शिवपाल और डीपी यादव मिलकर बढ़ाएंगे अखिलेश का दर्द यूपी में शुरू होगा यदुकुल पुनर्जागरण मिशन

सपा अध्यक्ष अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल के बीच जारी अदावत किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में शिवपाल ने एक बार फिर सपा से अलग होकर नई राह पकड़ ली है। प्रसपा प्रमुख ने शनिवार को राजनगर में रापद प्रमुख डीपी यादव के आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की। बाद में दोनों कद्दावर नेताओं ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता कर भविष्य की योजना को साफ किया। पत्रकार वार्ता में शिवपाल यादव और डीपी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ की शुरूआत होने जा रही है।

विजय मिश्रा
उदय भूमि ब्यूरो

गाजियाबाद। अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल यादव एक बार फिर अलग राह पर चल पड़े हैं। शिवपाल ने शनिवार को गाजियाबाद में पूर्व मंत्री डीपी यादव से मुलाकात कर सभी को चौंका दिया। दोनों नेताओं में भविष्य की राजनीति पर चर्चा हुई। इसके बाद शिवपाल यादव और डीपी यादव ने संयुक्त रूप से बयान दिया कि उत्तर प्रदेश में जल्द ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ की शुरुआत की जाएगी। यूपी के इन दो कद्दावर नेताओं के एक साथ आने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरमा गया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल यादव और राष्ट्रीय परिवर्तन दल (रापद) के मुखिया का एक साथ आना कम से कम अखिलेश यादव की चिंता जरूर बढ़ा देगा।

सपा अध्यक्ष अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल के बीच जारी अदावत किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में शिवपाल ने एक बार फिर सपा से अलग होकर नई राह पकड़ ली है। प्रसपा प्रमुख ने शनिवार को राजनगर में रापद प्रमुख डीपी यादव के आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की। बाद में दोनों कद्दावर नेताओं ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता कर भविष्य की योजना को साफ किया। पत्रकार वार्ता में शिवपाल यादव और डीपी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ की शुरूआत होने जा रही है। इस मिशन का उद्देश्य दबे-कुचले लोगों को एकजुट कर आगे बढ़ाना होगा। प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि अखिलेश ने जिस तरीके से यूपी विधान सभा के सदन में अगली सीट मांगी थी, यदि वह चाहते तो नाम की स्लिप बदल देते। किसी को कुछ कहने की जरूरत ही नहीं थी। वह विपक्ष के नेता हैं। उन्हें सीट मांगने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार की पोल खोलना, जरूरी मुद्दे उठाना, आंदोलन-प्रदर्शन करना विपक्ष की नैतिक जिम्मेदारी है। शिवपाल यादव ने कहा कि जितने लोगों को सामाजिक न्याय नहीं मिला है, हम उन्हें एकजुट कर संगठन बना रहे हैं।

जिसका जितना हक है, उसे वह मिलना चाहिए। इसके लिए पूरे राज्य में जाकर बैठकें की जा रही हैं। दलित, पीड़ितों एवं शोषितों से बातचीत हो रही है। सपा में उपेक्षा को लेकर शिवपाल का दर्द फिर सामने आया। उन्होंने कहा कि सपा में अब सम्मान नहीं मिल रहा। इसलिए उन्हें दूसरा काम करना पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आगामी सभी चुनाव सपा से अलग होकर लड़े जाएंगे। 2024 के चुनाव से पहले पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।