संभव कार्यक्रम में नगरायुक्त ने जन-शिकायतों की सुनवाई की

कुल 15 संदर्भ आए, तत्काल निस्तारण करने के दिए गए निर्देश

गाजियाबाद। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने मंगलवार को नगर निगम सभागार में आयोजित संभव कार्यक्रम के दौरान जन-समस्याओं की सुनवाई की। ऐसे में उनके समक्ष कुल पंद्रह संदर्भ आए। जिनमें 7 शिकायत और 8 मांग थीं। इस बावत संबंधित अधिकारियों को तत्काल उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जन-सुनवाई को शुरू करने से पहले नगरायुक्त ने 5 जुलाई को संपन्न जन-सुनवाई की कार्यवाही आख्या की जांच की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर निस्तारण की रिपोर्ट भी देखी, जिसमें अतिक्रमण पर विशेष ध्यान दिया गया। रिपोर्ट के दौरान लगभग संपूर्ण शिकायतों पर कार्यवाही हो चुकी थी। जिस पर अधिकारियों ने अपनी कार्यवाही आख्या प्रस्तुत की।

इसके उपरांत नगरायुक्त तथा अन्य अधिकारियों ने जन-शिकायतों की सुनवाई आरंभ की। मंगलवार को कुल 15 संदर्भ प्राप्त हुए। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि 15 संदर्भ में 7 शिकायतें तथा 8 मांग प्राप्त हुई हैं, जिन्हें अटेंड करने के लिए तत्काल प्रभाव से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। 3 दिन के भीतर कार्यवाही कर अवगत कराने को निर्देशित किया गया। संभव के तहत जलकल, उद्यान व निर्माण विभाग की एक भी शिकायत नहीं मिली। अधिकांश शिकायतें अतिक्रमण से संबंधित थीं। जिन पर नियमानुसार कार्यवाही करने को अपर नगरायुक्त अरुण कुमार यादव को निर्देशित किया गया।

नगरायुक्त तंवर ने बताया कि शहर को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। सिटी, कविनगर, विजय नगर, मोहन नगर एवं वसुंधरा जोन में रोस्टर अनुसार कार्यवाही हो रही है। अतिक्रमण हटाने से पहले अतिक्रमणकर्ताओं को चेतावनी दी जाती है। इसके बावजूद अतिक्रमण न हटाए जाने पर कार्यवाही की जाती है। उन्होंने कहा कि शहर की बदलती तस्वीर और समस्याओं के निस्तारण में संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ पार्षदों तथा जन-प्रतिनिधियों का भी योगदान भी नगर निगम को मिल रहा है।

जन-सुनवाई कार्यक्रम के तहत नागरिकों की समस्याओं का निर्धारित समयावधि में समाधान कराने की हरसंभव कोशिश हो रही है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। पहले के मुकाबले समस्याओं की संख्या में कमी आई है। शिकायत प्राप्त होने के बाद संबंधित विभाग उचित कार्यवाही कर शिकायत कर्ता को अवगत कराते हैं। शिकायत कर्ता के संतुष्ट होने पर रिपोर्ट तैयार कर नगरारयुक्त को उपलब्ध कराई जाती है। संभव कार्यक्रम के जरिए शहरवासियों की समस्याओं का निदान आसानी से हो पा रहा है। उन्हें समस्याओं को लेकर इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है।