निवर्तमान मेयर आशा शर्मा ने पांच सालों में नगर निगम को दी स्वच्छता की नई पहचान

गाजियाबाद में विकास की लिखी नई गाथा, जिले से लेकर प्रदेश तक विकास कार्यो की हो रही चर्चा
गाजियाबाद के लोगों ने की आशा शर्मा को फिर से मेयर बनाने की मांग

गाजियाबाद। फोन पर मेयर के दावेदार माननीयों को अब सहेजने लगे हैं। गाजियाबाद में सीट दोबारा महिला होने के बाद मेयर बनने का सपना देख रहे पुरुष अब पत्नियों, बहुओं को चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुट गए हैं। सभी दलों में टिकट के लिए दावेदारों की लंबी फेहरिस्त बनती जा रही है। सत्ताधारी दल भाजपा में कई दिग्गजों ने  जिले से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा टिकट की मारामारी भाजपा में है। यहां मेयर के पद के लिए पुराने पार्षद, वरिष्ठ भाजपा नेता से अधिक दावेदारी ठोंक रहे हैंैं। समाजवादी पार्टी और बसपा भी दमदारी के साथ मैदान में उतरने को तैयार हैं। वहीं एक बार फिर से निवर्तमान मेयर आशा शर्मा को दोबारा टिकट देने की मांग शहर की जनता करने लगी है। लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों में आशा शर्मा ने मेयर के पद पर रहते हुए काम किया है। वह पूर्व के मेयरों ने नही किया। शहर की समस्या को लेकर वह प्रतिदिन अपने आवास पर जनता दरबार में लोगों की शिकायतों का समाधान करती है तो वहीं लोगों के घर पहुंचकर निगम के कार्यों का फीडबैक लेती है। पांच साल बेमिसाल, आशा शर्मा और एक बार फिर नारों के साथ लोगों ने अपनी आवाज को बुलंद करना शुरु कर दिया है। शहर की सफाई व्यवस्था हो या फिर शहर में विकास कार्य, दोनों में ही आशा शर्मा ने उमदा प्रदर्शन किया। स्वच्छता सर्वेक्षण के 367वें से गाजियाबाद नंबर-1 पर आ गया है, अगर दोबारा वह मेयर बनी तो गाजियाबाद नंबर-1 फिर बनेगा।

गौरतलब हो कि मेयर आशा शर्मा की काबिलियत के चलते गाजियाबाद नगर निगम ने विकास कार्यों में कई बुलंदियों को छूआ है। जमीन कब्जा मुक्त से लेकर तालाबों का पुनर्जीवित, नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाना, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को सशक्त बनाना, म्युनिसिपल बांड जारी, वाहनों को सीएनजी पंप, गार्बेज फैक्ट्री का निर्माण, शहर को गंदगी मुक्त और हरियाली मुक्त बनाने में अपना अहम योगदान दिया है। साथ ही नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने पर जो कार्य किया, उसकी हर तरफ चर्चा है। नगर निगम की आर्थिक हालत में सुधार करने के लिए जो सकारात्मक कदम उठाए, उससे आज नगर निगम आत्मनिर्भर बनने के साथ ही साथ कमाई का जरिया बन गया है। नंदी गौशाला को कमाई का जरिया बनाया। गौशाला में गोबर से लकड़ी और दीप बनाने का काम शुरू किया गया है। लकड़ी की बढ़ती खपत के चलते नंदी गौशाला को आर्थिक रुप से मजबूत करने पर काम किया। साथ ही गोबर से खाद बनाने की शुरुआत की गई। घर, प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कूड़े का सदुपयोग करने का प्लान जिस तरह से बनाया, उससे प्रेरित होकर गाजियाबाद की सोसायटियों मेंं आज वर्मी कम्पोस्ट के जरिए खाद्य का निर्माण हो रहा है।

नंदग्राम निवासी राज शर्मा ने बताया कि मेयर आशा शर्मा ने कोरोना काल में जब चारों तरफ लोग भूख से तड़प रहे थे, उस वक्त मेयर आशा शर्मा ने अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर लोगों के लिए खाने की व्यवस्था, उनके रुकने की व्यवस्था, अस्पताल में बेड की व्यवस्था, प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था की कमान खुद संभाली। कोरोना के दौरान जहां लोगों ने अपने आपकों को घरों में कैद किया हुआ था, उस दौरान वह अपने घर से बाहर निकालकर लोगों की सेवा कर रही थी। सरकार से अवस्थापना का पैसा कम मिलने के बाद भी उन्होंने शहर में बेमिसाल कार्य किए। इसलिए एक बार फिर सरकार को मेयर का टिकट आशा शर्मा को देना चाहिए। जिससे शहर के विकास को और रफ्तार मिल सकें। अकुंर त्यागी का कहना है कि अभी तक उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद प्रथम स्थान पर है अगर आशा शर्मा को पार्टी से दोबारा टिकट मिलता है तो अपना गाजियाबाद देश में नंबर 1 बन सकता है। आशा शर्मा के पांच साल बेमिसाल रहे। जिसके लिए मेयर का टिकट आशा शर्मा को दोबारा मिलना चाहिए। क्योंकि उन्होंने गाजियाबाद के लिए जो कार्य पिछले पांच साल में किए है, वह पिछले दो दशक में किसी मेयर ने नहीं किया। उन्होंने कहा कोरोना के चलते नगर निगम का करीब एक से डेढ साल चुनौतीपूर्ण रहा, मगर उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार करते हुए गाजियाबाद नगर निगम आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ-साथ विकास की नई गाथा लिखने का काम किया है।

साथ ही नगर निगम के कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान दिया। निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर लगाम कसते हुए नगर निगम के अधिकारियों को भी काम करने का सलीका सिखाया। उनके कार्यकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि भू-माफिया पर कार्रवाई करना है। सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराने के साथ-साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। उन्होंने दो हजार करोड़ से अधिक सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया। साथ ही शहर को कूड़ा मुक्त करने के साथ-साथ सेल्फी प्वाइंट बनाया। विलोपित कूड़ा घर बनाते हुए शहर में आज कई ऐसे सेल्फी प्वाइंट तैयार किए, जहां शाम होते ही लोगों वहां पहुंचकर सेल्फी लेते है।