पूर्व पार्षद की नगर निगम ने बजाई बैंड 12 वर्षों से मचा रखा था आतंक अब जाएगा जेल 50 करोड़ की संपत्ति हुई कब्जा मुक्त

कैलाभट्टा में बुलडोजर चलाकर कराई 50 करोड़ की जमीन कब्जामुक्त
धार्मिक स्थल छेडेंगे नहीं बाकी कब्जाई गई जमीन छोड़ेगें नहीं: सुनीता दयाल

गाजियाबाद। नगर निगम की सरकारी जमीन पर पूर्व पार्षद हाजी खलील द्वारा कब्जा कर मदरसा बनाने व पार्किंग संचालित किए जाने के चलते करीब 50 करोड़ रुपए की जमीन को बुलडोजर चलाकर नगर निगम ने सोमवार को कब्जा मुक्त करा लिया। महापौर सुनीता दयाल एवं नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ की अगुआई में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, पांचों जोन के जोनल प्रभारी, प्रवर्तन दल प्रभारी एवं एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह की मौजूदगी में सुबह करीब 11 बजे से शाम 5 बजे तक पांच बुलडोजरों से जमीन को कब्जामुक्त कराया गया। महापौर सुनीता दयाल खुद भी शाम तक कैलाभट्टा में जमीन को कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई के दौरान वहीं डंटी रहीं। महापौर ने कहा कि पिछले करीब 12 साल से पूर्व पार्षद द्वारा निगम की सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। यह शहर में ऐसा पहली बार ऐतिहासिक कार्य हुआ। महापौर ने कहा कि कुछ जमीन पर मस्जिद बनीं है,आस्था का केद्र है। इसे नहीं तोड़ा जाएगा।

दरअसल, महापौर व नगर आयुक्त ने 26 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस  में जमीन को कब्जा मुक्त कराने का दावा किया था। वहीं, पूर्व पार्षद हाजी खलील के खिलाफ नगर कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। सोमवार को महापौर ने कैलाभट्टा में स्वयं पहुंचकर अधिकारियों, प्रवर्तन दल, पुलिस फोर्स, 5 बुलडोजर से कैलाभट्टा में खसरा संख्या-213 की 2,3340 वर्गमीटर भूमि को कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई कराई। वहीं, ध्वस्तीकरण के दौरान मलबा एवं अन्य सामग्री की महापौर ने मौके पर ही नीलामी कराई। लगभग 23 लाख रुपए की बोली लगी। इससे निगम को राजस्व मिला। कैलाभट्टा में मरकज मस्जिद के बराबर में कब्जामुक्त कराई गई 23340 वर्ग मीटर भूमि की वर्तमान में अनुमानित 50 करोड़ रुपए कीमत हैं। इस पर पिछले 10 से 12 साल से पूर्व पार्षद हाजी खलील अहमद ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। निगम की इस कार्रवाई के दौरान आसपास के लोग भी शांत रहे। पूर्व पार्षद ने क्षेत्र के लोगों मे दहशत फैला रखी थी।क्षेत्र में गुंडई फैला रखी थी, सरकारी भूमि पर पार्किंग चला रखी थी।

 


वहीं, कबाड़ी को जमीन किराए पर दे रखी थी। भूमि पर स्वयं के लिए कमरे बनाए हुए थे। जिन्हें बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। महापौर ने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी भी कीमत पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। इस कार्रवाई के दौरान अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव,संपत्ति प्रभारी सहायक नगर आयुक्त पल्लवी सिंह, एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश कुमार, संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ गौतम, कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, पार्षद नीरज गोयल, प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक शरण, प्रवर्तन दस्ता, पुलिस आदि मौजूद रहे। महापौर ने कहा कि कब्जामुक्त कराई गई जमीन पर सामुदायिक केंद्र एवं दुकानों का निर्माण कराया जाएगा।

इससे निगम को आय हो सकेगी। इस जमीन के पास रेलवे की जमीन भी है, रेलवे के अधिकारी भी कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंचे। रेलवे और निगम की यह जमीन कब्जामुक्त करा ली गई। मस्जिद को तोडऩे के लिए महापौर सुनीता दयाल ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद हाजी खलील द्वारा कब्जाई गई जमीन यह गैरकानूनी है। इस जमीन के बीच में एक मस्जिद है। उसे नहीं तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है। इसलिए वह धार्मिक स्थल छेडेंगे नहीं बाकी कब्जाई गई जमीन का एक इंच हिस्सा छोड़ेंगे नहीं। इसलिए मौके पर लोगों को नमाज पढऩे दी गई बल्कि इस दौरान कुछ देर के लिए कार्रवाई भी रोक दी गई। मस्जिद का निर्माण कराने के अलावा बच्चों के लिए मदरसा भी बनाया गया था। इसकी आड़ में यहां पर बाकायदा एक टेंट हाउस का संचालन होता था। जबकि कई दुकानें बनाकर उनसे बाकायदा किराया वसूला जाता था। इसके अलावा कई गोदाम पूर्व पार्षद ने किराए पर भी दे रखी थी। एसडीएम विनय सिंह ने बताया कि यह कब्जा तीन दशक पुराना था।