पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग का गोरखधंधा गाजियाबाद में करना पड़ा भारी, एफआईआर दर्ज

बलत्कार, बिजली चोरी, झूठी अफवाह फैलाने, अवैध वसूली के मामले में जा चुका है जेल
 मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली में आबकारी विभाग को निशाना बनाने के बाद गाजियाबाद था अगला टारगेट
रुपए नहीं देने पर शराब विक्रेताओं को देता था जेल भिजवाने की धमकी, इस्पेक्टरों से दोस्ती कर झाड़ता था रौब
न्यूज फ्लैश के नाम से बने यू ट्यूब चैनल पर फर्जी वीडियो अपलोड कर करता था हर माह लाखों की वसूली

गाजियाबाद। लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक पत्रकारिता का भी स्तंभ है, मगर इन दिनों कुछ लोग इस स्तंभ की आड़ में अपना अवैध वसूली का धंधा चला रहे है। पोर्टल, यू ट्यूब चैनल जैसे माध्यमों से कुछ तथाकथित छुटभैये ने पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग का गोरखधंधा चला रखा है। दिलचस्प बात यह है कि खुद को पत्रकार कहकर समाज में सीना तानकर चलने वाले इन छुटभैया के पास न तो कोई पत्रकारिता का ज्ञान है और न ही कोई अनुभव है। फिर भी पत्रकारिता के नाम पर छिटपुट खबरें किसी और से बनवाकर प्रकाशित कराकर और फिर सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें कठपुतलियों की तरह नचाने का सिलसिला चला रखा है। बस पोर्टल, यू ट्यूब चैनल बनाकर पत्रकारिता का चोला पहनकर ठाठ से निकल पड़ते है। हर दिन किसी न किसी को टारगेट कर अपनी जेब गरम कर लेते है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद में देखने को मिला, जहां खुद को पत्रकार कहने वाले व्यक्ति ने मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली में आबकारी अधिकारियों को अपने कब्जे में लेने के बाद अपना धंधा गाजियाबाद में भी जमाने का प्रयास किया। मगर उसकी दाल यहां नहीं गली। दरअसल मुजफ्फरनगर का रहने वाला व्यक्ति खुद को पत्रकार बताकर पहले मुजफ्फरनगर में आबकारी अधिकारियों को अपने कब्जे में लिया, उसके बाद जब वहां से हर माह लाखों की वसूली शुरु हो गई तो उसके सहारनपुर में भी अवैध वसूली करने लगा।
इसके बाद गाजियाबाद की ओर अपना रुख कर दिया और गाजियाबाद की शराब की दुकानों पर पहुंचकर शराब विक्रेता की फर्जी वीडियो बनाकर उससे अवैध वसूली करने लगा। जब इसका पता गाजियाबाद आबकारी अधिकारी को पता चला तो उन्होंने बिना देरी किए उसकी कुंडली खंगाली और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। खुद को पत्रकार कहने वाला व्यक्ति का आपराधिक इतिहास भी इतना लंबा है कि जिसे देखकर अधिकारी भी दंग रह गए। जिसके खिलाफ मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली के विभिन्न थानों में बलत्कार, बिजली चोरी, झूठी अफवाह फैलाने, अवैध वसूली, धमकी देना, खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका फर्जी वीडियो बनाकर ब्लैकमेल जैसे आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज है। जो कि पूर्व में जेल भी जा चुका है। जेल से जमानत पर छूटने के बाद अवैध वसूली का धंधा फिर से शुरु कर दिया। रुपए नहीं देने पर आरोपी आबकारी विभाग और लाइसेंसी की छवि को धूमिल करने का काम कर रहा था। मगर जब उसका पाला गाजियाबाद आबकारी अधिकारी से पड़ा तो उसकी सारी हेकड़ी निकल गई। दरअसल गाजियाबाद में आबकारी विभाग अवैध शराब के विरुद्ध को कार्रवाई कर रही रहा है। इसके साथ ही जिले में शराब की दुकानों पर अवैध वसूली का कारोबार करने वालों को भी सबक सिखा रहा है। पूर्व मेंं भी आबकारी अधिकारी ब्लैकमेलरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा चुके है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया पिछले कुछ दिनों से जिले में शराब विक्रेताओं द्वारा शिकायत मिली रही थी। एक व्यक्ति दुकान पर आता है और शराब की डिमांड करता है। शराब देने के दौरान उसकी वीडियो बना लेता है और फिर उस वीडियो को एडिट कर उसे संबंधित शराब विक्रेता के मोबाइल पर भेज देता है। वीडियो भेजने के बाद उससे अवैध रुप से रूपए देने की डिमांड करता है। रुपए नहीं देने पर शराब की दुकान बंद कराने और जेल भिजवाने की धमकी देता है। दो दिन पूर्व ग्राम-बेलड़ा जनपद-मुजफ्फरनगर निवासी संजय कटारिया पुत्र रूपराम खोड़ा स्थित शराब की दुकान पर पहुंचा और वहां से शराब लेते हुए की वीडियो बना ली। उसके बाद उस वीडियो को शराब विक्रेता को भेज कर रुपए की डिमांड की। रुपए नहीं देने पर दुकान बंद कराने और विक्रेता को जेल भेजने की धमकी देने लगा। जब वहां कुछ नहीं हुआ तो उस एडिट कर सोशल मीडिया ट्विटर पर न्यूज फ्लैश के नाम से बनी आईडी से ट्विटर कर दिया। जब वीडियो की जांच के लिए आबकारी अधिकारी को कहा गया तो उस वीडियो की जांच की गई तो उसमें पता चला कि पुरानी वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर नया वीडियो बनाने का प्रयास किया गया। जिसके बाद आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा द्वारा खोड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।
पत्रकारिता की आड़ में शराब विक्रेता को करता था टारगेट

पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वाला संजय कटारिया पिछले कई वर्षों से मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली जिले में शराब विक्रेताओं से अवैध वसूली कर रहा था। रुपए नहीं देने पर फर्जी वीडियो बनाकर शराब विक्रेताओं को जेल भिजवाता था और लाइसेंसियों की दुकान बंद कराने का भी प्रयास करता था। जब वहां से कमाई शुरु हुई तो सहारनपुर में भी अवैध वसूली करने लगा। पहले खुद को पत्रकार बताकर अधिकारियों से मिलना, उसके बाद अधिकारी के माध्यम से इंस्पेक्टरों के नाम पर दुकान पर जाकर फर्जी वीडियो बनाकर आबकारी अधिकारी को भेजता था। एक दो बार कार्रवाई होने के बाद खुद विक्रेता भी कार्रवाई से बचने के लिए रुपए देने लगे। इस तरह वह हर माह लाखों की कमाई करने लगा। जब कोई अधिकारी या इंस्पेक्टर वहां से ट्रांसफर होकर दुसरे जिले में जाता तो, उससे संपर्क कर उस जिले में भी अपना धंधा जमाने का प्रयास करता था।

बलात्कार, आईटी एक्ट, मानहानि, विद्युत अधिनियम में दर्ज है आधा दर्जन मुकदमे

पत्रकार को चोला पहनकर अवैध वसूली के साथ-साथ महिला व युवतियों को भी अपने निशाने पर रखता था। वर्ष 2021,22, 23 में तीन मुकदमे रेप मुजफ्फरनगर के थाने में दर्ज है। जिसमें एक महिला ने थाने में संजय कटारिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। महिला द्वारा बताया गया तो उसकी अश्लील वीडियो बनाकर संजय कटारिया उसके साथ पिछले कई माह से दुष्कर्म कर रहा था। मना करने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देता था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी संजय कटारिया को रंगे हाथ दुसरी महिला के साथ दुष्कर्म करते हुए पकड़ा था। जिसमें वह जेल भी गया था। जेल से छूटने के बाद कुछ दिन शांत रहा और फिर अपने न्यूज फ्लैश के नाम से बने यू ट्यूब चैनल से अवैध वसूली का धंधा शुरु कर दिया।

राष्ट्रीय जांच समिति एवं अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक समिति के नाम से बना रखी थी फर्जी संस्था

