स्वास्थ्य सेवाओं को हरेक आम आदमी तक पहुंचाना सरकार का लक्ष्य: डॉ. मनसुख मंडाविया

  • केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया एवं हरदीप सिंह पुरी ने किया रोबोटिक सर्जरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइंटिफिक सेशन का उद्घाटन
  • अस्पताल ने इस तकनीक को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए केंद्र में चौथी पीढ़ी की रोबोटिक सर्जरी प्रणालियों में से एक दा विंची को किया इन्स्टॉल किया
गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल कौशांबी के प्रमुख तृतीयक देखभाल केंद्रों में से एक ने आज रोबोटिक सर्जरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक नया विभाग शुरू किया। आयोजित रोबोटिक सर्जरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइंटिफिक सेशन का शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. मनसुख एल मंडाविया ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, राज्य सभा सांसद अनिल अग्रवाल, अस्पताल के सीएमडी डॉ पी.एन. अरोड़ा, प्रबंध निदेशक डॉ उपासना अरोड़ा की मौजूदगी में उद्घाटन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख एल मंडाविया ने कहा कि यह भारत सरकार के सभी मिशन के लिए स्वास्थ्य की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

यशोदा अस्पताल के लिए इस तरह की सेवाओं को जोड़ना न केवल पेशेवर काम है बल्कि वे इसे राष्ट्र के विकास के लिए कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश की मानसिकता बदली है कि लोग केवल सरकार से देश के लिए काम करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अब निजी क्षेत्र देश के विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण के साथ सामने आने लगा है। उन्होंने कहा 9 साल पहले देश में एमबीबीएस की मात्र 54 हजार सीटें थीं, जो अब बढ़कर 1 लाख 3 हजार हो गई हैं। हमने अस्पतालों की संख्या बढ़ाने से पहले मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है। जल्द ही यूजी और पीजी की सीटों को समान किया जाएगा। ताकि एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी करने का अवसर मिल सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के पास नए अनुसंधान और प्रौद्योगिकी समर्थित समाधानों का नेतृत्व करने की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है, जो सार्वभौमिक स्वीकार्यता के साथ व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक हैं। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि देशवासी स्वस्थ रहेंगे, तभी राष्ट्र प्रगति करेगा। सक्रिय वैश्विक सहयोग से ही एक धरती, एक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को हकीकत बनाया जा सकता है, जहां देश केवल अपने बारे में नहीं बल्कि सामूहिक वैश्विक परिणामों के बारे में सोचते हैं। मंडाविया ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को एक देश तक सीमित नहीं किया जा सकता है क्योंकि एक देश का स्वास्थ्य और कल्याण दूसरे देश को प्रभावित करता है। हम एक अंतर-निर्भर दुनिया (इंटर-डिपेंडेंट वर्ल्ड) में रहते हैं, जिसमें न केवल देश बल्कि मानव आबादी का स्वास्थ्य आसपास के पर्यावरण और जानवरों के स्वास्थ्य से समान रूप से प्रभावित होता है। उद्घाटन के अलावा, अस्पताल ने रोबोटिक सर्जरी तकनीक पर ध्यान देने के साथ स्वास्थ्य सेवा में रोबोटिक्स और एआई के लाभों पर एक सूचनात्मक सत्र भी आयोजित किया।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत को विश्व स्तर पर स्वास्थ्य के मामले में अग्रणी स्थिति में ले जाने के लिए यशोदा कौशांबी की भांति अन्य निजी अस्पतालों को भी ऐसी बड़ी पहल करनी चाहिए। जिस तरह से स्वास्थ्य क्षेत्र में यशोदा कौशांबी अस्पताल उमदा प्रदर्शन कर रहा है, उसी तरह अन्य निजी अस्पतालों को भी पहल करनी होगी। तभी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होगी। यशोदा कौशांबी अस्पताल द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों से अन्य अस्पतालों को भी सीख लेनी की आवश्यकता है।

हॉस्पिटल्स के सीएमडी डॉ पीएन अरोड़ा ने कहा, हम उन्नत और सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के नए तरीके खोजने में हमेशा सबसे आगे रहते हैं, और सबसे अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी लाना हमारा लक्ष्य है। हमारे रोगियों के लाभ के लिए हमारे अस्पतालों में रोबोटिक्स और एआई जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियां स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं और हमें बेहतर रोगी देखभाल और अनुभव प्रदान करने में मदद कर रही हैं।
हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक रोगियों को उपलब्ध सबसे उन्नत शल्य चिकित्सा और चिकित्सा देखभाल का लाभ मिले। दा विंची की स्थापना के साथ, हमें विश्वास है कि हम कई और रोगियों के जीवन को बदल देंगे क्योंकि उपचार उनके लिए अधिक प्रभावी और कम तनावपूर्ण हो जाएगा। यह सर्जनों और देखभाल टीमों की भी मदद करता है क्योंकि दा विंची उच्च परिशुद्धता, लचीलापन और नियंत्रण प्रदान करता है। इस विभाग के माध्यम से, हम निकट भविष्य में एक बड़ी आबादी के लिए अधिक उन्नत चिकित्सा और सर्जिकल तकनीकों को सुलभ बनाने का लक्ष्य रखते हैं।

अस्पताल की प्रबंध निदेशक डॉ उपासना अरोड़ा ने नई एवं सरल सर्जिकल तकनीकों को लोगों तक पहुंचने के लिए के लिए, अस्पताल ने नए खुले विभाग में अमेरिका स्थित इंटूटिव द्वारा चौथी पीढ़ी के रोबोटिक सर्जरी कार्यक्रमों में से एक दा विंची स्थापित किया है। अस्पताल का लक्ष्य इस पहल के माध्यम से जनता के लिए ऑपरेशन एवं इलाज को सुलभ बनाना है, जिसमें बेहतर रोगी परिणाम प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि हम रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी, विशेष रूप से दा विंची, के बेहतर रोगी और नैदानिक परिणामों के लिए नवीनतम तकनीक से अफोर्डेबल इलाज कर पाएंगे।