोले जाने से पहले बाजारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने इस संबंध में उप्र सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि कोरोना के क़हर के बीच देश में इस वक्त ज़्यादातर राज्यों में लॉकडाउन लागू है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी आई है। कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों में भी गिरावट आई है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि शायद जून की शुरुआत से अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू हो जाए। लेकिन एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी से ये मान लिया जाय कि अब कोरोना ख़त्म हो गया है। इसका जवाब है नहीं। तो अब आगे क्या? अनलॉक का मतलब है कि बाज़ार खुलेंगे, भीड़भाड़ बढ़ेगी और चहल-पहल भी। ऐसे में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन कैसे हो? बाज़ार को कैसे सैनेटाइज किया जाए और कोविड-19 से बचाव के लिए जो भी सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक उपाय हैं उसे कैसे लागू किया जाय ? ये एक बड़ी चुनौती बनने जा रही है। ऐसा लगता है कि अभी इस ओर शासन प्रशासन का फिलहाल ध्यान नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में व्यापारियों की मौत हुई है। कारोबार को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार हेल्थ एक्सपट्र्स से मशवरे के आधार पर बाज़ारों के लिए सुरक्षा मानकों को तैयार करे। उसे हर जिले के जिलाधिकारी को भेजे और जिलाधिकारी पुलिस और व्यापार संगठनों के साथ मिलकर बाज़ार की, व्यापारियों की और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यह कार्य अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही सरकार को रोड मैप तैयार कर सभी जिलाधिकारियों को भेजना चाहिए ताकि अनलॉक की शुरुआत होते ही उसे लागू कराया जा सके। नहीं तो थोड़ी सी भी लापरवाही से जान और माल दोनों के नुकसान हो सकते हैं। सरकार की ओर से व्यापारियों को ना तो कोई राहत पैकेज ही अभी तक मिला और न ही बैंक लोन की किश्तों में रियायत। इसलिए जब बाज़ार सुरक्षित होगा तो ही ग्राहक आएंगे और कारोबार भी होगा। इसलिए इस संबंध में सरकार को बाज़ारों की सुरक्षा को लेकर जल्द से जल्द दिशा-निर्देश जारी कर देना चाहिए।