जनहित में नगर निगम का फैसला, कूड़ा कलेक्शन यूजर चार्ज में 90 प्रतिशत की कटौती

यूजर चार्ज को कम करने का प्रस्ताव भी लाया गया। चर्चा के उपरांत इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया। नगर निगम ने कूड़ा कलेक्शन के लिए न्यूनतम 40 रुपए से लेकर अधिकतम 15 हजार रुपए प्रतिमाह का शुल्क तय किया था। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से 40 रुपए, घरों से 60 रुपए, डेयरी से प्रतिमाह 5 हजार रुपए, फाइव स्टार होटल व सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल से 15 हजार रुपए मासिक की दर तय की गई थी। 2 साल का यूजर चार्ज का बिल पिछले दिनों एक साथ भेजा गया था।

गाजियाबाद। नगर निगम कार्यकारिणी की शुक्रवार को आयोजित बैठक में शहरवासियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। कूड़ा कलेक्शन के लिए निर्धारित यूजर चार्ज में 90 प्रतिशत तक की कटौती कर दी गई है। यानी पहले के मुकाबले यूजर चार्ज अब कम हो जाएगा। यूजर चार्ज अत्याधिक होने के कारण भवन स्वामियों एवं कारोबारियों को परेशानी हो रही थी। कार्यकारिणी बैठक के एजेंडे में यह प्रस्ताव शामिल नहीं था। ऐन वक्त पर इस प्रस्ताव को शामिल कर चर्चा की गई। मेयर आशा शर्मा एवं नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर की मौजूदगी में कार्यकारिणी बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान पार्षदों ने विभिन प्रस्तावों पर चर्चा की।

बैठक में कूड़ा कलेक्शन के लिए निर्धारित यूजर चार्ज को कम करने का प्रस्ताव भी लाया गया। चर्चा के उपरांत इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया। नगर निगम ने कूड़ा कलेक्शन के लिए न्यूनतम 40 रुपए से लेकर अधिकतम 15 हजार रुपए प्रतिमाह का शुल्क तय किया था। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से 40 रुपए, घरों से 60 रुपए, डेयरी से प्रतिमाह 5 हजार रुपए, फाइव स्टार होटल व सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल से 15 हजार रुपए मासिक की दर तय की गई थी। 2 साल का यूजर चार्ज का बिल पिछले दिनों एक साथ भेजा गया था।

इसके तहत 2.50 लाख रुपए तक बिल स्कूलों तक को भेजा गया। यूजर चार्ज में 90 प्रतिशत तक की कमी होने से अब अब 40 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक प्रतिमाह कूड़ा कलेक्शन यूजर शुल्क तय किया गया है। एमआईजी व एचआईजी फ्लैट से 80 रुपए, छोटी दुकान से 100 रुपए, होटल, अस्पताल, पैथोलोजी लैब, स्कूल व रेस्टोरेंट से 1000 रुपए और फाइव स्टार होटल व बड़े अस्पतालों से 1500 रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज लिया जाएगा। कुछ पार्षदों ने ठेकदारों का भुगतान कराने को लेकर बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी तक दे डाली। हालांकि महापौर आशा शर्मा एवं नगर आयुक्त महेेंद्र सिंह तंवर ने पार्षदों का बेबाकी से जबाव देते हुए उन्हें कुछ देर में ही शांत कर दिया।

ढाई माह में दस करोड़ रुपए व्यय
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह ने बैठक मेें बताया कि कूड़ा निस्तारण में हर साल करीब 45-50 करोड़ खर्च होते थे। सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के आने और कूड़े का निस्तारण निजी कंपनियों को देने की योजना के बाद इस साल के बजट में सिर्फ 10 करोड़ डीजल के लिए रखे गए थे। यह रकम ढाई माह में ही खर्च हो गई। इसलिए डीजल के लिए 10 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव भी पास हुआ है।

62 की उम्र में शिक्षक होंगे सेवानिवृत्त
शहर में नगर निगम के सभी 7 स्कूलों में करीब 70 शिक्षक कार्यरत हैं। नगर निगम इनकी नियुक्ति संविदा पर करता है। ये शिक्षक 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। इस प्रस्ताव के पास होने से पहले तक शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने की उम्र तय नहीं थी। बैठक में अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, डॉ.अनुज सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ.संजीव सिन्हा, सहायक नगर आयुक्त विवेक त्रिपाठी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, अधिशासी अभियंता देशराज सिंह, अधिशासी अभियंता फरीद अख्तर जैदी, जलकल महाप्रबंध आनंद त्रिपाठी, एओ राजेश गौतम एवं कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे।

पार्षद बोले, विकास कार्यों के लिए 60 लाख रुपए दो
नगर निगम कार्यकारिणी बैठक में पार्षदों ने विकास कार्यों के लिए रकम जारी करने की पुरजोर मांग की। पार्षद जाकिर सैफी ने कहा कि विकास कार्यों की मद में नगर निगम को प्रत्येक वार्ड के लिए 60 लाख रुपए देने चाहिए। कार्य न होने पर जनता से उन्हें गाली सुनने को मिलेंगी। अन्य पार्षदों ने भी सैफी की मांग का समर्थन किया। इस पर नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि आय बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल अगले कुछ माह में नगर निगम के चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले पार्षद अपने-अपने वार्डों में विकास कार्यों को शुरू कराने को उतावले हैं। दरअसल यदि कार्य नहीं होंगे तो उन्हें चुनाव के ऐन मौके पर वोट मांगने के लिए जाने में परेशानी हो सकती है।