अवैध शराब के धंधों पर आबकारी विभाग ने कसा शिकंजा

-तस्करों के खिलाफ कसा शिकंजा, अवैध शराब समेत तस्कर गिरफ्तार

गाजियाबाद। पंचायत चुनाव नजदीक आते ही शराब माफिया फिर से सक्रिय हो गए हैं। जिले के ग्रामीण इलाकों में हरियणा, अरूणाचंल सहित अन्य प्रांतों की कच्ची शराब खपाने के लिए शराब माफिया जुट गए हैं। जिले में हरियाणा ब्रांड की डिमांड अधिक है। क्योंकि वह उत्तर प्रदेश के मुकाबले सस्ती है। प्रत्याशी लोगों को लुभाने के लिए शराब का सहारा ले रहे हैं। आबकारी विभाग की ओर से चलाए गए अभियान में इस दिशा में कई बार बड़ी सफलता हासिल हुई है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह द्वारा विशेष टीम गठित कर निगरानी कराई जा रही है। विशेष टीम सीमावर्ती इलाके में सघन वाहन जांच एवं तकनीकी अनुसंधान पर कार्रवाई कर शराब की खेप और कारोबारी को गिरफ्तार कर नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई लगातार जारी है। जनपद में पंचायत चुनाव के मद्देनजर अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन की रोकथाम के लिए विशेष प्रवर्तन अभियान जारी है। इसके तहत लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में कार्रवाई की गई है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह ने बताया मंगलवार सुबह आबकारी निरीक्षक सीलम मिश्रा सेक्टर-3 एवं थाना लोनी बोर्डर पुलिस की संयुक्त टीम ने चेकिंग के दौरान थाना लोनी बॉर्डर क्षेत्र स्थित पाइप लाइन तिराहे से अभियुक्त रोहित पुत्र बबलू निवासी गायत्री विहार थाना लोनी बॉर्डर गाजियाबाद को पकड़ा। वह स्कूटी से शराब का अवैध परिवहन कर रहा रहा था। उसके कब्जे से 284 पौवा असली संतरा अवैध देशी शराब फॉर सेल इन हरियाणा बरामद की गई है। तस्करी में प्रयुक्त वाहन व अवैध शराब को जब्त कर लिया गया। आरोपी के विरूद्ध उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा-60/63/72 के तहत थाना लोनी बॉर्डर में मुकदमा पंजीकृत कराकर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह ने बताया पंचायत चुनाव में शराब के कारोबारियों पर निगरानी रखी रही है। अवैध रूप से देसी और अंग्रेजी शराब बेचने वालों के गोरखधंधे को खत्म करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इसके लिए आबकारी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी से लेकर तहसील स्तरीय अधिकारियों के मोबाइल नंबर को सार्वजनिक किया गया है और प्रचार-प्रसार के लिए चौकीदारों और पम्पलेट गांवों में चस्पा किए जा रहे है। इन नंबरों पर अवैध शराब की बिक्री और गोरखधंधा करने वालों की कोई भी सूचना दे सकेगा। कार्रवाई शुरू करने से लेकर अंजाम देने तक सूचना देने वाले का नंबर गुप्त रखा जाएगा। अगर किसी बड़ी रैकेट का भंडाफोड़ होता है तो सूचना देने वाले को विभाग गुप्त तौर पर सम्मानित करके कार्रवाई का राजदार बनाएगा।