आबकारी अधिकारी राकेश सिंह बोले चुनौतियों के बीच करना है काम

-विरोध और राजस्व के बीच फंसा आबकारी विभाग
-ठेकों के खुलने के बावजूद शराब की बिक्री में आई भारी कमी
-शराब माफियाओं पर भी लगातार नजर रख रहा विभाग
-ठेकों पर कोरोना नियमों को लागू करने के लिए बनी टीम

गाजियाबाद। जब से सरकार ने शराब के ठेकों को खोलने की इजाजत दी है। तभी से शहर का कारोबारी वर्ग खासतौर पर सरकार के विरोध में उतर आया है। सभी एक सुर में शराब की दुकानों को बंद करने या फिर बाजारों को फिर से खुलवाने की मांग कर रहे हैं। शराब से सूबे को राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलता है। लिहाजा शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति इसी को ध्यान में रखकर ली गई है। मगर आम जनता से लेकर कारोबारियों से खरी खोटी सुनने के बाद आबकारी विभाग की अपनी अलग चुनौतियां हैं। जिन्हें वह झेलने को मजबूर हैं। होली के बाद आबकारी विभाग के लिए चुनौतियां भी उसी वक्त से शुरू हो गई थीं। पंचायत चुनावों की घोषणा होने के साथ ही आबकारी विभाग चौकन्ना हो गया था। उससे भी बड़ी चुनौती थी अवैध शराब पर शिकंजा कसना। चुनावों में शराब का खेल अपने चरम पर होता है। ऐसे में आबाकारी विभाग ने बड़ी संख्या में अवैध शराब पकड़ी, इसके अलावा अवैध रूप से चल रही कई भट्टियों को भी नष्ट कराया गया। होली एवं चुनाव में शराब तस्करों पर कार्रवाई करते हुए चुनाव को शांति पूर्वक सपन्न कराने में आबकारी विभाग ने जो अहम भूमिका निभार्ई है। वह काफी सराहनीय है। चुनावों के बाद शराब के कारोबार में कोरोना की वजह से मंदी आने लगी और जैसे-जैसे लॉकडाउन बढा वैसे-वैसे शराब की दुकानें भी बंद होती चली गईं। हाल ही में सरकार ने शराब के ठेकों को खोलने की इजाजत दी है। बेशक अधिकारी खुद ठेकों पर पहुंचकर कोरोना के नियमों का पालन करा रहे हों। लेकिन इसका विरोध फिर भी काफी हो रहा है। आबकारी विभाग को इस विरोध के बीच सालाना लक्ष्य हासिल करने के प्रयास भी करने हैं। क्योंकि सूबे के राजस्व में बड़ा शराब का है, लिहाजा इस लक्ष्य को लेकर गंभीरता भी ज्यादा है। शराब से सूबे को राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलता है। लिहाजा शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति इसी को ध्यान में रखकर ली गई है। मगर आम जनता से लेकर कारोबारियों से खरी खोटी सुनने के बाद आबकारी विभाग आदेशों का पालन कराने के लिए मुस्तैद है। मगर इन सबमें आडे आता है शराब का अपना खुद का किरदार। शहर में ना जाने कितनी ऐसी जगह हैं जहां ठेके के लिए आवंटन करने के बावजूद वहां ठेके का संचालन नहीं हो सका। इसलिए इस विभाग की चुनौतियां ना केवल अलग हैं बल्कि उनसे पार पाना भी अपने आप में एक चुनौती है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह का कहना है कि बेशक ठेकों को खोलने की इजाजत दे दी है। मगर बिक्री में लगातार गिरावट देखने को मिल रही हैं। इसके अलावा शराब माफियाओं पर नजर बनाए रखना व कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कराना भी आबाकारी विभाग की प्राथमिकताओं में है। जिले में अंग्रेजी, देशी शराब, बीयर, मॉडल शॉप दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक दुकानें खोले जा रहें है।
ठेके खुले लेकिन शराब नहीं बिक रही
शराब के ठेके जरूर खुले हैं। पहले दिन भीड़ भी काफी उमड़ी लेकिन उसके बाद से बिक्री काफी सुस्त हो गई है। जिला देसी, बियर व अंग्रेजी तीनों की बिक्री में काफी गिरावट हुई है। देसी की खरीद में 30 फीसदी, अंग्रेजी में 40 फीसदी व बियर में सबसे ज्यादा 60 फीसदी की कमी आई है।
शराब माफियाओं पर कसा शिंकजा
आबकारी विभाग नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही शराब माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। 1 अप्रैल से लेकर अब तक बड़ी संख्या में कार्रवाई कर शराब माफियाओं पर नकेल कसने की कोशिश की गई है। इसके तहत 27 मुकद्दमें दर्ज कर 21 लोगों को जेल भेजा गया है। 9 वाहन जब्त हुए हैं, जबकि 6 हजार 172 लिटर शराब बरामद की गई है। इसके अलावा 4200 किलो लाहन भी नष्ट किया गया है।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवा रही टीम
आबाकारी विभाग ने ठेकों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए एक टीम बनाई है। जिसमें 5 निरीक्षक व 12 सिपाही शामिल हैं। इनका काम ठेकों पर सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन कराना है। आबकारी निरीक्षक सीलम मिश्रा सेक्टर-3, आबकारी निरीक्षक आशीष पांडेय सेक्टर-4, आबकारी निरीक्षक अरुण कुमार, रमाशंकर सिंह, आबकारी निरीक्षक टी.एस. ह्यांकी सेक्टर-2, एवं आबकारी निरीक्षक विवेक दुबे प्रवर्तन मेरठ क्षेत्रों में लगातार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ठेकों पर कोविड-19 का पालन करा रहें है। लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानों के बाहर 6 फीट की दूरी गोल घेरे खड़े होने के लिए बनाए गए है। शराब की दुकानों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और ग्राहकों के लिए मास्क को अनिवार्य किया गया है। शराब विक्रेता और अन्य कर्मचारी भी मास्क का प्रयोग कर रहे है। यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क लगाए शराब खरीदने आता है तो उसे सामान नहीं दिए जाने के निर्देश दिए गये है। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन न होने पर संबंधित दुकानदार के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। शराब माफियाओं की कमर तोडऩे के लिए आबकारी विभाग ने पूरी तरह शिकंजा कसा हुआ है।
राकेश कुमार सिंह, जिला आबकारी अधिकारी