नगर निगम की बढ़ेगी आमदनी, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से वसूला जाएगा लाइसेंस फीस

– राजस्व वसूली बढ़ाने को लेकर नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का प्रयास, जुटाये जा रहे हैं आंकड़े

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। नगर निगम को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने एक कदम और बढ़ाया है। नगर आयुक्त द्वारा इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि आम आदमी पर टैक्स का अधिक बोझ ना पड़े। नगर आयुक्त ने निगम की आमदनी का एक स्थायी मद तैयार कर दिया है। इससे ना सिर्फ इस वर्ष निगम को आमदनी होगी बल्कि भविष्य में प्रत्येक वर्ष इसमें बढ़ोत्तरी होगी। दरअसल नगर निगम द्वारा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से लाइसेंस फीस वसूला जाएगा। नगर निगम अधिनियम में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से लाइसेंस फीस वसूले जाने का प्रावधान है। लेकिन गाजियाबाद में अभी तक इसकी वसूली नहीं हो रही थी। लाइसेंस फीस से नगर निगम को एक वर्ष में 5 से 6 करोड़ रुपये की आमदनी होगी और भविष्य में इसमें बढ़ोत्तरी होती रहेंगी।
नगर निगम की आमदनी का मुख्य श्रोत टैक्स वसूली है। लेकिन टैक्स का बोझ आम शहरवासी पर अधिक पड़ता है। प्रदेश के अन्य नगर निगम के मुकाबले गाजियाबाद में टैक्स वसूली की दर भी कम है। बावजूद इसके इस बात पर अधिक जोर दिया जा रहा है कि टैक्स की दरों में कम बढ़ोत्तरी जाये और आमदनी बढ़ाने के अन्य तरीके अपनाये जाये। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं गतिविधियो से लाइसेंस फीस वसूले जाने से आम शहरवासी पर बोझ भी नहीं पड़ेगा और नगर निगम का खजाना भी भरेगा। शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने और विकास योजनाओं को पूरा करने की राह में फंड की कमी आड़े ना आये। इसको लेकर नगर नगर निगम की आमदनी को बढ़ाना बेहत जरूरी है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह इसी बात को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद नगर निगम को स्वाबलंबी बनाने के लिए अन्य मदों से राजस्व वसूली बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

जारी होंगे वार्षिक लाइसेंस
लाईसेन्स शुल्क वार्षिक है। नगर निगम सीमान्तर्गत चलने वाले वाहनों तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के स्वामियों के द्वारा यथाशीघ्र सितम्बर 2021 में ही संबंिधत जोनल कार्यालय/जोनल प्रभारी से सम्पर्क कर निर्धारित लाईसेन्स श ुल्क जमा कराकर लाईसेन्स प्राप्त करना होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रदेश सरकार के शासनादेश के अनुसार विलम्ब शुल्क भी वसूल किया जायेगा तथा बकाया धनराशि पर जुर्माना निर्धारित किये जाने का भी प्राविधान है।

जोनल अधिकारी करेंगे मदद
निर्धारित मदों के लाईसेन्स बनाये जाने में किसी भी प्रकार की समस्या आने जोनल अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एवं लाइसेंस प्रभारी डॉ संजीव सिन्हा ने बताया कि नगर निगम सीमान्तर्गत संचालित समस्त शराब की दुकान, नर्सिंग होम, सिनेमाघर, प्राईवेट अस्पताल, पैथोलोजी सेन्टर, एक्सरे क्लीनिक, डेन्टल क्लीनिक व प्राईवेट क्लीनिक सहित व्यवसायिक वाहनों से लाइसेंस शुल्क वसूला जाएगा। इस बाबत शासनादेश भी जारी है और शासनादेश के अनुसार ही लाइसेंस शुल्क की वसूली की जाएगी।

नगर निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करना बेहद जरूरी है। आम लोगों पर अधिक बोझ भी ना पड़े और नगर निगम की आमदनी भी बढ़े। इस पर जोर दिया जा रहा है। लाइसेंस शुल्क के जरिये नगर निगम की आमदनी बढ़ाई जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा कामर्शियल लाईसेन्स के संबंध में जारी शासनादेश एवं बॉयलाज के अनुसार लाइसेंस शुल्क की वसूली की जाएगी। गाजियाबाद सीमान्तर्गत स्थित समस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लाईसेन्स लेना होगा।
महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त
गाजियाबाद

प्रतिष्ठान का नाम निर्धारित कर दरें (निर्धारित दरें रुपये में हैं)

होटल लॉजिंग तथा गेस्ट हाउस तथा बारात घर – 1000
तीन सितारा होटल – 9000
पांच सितारा होटल – 12000
नर्सिंग होम 20 बेड तक – 2000
नर्सिंग होम 20 बेड से ऊपर – 5000
प्रसूति गृह – 4000
प्रसूति गृह अ – 5000
प्राईवेट क्लीनिक – 5000
पैथोलाजी सेन्टर – 1000
एक्सरे क्लीनिक – 2000
डेन्टल क्लीनिक – 4000
प्राइवेट क्लीनिक – 3000
फाईनेंस कम्पनी, चिट फण्ड – 6000
इन्श्योरेन्स कम्पनी (प्रति शाखा) – 12000
पशुवधशाला (स्लॉटर हाउस) – 25/प्रति पशु, हडडी खाल गोदाम 1000
बार/बियर – 6000
आईस फैक्र्टी – 1000
बिल्डर्स (रजिस्टर्ड) – 5000
देशी शराब – 6000
विदेशी शराब – 12000
भैंसा मांस की दुकान – 3000
बकरा मांस की दुकान – 600
पशुपालन (प्रति पशु) – 1 0 रुपये
कांजी हाउस में बंद जानवरों पर जुर्माना – 350
प्रतिदिन खुराकी छोटे जानवर (बकरी आदि) – 10
प्रतिदिन खुराकी बडे जानवर (गाय, भैंस, घोड़े आदि)- 25
ऑटो रिक्शा – 360
ऑटो रिक्शा 7 सीटर – 720
ऑटो रिक्शा 4 सीटर – 500
मिनी बस – 1500
बस – 2500
तांगा – 50
रिक्शा किराये पर – 150
रिक्शा (निजी चालित) – 75
ठेला/ठेली – 100
हाथ ठेला – 25
बैलगाडी/भैंसा गाडी – 25
ट्राली – 150