ईएसआईसी अस्पताल में नौकरी के नाम पर 3 लाख की अवैध वसूली, अटेवा ने उठाई आवाज

गाजियाबाद। भारत सरकार ने सरकारी महकमों में आपूर्ति और सेवाओं की व्यवस्था को तेज गति देने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटिंग प्लेस (जेम) नाम की सरकारी वेबसाइट विकसित की है। मगर अब जेम पोर्टल के माध्यम से दी जा रही नौकरियों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। हाल ही में ऑल टीचर्स एम्पाईज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) पेंशन बचाओं को ईएसआईसी हॉस्पिटल साहिबाबाद की कांटेक्ट बेस पर पिछले वर्ष लगाई गई 15 नर्सों ने ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई है। नर्सों का आरोप था कि बिना किसी सूचना या गलती के चार दिन पहले उन्हें निकाल दिया गया। जबकि पिछले वर्ष 2021 में इनका चयन जेम पोर्टल के माध्यम से कांटेक्ट लेने वाली संस्था ने किया। नौकरी के दौरान बताया कि 4 साल के लिए आपका कांटेक्ट है और चयनित नर्सों से करीब 3-3 लाख रुपए सिक्योरिटी के नाम पर वसूले गए। कहा गया कि सरकारी विभाग में नौकरी करने का यह अच्छा मौका है। भविष्य में आप लोगों की नौकरी परमानेंट हो जाएगी। चार दिन पहले अचानक जब ये नर्स ड्यूटी पर पहुंची तो अस्पताल प्रशासन ने इनको हॉस्पिटल ने कॉटेक्ट खत्म होने का हवाला देकर बाहर निकाल दिया। जब पीडि़त नर्सों ने सिक्योरिटी के नाम पर लिए गए पैसे फर्म के लोगों से वापस मांगे तो उन्होंने कहा कि वह रिश्वत थी जो तुमसे सिक्योरिटी बताकर ली गई थी, रिश्वत वापस नहीं मिलती।

अटेवा गाजियाबाद की टीम मनीष कुमार शर्मा (जिलाध्यक्ष), पारस गोस्वामी (अटेवा ब्लॉक अध्यक्ष लोनी), प्रदीप चौहान (जिला कोषाध्यक्ष), विनोद यादव (अटेवा ब्लॉक उपाध्यक्ष लोनी) ने ईएसआईसी हॉस्पिटल नर्सों को लेकर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिलकर विस्तृत चर्चा की। जहां सीएमएस ने बताया कि इन नर्सों को गुमराह किया गया है। जिस फर्म ने इन्हें कांटेक्ट पर रखा, वह एक वर्ष का था। जो कि फर्म ने इन्हें नही बताया। ना ही इनको कोई दस्तावेज दिया गया, इसमें अस्पताल प्रबंधन का कोई दोष नही है। अब दूसरी फर्म ने नई नर्सों को चयनित कर कर हॉस्पिटल में उनका चयन किया है। जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि यह है निजीकरण का दुष्प्रभाव हैं, भविष्य में सरकारी नौकरियों के दरवाजे हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए पूरी तरह बंद कर दिए गए और कॉन्ट्रैक्ट बेस पर जेम पोर्टल के माध्यम से भर्तियां शुरू हो गई और जिसमें सत्यता कॉन्टैक्ट फर्म कभी भी अभ्यर्थी को बताती ही नहीं है।

ऐसे में शोषण आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण को बढ़ावा दिया जा रहा है। नर्सों ने बताया कि 1 कर्मचारी उनसे आर्थिक शोषण की बात करता था और आर्थिक शोषण की बात भी रिकॉर्डिंग सीएमएस को व्हाट्सएप के माध्यम से दी गई और अटेवा टीम ने सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात की। उन्होंने कहा जेम पोर्टल के माध्यम से दी जा रही नौकरियों में अभी से भ्रष्टाचार का खेल उजागर होने लगा है। अगर इसी तरह आमजन का शोषण होता रहा तो कैसे कोई काम कर सकेंगा। नर्सों से नौकरी के नाम पर जो अवैध वसूली की गई है। उसे बर्दास्त नही किया जाएगा। इसकी शिकायत जल्द ही डीएम से भी की जाएगी। अटेवा मंच पिछले कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाल के मुद्दों को उठा रहा है। उसी संघर्ष का असर है कि पंजाब सरकार ने भी पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। सरकारी नौकरी देने के नाम पर सरकार लोगों को मूर्ख बनाने का काम कर रही है। अगर इसी तरह सरकार रवैया रहा तो शिक्षित और अशिक्षित लोगों में अंतर ही क्या रह जाएगा। क्योंकि प्राइवेट कंपनी अपने हिसाब से कर्मचारियों को रखेगी। ऐसे में नई तैनाती तो दूर वर्तमान के खाली पड़े पद भी खत्म हो जाएंगे।