निरोधात्मक कार्रवाई: लूट-डकैती, महिला अपराध में लिप्त 4511 नए अपराधी बनेंगे हिस्ट्रीशीटर

गाजियाबाद। जिले में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए पुलिस अपराधियों की कमर तोडऩे का प्रयास जारी है। वहीं, ट्रैफिक व्यवस्था दुरूस्त करने भी जोर दिया जा रहा हैं।
कमिश्नरेट पुलिस ने खराब शोहरत वाले अपराधियों को जहां गुंडा बनाना शुरू किया वहीं, गिरोह बनाकर अपराध करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर शिकंजा कसा। इसके चलते पुलिस अब अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले नए अपराधियों को हिस्ट्रीशीटर बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत महिला अपराध, लूट, डकैती, चोरी आदि घटनाएं करने वाले नए अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलकर उनकी निगरानी की जाएगी। महिला के विरूद्ध अपराध, लूट, हत्या, डकैती व चोरी के अपराधी जमानत पर जेल से छूटकर फिर से अपराध करते हैं। तमाम निरोधात्मक कार्रवाई कर पुलिस इन पर शिकंजा कसती है। वहीं, कुछ ऐसे अपराधी भी हैं जो आपराधिक घटनाएं करने वाले नए चेहरे हैं। बीते दो साल में नए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला पुलिस ने लिया है। इसके तहत उन अपराधी का आंकड़ा जुटाया गया जो दो साल के भीतर अपराध की दुनिया में नए चेहरे हैं। अब तक जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक दो साल में हत्या, लूट, डकैती, नकब जनी, चोरी की घटनाओं में 4511 नए अपराधी चिन्हित हुए हैं। इनकी निगरानी करने के लिए पुलिस अब इनकी हिस्ट्रीशीट खोलेगी।

पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने बताया कि कमिश्नरेट में अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस तमाम निरोधात्मक कार्रवाई कर रही है। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद 160 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। जबकि 87 अपराधियों को जिला बदर किया गया। नए अपराधियों को अब चिन्हित कर उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद अपराधी को संबंधित थाने में हाजिरी देनी होती है। वहीं, अपने काम-धंधे की भी जानकारी देनी होती है। हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए तीनों जोन के डीसीपी को निर्देशित किया गया हैं।
हत्या, लूट, डकैती को संगीन घटना माना जाता है। इसके अलावा नकबजनी और चोरी आम लोगों को प्रभावित करने वाले अपराध हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों का आंकड़ा जुटाया गया है। बीते दो वर्षों में हत्या में 495 नए अपराधी चिन्हित हुए हैं। वहीं, लूट, डकैती की घटनाओं में 482 नए अपराधी सामने आए हैं। इसके अलावा नकबजनी की घटनाओं में 514 व चोरी की वारदातों में 3056 नए आरोपियों का चिन्हीकरण किया गया है। वहीं, दो साल में 38 नए गैंग पंजीकृत हुए है।

पुलिस गिरोह बनाकर वारदात करने वालों पर गैंगस्टर लगा रही है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर सक्रिय होने पर गैंग पंजीकृत कर रही है। दो वर्षों में 38 नए गैंग पंजीकृत किए गए हैं। वर्ष-2021 में दो व वर्ष-2022 में सात नए गैंग पंजीकृत किए गए। कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिस ने चार महीने के भीतर सर्वाधिक नए 29 गैंग पंजीकृत किए हैं। कमिश्नरेट बनने से पहले पुलिस को गुुंडा व गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों की हरी झंडी का इंतजार रहता था। लेकिन कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद गुंडा व गैंगस्टर की कार्रवाई कराने की शक्ति पुलिस को मिल गई है। इसी कड़ी में कमिश्नरेट पुलिस ने चार महीने के भीतर 43 अभियोग पंजीकृत करते हुए 160 अपराधियों पर गैंगस्टर लगाया। इसके अलावा पुलिस ने 87 अपराधियों को जिला बदर करते हुए छह माह के लिए कमिश्नरेट में प्रवेश वर्जित किया। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अपराधियों की निगरानी बढ़ाने के लिए एक बार फिर से बड़ी संख्या में पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी पूरी कर ली हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कमिश्नरेट में वर्तमान में 1361 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से 1361 ए श्रेणी व 35 बी श्रेणी के हैं। बी-श्रेणी के हिस्ट्रीशीट के एक बार खुलने के बाद कभी बंद नहीं होती। हिस्ट्रीशीटर मरते दम तक हिस्ट्रीशीटर रहता हैं।