पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू, दो माह में दिखेगा बदलाव: अजय मिश्रा

-गणमान्य और सामाजिक लोगों की राय लेकर जिले में की जाएगी पुलिसिंग

गाजियाबाद। जिले में अपराधों पर नियंत्रण करने के साथ ट्रैफिक की समस्या का निस्तारण करते हुए ऐसी कमिश्नरेट प्रणाली होगी कि दो माह में जिले में बदलाव खुद ही दिखाई देगा। शासन की मंशा के अनुरूप यातायात व्यवस्था, महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर मजबूती से काम किया जाएगा। कमिश्नरेट बनने के बाद जिले को 1000 हजार पुलिसकर्मी मिलेंगे। यह बातें बुधवार को पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद जिले में पुलिस कमिश्नर का चार्च ग्रहण करने के बाद कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। बुधवार की सुबह 8.30 बजे अजय मिश्रा ने पुलिस कमिश्नर के रूप में चार्ज ग्रहण किया। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा तीन जोन में एक एडिश्नल एसपी, एसीपी समेत 9 अधिकारी तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि गणमान्य और सामाजिक लोगों की राय लेकर जिले में पुलिसिंग की जाएगी। जिले में ऐसी कमिश्नरेट प्रणाली होगी कि बदलाव खुद दिखाई देगा। कमिश्नरेट बनने के बाद जिले को जहां तीन क्षेत्र में बांटा जाएगा। वहीं, 1000 पुलिसकर्मी मिलेंगे। शासन से इसकी स्वीकृति मिल गई है।

उन्होंने कहा कि 15 दिन के भीतर कमिश्नरेट व्यवस्था विधिवत रूप से शुरू हो जाएगी।इसके तहत जिले में आईपीएस अधिकारी भी शीघ्र मिल जाएंगे। उन्होंने बताया कि अगले 15 दिन के भीतर कमिश्नरेट व्यवस्था को विधिवत रूप से शुरू करा दिया जाएगा। अजय मिश्रा ने बुधवार सुबह पुलिस लाइन पहुंचकर पुलिस आयुक्त का चार्ज लिया। शाम को वह पुलिस लाइन में मीडिया से मुखातिब हुए। अजय मिश्रा मूलरूप से जनपद बलिया के रहने वाले हैं और वर्ष-1989 से वाराणसी में रह रहे हैं। अजय मिश्रा वर्ष-2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और पूर्व में सुल्तानपुर, इटावा, महोबा, बागपत, प्रतापगढ़, मैनपुरी, वाराणसी, मैनपुरी और कानपुर में तैनात रह चुके हैं। वर्ष-2018 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे।एटीएस के एसएसपी भी रहे है। चार साल तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे।

प्रेसवार्ता में कमिश्नर ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पुलिस के प्रति आम लोगों का विश्वास व उम्मीद बढ़ेगी। पुलिस के अधिकारों के साथ दायित्व भी बढ़े हैं। तीन से चार माह के भीतर जिले में बड़े बदलाव दिखाई देंगे। ये ऐसे सकारात्मक बदलाव होंगे कि इनके बारे में बताने की जरुरत नहीं होगी,यह खुद ही दिखाई देंगे। साइबर अपराध रोकने के लिए तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को आगे लाकर उनसे काम कराया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न प्लेटफार्म पर जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे। अपराध नियंत्रण के लिए पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ नई योजनाएं बनाई जाएंगी।

अपराध से कुछ लोग, जाम से हजारों लोग होते हैं प्रभावित:
अजय मिश्रा का कहना है कि जिले में एक दिन में 40 से 50 एफआईआर दर्ज होती हैं। इसमें 40 से 50 लोग प्रभावित होते हैं लेकिन यदि कहीं जाम लगता है तो एक साथ हजारों की संख्या में लोग प्रभावित होते हैं। जाम किसी अपराध से कम नहीं है। इसलिए जाम के खात्मे के लिए योजना बनाकर काम किया जाएगा। सोसायटी से लेकर पुलिस फोर्स को लेकर काम किया जाएगा। क्राइम रोकने पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने से पुलिस रेस्पांसबल होगी। पुलिस की मेन पावर बढ़ाई गई है। उन्होंने निकाय चुनाव को लेकर कहा कि शांतिपूर्ण एंव निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराया जाएगा। क्राइम के साथ ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार जल्द लोगों को देखने को मिलेगा। सीसीटीवी कैमरे,पेट्रोलिंग बढ़ाकर क्राइम रोकने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।जाम में सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है। साइबर क्राइम के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।इसके साथ ही 15 दिन में फोर्स को कार्यवृत्त जारी करते हुए काम किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने कहा कि कमिश्नरेट प्रणाली जिन शहरों में लागू हुई वहां की जनता का विश्वास पुलिस पर बढ़ा है। पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार दिखने के साथ अपराधों पर अंकुश लगाना प्राथमिकता में होगा।