पीएम मोदी ने किया राष्ट्रीय यूनानी औषधि संस्थान का वर्चुअली उद्घाटन

  • आयुर्वेद ऐसा विज्ञान जिसका दर्शन सबका सुख सबका स्वास्थ्य है: पीएम मोदी
  • अपने आप में एक बड़ी इकोनोमी बनकर उभर रहा आयुष: वीके सिंह
  • कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सांसद को नही मिला मंच पर स्थान
  • यूनानी संस्थान की ओपीडी विधिवत रूप से जनता को समर्पित

गाजियाबाद। कमला नेहरू नगर में बने राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा से वर्चुअली उद्घाटन किया। पीएम गोवा में ऑल इंडिया आयुर्वेद संस्थान के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए और वहीं से दिल्ली में बने होम्योपैथी संस्थान का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर यूनानी संस्थान में केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह, सदर विधायक अतुल गर्ग, संस्थान के डायरेक्टर अब्दुल वदूद, एडवाइजर एमए काजमी और स्थानीय प्रशासन, डीएम राकेश कुमार सिंह, सीएमओ डॉ डा. भवतोष शंखधर, पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा, नगर आयुक्त नितिन गौड़ व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने कहा अपने ज्ञान, विज्ञान और सांस्कृतिक अनुभव से विश्व कल्याण का संकल्प अमृत काल का लक्ष्य है। भारत इस वर्ष प्रतिशत 20 समूह की अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। मुझे खुशी है कि दुनिया के तमाम देशों ने आयुर्वेद को मान्यता दे रखी है। हमें इसे ज्यादा से ज्यादा देशों तक पहुंचाना है। आयुर्वेद ऐसा विज्ञान है, जिसका दर्शन सबका सुख, सबका स्वास्थ्य है। जिसके शरीर में संतुलन हो, सभी क्रियाएं संतुलित हो, मन प्रसन्न हों, वही संतुलित है। अर्थात आयुर्वेद इलाज से आगे बढ़कर वेलनेस की बात करता है। विश्व भी अब तमाम परिवर्तनों से निकालकर इस प्राचीन पद्धति की तरफ लौट रहा है। भारत में इसे लेकर काफी पहले से काम शुरू हो चुका है। भारत में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए। देश में सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय की स्थापना की।

सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा पद्धति की अपनी विशेषता होती है। केंद्र सरकार ने भारतीय चिकित्सा पद्धियों को आगे लाने के लिए ही आयुष मंत्रालय का गठन किया, जिसके तहत आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी और योग को जनसामान्य के लिए उपयोगी बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयास किए जा रहे हैं कि एक्यूपंक्चर पद्धति को भी आयुष में शामिल किया जाए। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं के सौंदर्य को बढ़ाने संबंधी उपचार और प्रसाधन यूनानी पद्धति में ही हैं, इसलिए महिलाओं को इस पैथी का लाभ लेना चाहिए। उनके लिए यह पैथी बेहद लाभदायक है। उन्होंने यूनानी संस्थान के अधिकारियों से कहा कि निर्माण संबंधी सभी कार्यों को अच्छी तरह जांचने और परखने के बाद ही ठेकेदारों को कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र दिया जाए। उन्होंने कहा 8 साल पहले आयुष इंडस्ट्री 20 हजार करोड़ पर थी। आज ये इंडस्ट्री डेढ़ लाख करोड़ के आसपास पहुंच रही है। आयुष अपने आप में एक बड़ी इकोनॉमी बनकर उभर रहा है। आने वाले वक्त में इसका ग्लोबल विस्तार तेजी से हो रहा है। आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता का एक पक्ष गोवा जैसा राज्य है, जो टूरिज्म के लिए फेमस है। यहां आयुर्वेद का बड़ा संस्थान खोलकर आयुष विभाग ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

संस्थान के निदेशक डॉ. अब्दुल वदूद ने कहा कि यूनानी पद्धति में तीन प्रकार से मरीज का उपचार किया जाता है। इसमें डायट थेरेपी, फार्माकोथेरेपी और शल्य क्रिया शामिल हैं। फिलहाल संस्थान में ओपीडी की सेवाएं शुरु की गई हैं और प्रतिदिन लगभग 500 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जल्द ही अस्पताल में मरीजों को भर्ती करके उपचार करने और लगभग एक वर्ष बाद शैक्षणिक कार्य शुरु कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विकास पर काफी कार्य हुआ है और यूनानी चिकित्सा संस्थान की शुरुआत भी उन्हीं प्रयासों के जरिए ही संभव हो सकी है।

यूनानी संस्थान के सीईओ प्रो. जुलकिफल ने कहा कि जल्द ही शैक्षणिक कार्यों के लिए एफिलिएशन लेने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। कॉलेज शुरु करने के लिए एफिलिएशन जरूरी होती है और उसके लिए सभी मानकों को पूरा करना होता है। संस्थान के उद्घाटन के साथ ही मानकों को पूरा करने के प्रयास शुरु कर दिए गए हैं। आने वाले 6 से 8 महीनों में संस्थान सभी मानकों को पूरा करके एफिलिएशन के लिए आवेदन करेगा और एफिलिएशन मिलने पर पीजी कोर्स के लिए दाखिले शुरु किए जाएंगे। वहीं कार्यक्रम में सांसद वीके सिंह के संबोधन के दौरान राज्यसभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल को मंच पर स्थान नहीं मिला। वीके सिंह के संबोधन के दौरान जब राज्यसभा सांसद को मंच पर ले जाया गया, मगर वह एक ही सीट खाली थी, जो वीके सिंह के संबोधन के लिए उठने से खाली हुई थी। जिसे देखकर वह नाराज हो गए और वापस लौट गए। कार्यक्रम में मौजूद भाजपाईयों ने हालांकि उन्हें रोकने का प्रयास किया, मगर वही नहीं रुके। राज्यसभा सांसद ने कहा कि वह बिना आमंत्रण के नहीं आए हैं और जब उन्हें आमंत्रित किया गया था तो उनके लिए मंच पर सीट की व्यवस्था भी की जानी चाहिए थी। इस कार्यक्रम लिए आयोजक और संस्थान के डायरेक्टर को जिम्मेदार ठहराया।

10 एकड़ जमीन पर बना यूनानी हॉस्पिटल
यूनानी हॉस्पिटल में कुल 14 विभाग हैं। एक साल में करीब 125 छात्र यहां से यूनानी पढ़ाई कर सकेंगे। हर साल 22 छात्र डॉक्टरेट कर सकेंगे। इसमें छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल भी बनाए हैं। इसी संस्थान में 50 करोड़ रुपए की लागत से एक अत्याधुनिक लैब भी बनाई गई है, जहां यूनानी दवाओं पर शोध होगा। यूनानी हॉस्पिटल कमला नेहरू नगर में करीब 10 एकड़ जमीन पर बना है। इसके निर्माण पर कुल 382 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। सितंबर-2019 में इसका शिलान्यास हुआ था। यहां पर मरीजों के लिए 200 बेड की सुविधा है। बच्चों और महिलाओं के लिए पीकू-नीकू वार्ड हैं। रोजाना ओपीडी में एक हजार से ज्यादा मरीज आ सकेंगे। इस संस्थान में पांच ऑपरेशन थिएटर, मेटरनिटी विंग, एमआरआई, सीटी स्कैन, ब्लड बैंक, डिजिटल एक्सरे, पैथोलॉजी लैब जैसी सुविधाएं हैं। इसके अलावा यहां मरीज स्टीम बाथ, हिप बाथ, सोना बाथ जैसी सुविधाएं ले सकेंगे।