एनीमिया से बचाव के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं जन संवाद का आयोजन

-स्कूली बच्चों को एनीमिया से बचाव की दी जाएगी जानकारी: संतोष कुमार यादव
-गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से बचाव के लिए महिलाएं बरतें सावधानी: डॉ उपासना अरोड़ा

गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन क्षेत्र में महिलाओं में एनीमिया से बचाव के लिए बुधवार देर शाम एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं जन संवाद का आयोजन कौशांबी स्थित रैडिसन ब्लू टावर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आईएएस संतोष कुमार यादव, संयुक्त सचिव स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, भारत सरकार ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ हृषिकेश डीपाई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भावतोष शंखधर, यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी की निदेशिका डॉ उपासना अरोड़ा, डॉ जेबी शर्मा, प्रोफेसर एम्स विशिष्ट अतिथि थे। फोग्सी के नॉर्थ जोन की वाइस प्रेसिडेंट डॉ यशोधरा प्रदीप एवं डॉ अल्का पाण्डेय के साथ-साथ डॉ प्रियांकुर राय चेयरपर्सन फोग्सी अवेयरनेस कमिटी एवं डॉ आशीष मुखोपाध्याय कोलकाता ने पैनल डिस्कशन में अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन फोग्सी (द फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया) द्वारा संचालित नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन यात्रा एनीमिया नेशनल राइड के बुधवार को गाजियाबाद पहुंचने के अवसर पर किया गया।

संतोष कुमार यादव ने कहा की वह इस यात्रा से प्रेरित हो कर स्कूलों में भी एनीमिया जांच अभियान की शुरुआत करना चाहते हैं और यह एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा आज के समय में बच्चों का एनीमिक होना बेहद आम समस्या है। कुछ बच्चों को जन्म के बाद एनीमिया हो जाता है तो कुछ बच्चों में जन्मजात एनीमिया की समस्या होती है। बच्चों में खून की कमी से उनकी ग्रोथ रुक जाती है और उनमें कमजोरी व थकान से चक्कर आने लगते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करना बेहद जरुरी है।

डॉक्टरों ने पैनल डिस्कशन एवं जागरूकता कार्यक्रम के दौरान महिलाओं में एनीमिया से बचाव के लिए चर्चा करते हुए बताया कि खाने के साथ दही लेने से शरीर में आयरन का एब्जोर्प्शन कम हो जाता है। भारत में खाने में अनाजों एवं चावल का प्रयोग बहुतायात में होता है और यह भी शरीर में आयरन के कम एब्ज़ोर्प्शन की एक बड़ी वजह है। आगे चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हरी सब्जियों को ज्यादा भूनने, तलने से भी उनके अंदर मौजूद आयरन खत्म हो जाता है।
डॉक्टरों ने कहा कि चाय एवं कॉफी के ज्यादा सेवन से आयरन का शरीर में 20 प्रतिशत तक कम एब्जोर्प्शन होता है और ऐसी बहुत ही सामान्य जानकारी से आयरन के छय को रोका जा सकता है।

उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि कैल्शियम एवं आयरन कि गोली साथ-साथ खिलने से भी आयरन का शरीर में 20 प्रतिशत तक कम एब्जोर्प्शन होता है। बच्चों को हम सबसे पौष्टिक आहार समझ दूध खूब पिलाते हैं। जिसकी वजह से भी बच्चों में आयरन कम पाया जाता है। क्योकि दूध में आयरन मौजूद नहीं होता और ऐसे में बच्चों को एनीमिया का सामना करना पड़ता है।

डॉ उपासना अरोड़ा ने कहा पालक, हरी सब्जी, मछली, दूध व अंडा आदि का नियमित सेवन से शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाता है। गर्भावस्था में बहुत अधिक चाय व काफी के सेवन से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के किये गुड़ और चना का सेवन काफी लाभप्रद होता है। इसके साथ चुकंदर, सूखे मेवे व मौसमी फल जरूर लें। खून में आयरन (लौह तत्व) की कमी एनीमिया कहलाता है। रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाने पर शरीर में आक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया, प्रसव के दौरान या इसके बाद कई जटिलताओं व जोखिम को जन्म देता है। एनीमिया से बचाव एवं इसके रोकथाम के लिए स्वच्छता एवं साफ-सफाई काफी कारगर उपाय है। साथ ही ऐसे कई अन्य संक्रामक रोग भी हैं, जो दूषित पानी के सेवन या स्वच्छता के आभाव में फैलती है।

यदि महिलाओं को अधिक खून की कमी होती है तो उन्हें गोलियों के रूप में आयरन लेने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा खान-पान और आयरन की गोली द्वारा एनीमिया को ठीक किया जा सकता है। इसलिए सही समय पर खून की जांच कराए और इलाज करवाए। गर्भवती महिलाएं अपने हीमोग्लोबिन जांच के साथ खान-पान का विशेष ध्यान रखें। कार्यक्रम में डॉ शारदा जैन, खोड़ा मकनपुर ऑब्स एन्ड गायनी सोसाइटी की डॉक्टरों एवं ट्रांस हिंडन गयानी फोरम की स्त्री रोग विशेषज्ञों डॉ गुंजन गुप्ता, डॉ सोमना गोयल, डॉ दीपा, डॉ शालिनी अग्रवाल, डॉ गरिमा त्यागी, डॉ वंदना जैन को अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।