तथाकथित पत्रकार संजय कटारिया ने अपने अवैध वसूली के कारोबार को बढ़ाने के लिए खुद ही एक फर्जी राष्ट्रीय जांच समिति एवं अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक समिति बना रखी थी। जिसका खुद ही पश्चिमी यूपी का प्रभारी बना बैठा था। समिति के नाम पर अवैध वसूली के धंधे को और बढ़ाने लगा। जिसके खिलाफ सहारनपुर में आबकारी निरीक्षक ने मुकदमा दर्ज कराया था। सहारनपुर में संजय कटारिया ने शराब विक्रेता की फर्जी वीडियो बनाई और रुपए की डिमांड की। रुपए नहीं देने पर आबकारी अधिकारी फर्जी वीडियो भेज दी, जब उस वीडियो की जांच की गई तो वह वीडियो फर्जी पाई गई और उसके खिलाफ आबकारी निरीक्षक ने मुकदमा दर्ज कराया था।

गाजियाबाद में अवैध वसूली का प्रयास पड़ गया भारी

पिछले करीब 20 दिनों से संजय कटारिया गाजियाबाद में घूम रहा था। इस दौरान वह जिले की शराब की दुकानों पर पहुंच कर उनकी वीडियो बनाता था और ओवर रेटिंग का आरोप लगाता था। वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे पुरानी वीडियो के साथ जोड़कर अपने न्यूज फ्लैश के नाम से बने यू ट्यूब चैनल पर अपलोड कर ट्वीट करने लगा। उसे लगा जिस तरह से उसका अवैध कारोबार मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली में चल रहा है। इसी तरह यहां भी चलने लगेगा। मगर आबकारी अधिकारी के कड़े तेवर से बिल्कुल अनजान था।

आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह को इसका पता चला तो उन्होंने वीडियो की जांच करने के निर्देश दिए। वीडियो में किसी भी तरह की ओवर रेटिंग नहीं पाई गई। जब आबकारी अधिकारी ने संजय कटारिया के बारे में जानकारी निकाली तो पता चला कि वह मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली शराब की दुकानों से अवैध वसूली करता है। जिसके खिलाफ बलात्कार, आईटी एक्ट, मानहानि, विद्युत अधिनियम जैसे आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज और कई बार जेल भी जा चुका है। जो कि पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली का धंधा करता है। गाजियाबाद में फर्जी वीडियो बनाकर एवं पुरानी वीडियो को काट-छांट कर एक्स (ट्विटर) पर अपलोड किया जा रहा है और इन फर्जी वीडियो के आधार पर जनपद के शराब व्यवसायियों पर दबाव बनाकर अवैध वसूली/ ब्लैकमेलिंग का करने का प्रयास कर रहा था। जिसके खिलाफ तत्काल खोड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

अधिकारी कथन
अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीम लगातार छापेमारी एवं दबिश की कार्रवाई कर रही है। साथ ही शराब विक्रेताओं को भी नियमानुसार शराब बिक्री करने के निर्देश दिए है। कोई भी विक्रेता ओवर रेटिंग करता है तो इसकी शिकायत आबकारी विभाग को दें। आबकारी विभाग उस पर जांच करके अपनी कार्रवाई करेगा। मगर शराब की दुकानों पर विक्रेता एवं इंस्पेक्टरों के साथ अवैध वसूली करता है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिले में अवैध रुप से वसूली बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। जो भी शिकायत है, वह चाहे विक्रेता के खिलाफ हो या फिर संबंधित इंस्पेक्टर के खिलाफ हो उसे आबकारी विभाग के कार्यालय में दें।

उस पर कार्रवाई की जाएगी। खोड़ा थाने में संजय कटारिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जो कि खुद को न्यूज फ्लैश के नाम से बने यू ट्यूब चैनल का पत्रकार और राष्ट्रीय जांच समिति एवं अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक समिति में था पश्चिमी यूपी प्रभारी बताता था। जिले में शराब विक्रेता के साथ अवैध वसूली और आबकारी निरीक्षक की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहा था। सभी इंस्पेक्टरों और शराब विक्रेताओं को हिदायत दी गई है अगर कोई व्यक्ति अवैध वसूली करता है तो इसकी शिकायत करें और थाने में मुकदमा दर्ज कराए।
राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी