कमिश्नर ने कहा क्यों नहीं रिलीव हुए जेई साहब, तबादले के 3 साल बाद भी नगर निगम में जमे हैं निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर श्रीकांत राणा

उत्तर प्रदेश शासन ने विगत 19 जून 2019 में अवर अभियंता (सिविल) श्रीकांत का ट्रांसफर कर दिया था। उन्हें नगर पालिका परिषद शामली में भेजा गया था। शासन ने जेई को तत्काल नए स्थान पर चार्ज संभालने के निर्देश दिए थे। हैरत की बात यह है कि जेई श्रीकांत को आज तक नगर निगम से कार्यमुक्त नहीं किया गया है। कमिश्नर ने कार्यमुक्त करने के दिए निर्देश।

गाजियाबाद। नगर निगम से स्थानांतरण के 3 साल बाद भी अवर अभियंता (सिविल) को कार्यमुक्त नहीं किया गया है। इस संबंध में मेरठ मंडल के आयुक्त तक शिकायत पहुंच गई। शिकायत पर संज्ञान लेकर कमिश्नर ने नगरायुक्त को पत्र भेजकर जेई को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है। कार्यवाही कर इस बावत कमिश्नर को भी अवगत कराना होगा। गाजियाबाद नगर निगम में यह मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश शासन ने विगत 19 जून 2019 में अवर अभियंता (सिविल) श्रीकांत का ट्रांसफर कर दिया था। उन्हें नगर पालिका परिषद शामली में भेजा गया था। शासन ने जेई को तत्काल नए स्थान पर चार्ज संभालने के निर्देश दिए थे। हैरत की बात यह है कि जेई श्रीकांत को आज तक नगर निगम से कार्यमुक्त नहीं किया गया है। जिस कारण वह गाजियाबाद निगम में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

प्रदीप शर्मा निवासी नासिरपुर ने इस मामले के संबंध में मेरठ मंडल के आयुक्त सुरेंद्र सिंह से गत 19 मई 2022 में शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि श्रीकांत ने अभी तक शामली नगर पालिका में ज्वाइनिंग नहीं की है। जबकि उनके प्रतिस्थानी भी गाजियाबाद निगम में कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। शिकायत कर्ता ने जेई श्रीकांत को तत्काल कार्यमुक्त करने की अपील की थी। शिकायत पर संज्ञान लेकर कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने नगरायुक्त को पत्र भेजकर जेई को तुरंत कार्यमुक्त कर कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।