न्यू ईयर के जश्न में गाजियाबाद में पी गई रिकॉर्ड तोड़ शराब

  • शौकीनों ने इस कदर जाम छलकाए कि गटक गए 9 करोड़ की शराब
  • दिसंबर-2022 में 140.6 करोड़ राजस्व वसूल कर आबकारी विभाग ने बनाया नया रिकॉर्ड

गाजियाबाद। शराब के शौकीनों का शौक ही निराला है। शौक भी ऐसा कि न्यू ईयर पर गाजियाबाद के शौकीन ऐसे डूबे कि वह करीब 9 करोड़ रुपए की शराब गटक गए। इसके पीछे का कारण पिछले 2 सालों से कोविड की पाबंदियां के बाद मिली छूट का भी असर माना जा रहा है। शौकीनों ने इस कदर जाम छलकाए कि पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे आबकारी विभाग की भी जमकर कमाई हुई है। इस साल न्यू ईयर पर गाजियाबाद में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने-अपने तरीके से जश्न मनाया। इसमें नाच-गाना, बेहतर व्यंजन के साथ शराब भी खूब परोसी गई। लोगों ने होटल, पब, फॉर्म हाउस, रिसॉर्ट में जमकर जाम छलकाए। शौकीनों को देखकर ऐसा लग रहा था कि वह न जाने कितने दिन के प्यासे है।

न्यू ईयर को लेकर इंतजार में बैठे शराब माफिया भी आबकारी विभाग की सक्रियता को देखकर नतमस्तक नजर आए। दरअसल त्योहारी सीजन में शराब माफिया भी शराब तस्करी के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाते है। इस बार भी शराब माफिया ने न्यू को लेकर पूरे इंतजाम किए हुए थे। मगर आबकारी विभाग की सख्ती के चलते अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए। न्यू ईयर से पहले ही आबकारी विभाग की टीम ने छोटे-बड़े शराब माफिया के संबंधित ठिकानों दबिश देकर उन्हें पहले ही झटका दे चुकी थी। आंकड़ों के मुताबिक साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर, 2022 को ही शहर को लोग करीब 9 करोड़ की शराब गटक गए। इन शराब में देशी, अंग्रेजी और बीयर शामिल है। वहीं अगर पूरे दिसंबर, 2022 की बात करें तो करीब लोग 140.5 करोड़ की शराब पी गए।

रिकॉर्ड तोड़ शराब बिक्री से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। वहीं अगर पिछले साल की बात करें तो आबकारी विभाग ने पिछले साल के तुलना में इस वर्ष दिसंबर तक 9 माह में 22 लाख रुपए अधिक शराब की बिक्री हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल से दिसंबर 21 तक 9 माह में आबकारी विभाग ने 1 हजार 39 करोड़ की बिक्री की थी। मगर इस वर्ष अप्रैल से दिसंबर 2022 में 1 हजार 63 करोड़ की बिक्री हुई है। जबकि इस वर्ष आबकारी विभाग की दिल्ली की सस्ती और फ्री शराब जैसे चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मगर उस चुनौती को आबकारी विभाग ने अवसर में बदल कर कार्रवाई के साथ-साथ राजस्व में भी बढ़ोत्तरी की है।

जनपद में शराब माफिया से निपटने के लिए जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह की चाणक्य नीति के चलते ही जनपद में काफी हद तक शराब माफिया का का सफाया हुआ चुका है और अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लग पाया है। शराब माफिया पर शिकंजा कसने के साथ-साथ वह लाइसेंसशुदा शराब विक्रेताओं को भी समय-समय पर नियम व कानून का पाठ पढ़ाते रहते है। जिससे लाइसेंसशुदा भी नियमानुसार शराब की बिक्री कर सकें। जिस तरह से शराब माफिया से निपटने के लिए जनपद में कार्रवाई की गई है, वह पहले कभी देखने को नहीं मिली।

आबकारी विभाग ने राजस्व में की 21 करोड़ की अधिक बढ़ोतरी

आबकारी विभाग ने दिसंबर 2021 में गाजियाबाद जनपद से 119.11 करोड़ रुपए का राजस्व वसूला था।
मगर इस बार दिसंबर-2022 में 140.6 करोड़ राजस्व वसूल कर अपनी कार्यक्षमता को साबित कर दिया। आबकारी विभाग ने पिछले साल दिसंबर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। पिछले साल दिसंबर 2021 में देसी शराब 15 लाख 66 हजार 421 लीटर, अग्रेजी 12 लाख 64 हजार 86 बोतल, बीयर 16 लाख 48 हजार 332 केन की बिक्री हुई थी। मगर इस बार पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दिसंबर 2022 में देशी शराब 18 लाख 69 हजार 401 लीटर, अग्रेजी 13 लाख 34 हजार 556 बोतल, बीयर में 18 लाख 91 हजार 611 केन की बिक्री की है।

इस वर्ष दिसंबर माह में देशी शराब में 19 प्रतिशत, अंग्रेजी में 5 प्रतिशत और बीयर में 15 प्रतिशत की अधिक बिक्री की है। गाजियाबाद में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष दिसंबर में शराब की अधिक खपत हुई है। इसका सीधा फायदा राज्य सरकार के राजस्व को हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक राजस्व अंग्रेजी शराब से मिला है। खपत बढ़ने से प्रदेश सरकार को इस वर्ष दिसंबर माह में गाजियाबाद से करीब 21 करोड़ की अधिक आय हुई है।

जनपद में बीयर, अंग्रेजी एवं देशी शराब की कुल करीब 509 दुकानें हैं। इस बार जबरदस्त राजस्व में बढ़ोतरी होने का प्रमुख कारण यह भी है कि जिले में शराब तस्करों पर कार्रवाई करना, क्योंकि आबकारी विभाग की टीम जहां एक तरफ शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती रहीं और वहीं राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए भी अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी के साथ अंजाम दिया। जिले में अवैध शराब का कारोबार करने वाले बड़े माफिया का आबकारी विभाग ने काफी हद तक सफाया कर दिया है। दिल्ली एवं बाहरी राज्यों से शराब तस्करी करने वाले छोटे तस्कर भले ही चोरी-छिपे शराब तस्करी का कारोबार कर रहे हो, लेकिन सूचना मिलते ही उनको भी धर दबोच ले रही है।

न्यू ईयर के जोश में 34 पहुंचे अस्पताल
न्यू ईयर के जश्न के जोश में कुछ लोग ज्यादा इतनी शराब पी गए कि वह अपना होश ही गवा बैठे, नतीजा यह रहा कि घर की जगह वह अस्पताल पहुंच गए। कोई झगड़ा कर बैठा तो किसी के साथ हादसा हुआ। नतीजा यह हुआ कि 31 दिसंबर की जश्न की रात में 34 लोग अस्पताल पहुंच गए। जबकि 20 सड़क हादसों में घायल हुए और 14 झगड़े में घायल हुए। यह हाल तब रहा जबकि रात आठ से दो बजे तक पुलिस ने जिले भर में चेकिंग अभियान चलाया। जिसमें 29 लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें रातभर हवालात में रखा गया। छह घंटे में 1868 वाहनों के चालान काटे गए। संयुक्त जिला अस्पताल और एमएमजी जिला अस्पताल में 31 की रात 10 बजे के बाद ही घायलों के आने का सिलसिला शुरू हो गया और वह सिलसिला रविवार की सुबह तक चलता रहा।
अधिकारी कथन
राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी गाजियाबाद।

जनपद में अवैध शराब के निर्माण, तस्करी एवं परिवहन को रोकने के लिए रोजाना नई रणनीति के तहत कार्रवाई की जा रही है। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। आगे भी जनपद में शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती बरती जारी रही है। जनपद में कोई भी अवैध शराब बिक्री/तस्करी करता पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली की शराब हो या फिर अन्य राज्यों की शराब, जनपद में किसी भी प्रकार का कोई भी अवैध शराब का कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यदि आप गाजियाबाद में हैं तो सिर्फ और सिर्फ यूपी की शराब खरीद कर सेवन करने की अनुमति है। आबकारी विभाग की टीमें दिल्ली-यूपी बॉर्डर के अलावा ऐसे रास्तों पर दिन-रात नजर रख रही हैं, जहां से शराब की तस्करी होने की आशंका है।
राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी