आईटीएस में द्वि-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन व 39वीं जीआईएसएफआई श्रंखला बैठक का शुभारंभ

– 6जी एवं हरित प्रोद्योगिकी, देश-विदेश के शोध कर्ता तथा प्रसिद्ध टेक्नोकेट्स एक मंच पर हुए उपलब्ध

गाजियाबाद। मोहन नगर स्थित आईटीएस संस्थान में द्वि-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा 39वीं जीआईएसएफआई मानकीकरण श्रृंखला बैठक का सोमवार को शुभारंभ हुआ। सम्मेलन का विषय 6जी एवं हरित प्रोद्योगिकी है। इस सम्मेलन का उद्देश्य देश विदेश के शोध कर्ताओं तथा प्रसिद्ध टेक्नोकेट्स को एक सार्थक मंच उपलब्ध कराना हैं। जहां वे अपने अनुभव एक साथ साझा कर सकें तथा नई तकनिकों को एक उच्च आयाम पर ले जाया जा सकें। समारोह का औपचारिक उद्घाटन आईटीएस समूह के चेयरमैन आरपी चढ्ढा, आईटीएस समूह के वाइस चेयरमैन अर्पित चढ्ढा, मुख्य अतिथि रामजी प्रसाद (डेनमार्क), संस्थापक अध्यक्ष, सीटीआईएफ ग्लोबल कैप्सूल, संस्थापक अध्यक्ष जीआईएसएफआई। संस्थापक अध्यक्ष/सह-अध्यक्ष, जीडब्ल्यूएस/डब्ल्यूपीएमसी, संचालन बोर्ड, संस्थापक अध्यक्ष विश्वनिकेतन, व्यवसाय विकास और प्रौद्योगिकी विभाग, आरहूस विश्वविद्यालय, हर्निंग कैंपस, डेनमार्क में प्रोफेसर सोरेन ट्रैनबर्ग हैनसेन, डेनमार्क के महावाणिज्य दूतावास (बैंगलोर भारत) पीटर लिंडग्रेन, मुख्य प्रवक्ता डॉ संदीप इनामदार वाईस चेयरमैन विश्वनिकेतन पुणे, आईटीएस मोहननगर के आईटी विभाग तथा स्नातक परिसर के निदेशक डॉ सुनील कुमार पाण्डेय तथा आईटीएस स्नातक परिसर की वाइस प्रिंसिपल प्रो नैन्सी शर्मा एवं डॉ एसडीएस मंत्री द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुआ। सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सो से बड़ी संख्या में शोध पत्र के प्रतिनिधी तथा योगदानकर्ताओं ने भाग लिया।

वॉइस चेयरमैन अर्पित चढ्ढा ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान परिदृष्य में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चल रहे विकास एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय प्रोफेशनल्स की स्वीकार्यता एवं उनके देश के आर्थिक विकास में योगदान महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए रामजी प्रसाद ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे नित नये शोध एवं विकास कार्यों का उल्लेख करते हुये उनके व्यावसायिक, सामाजिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तनों पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि हमें इन तकनीकों के सफलतापूर्वक कियान्वयन एवं उपयोग के लिए हमें इसके अनुप्रयोगों को समझने एवं आत्मसात करने की आवश्यकता है।

सोरेन ट्रेनवर्ग हैन्सेन ने सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों की चर्चा की। उन्होंने ई-गवर्नेन्स से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए संस्थानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की उत्पादकता, गुणवत्ता सुधार एवं पारदर्शिता बढ़ाने में ई-गवर्नेन्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। डा0 सुनील कुमार पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इन्टरनेट तथा इन्टरनेट से सम्बंधित एप्लिकेशन्स का अधिक महत्व है इस वातावरण में 6 जी टैक्नोलोजी मील का पत्थर साबित होगी। प्रो नैन्सी शर्मा ने कहा कि हरित तकनीक आज के परिदृश्य में वातावरण को बचने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सबका सञ्चालन आई0 टी0 विभाग की प्रो0 पूजा धर ने किया। उद्घाटन सत्र के पश्चात् तीन समूह वार्ताओं का आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश के प्रसिद्ध शिक्षाविद शोधकर्ता तथा टेक्नोक्रेटस ने भाग लिया। प्रथम दिन के वक्ताओ में केके ठाकुर, डॉ दिनेश चंदा शर्मा, प्रो विक्रम सिंह, सुधांशु शेखर जमुआर, डॉ वंदनाम रोहोकाले, एवं प्रो अभय रे ने विभिन्न आयामो पैर चर्चा की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, संकाय सदस्यगण एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।