आईटीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी में दो दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन

इनोवेटिव रिसर्च ओर वैलबींग नामक शीर्षक पर वक्ताओं ने विद्यार्थियों को दी कम संसाधन में अधिक उत्पादन करने की जानकारी

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी में सोमवार को दो दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम को इनोवेटिव रिसर्च ओर वैलबींग नामक शीर्षक पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभांरभ कॉलेज के निदेशक डॉ एस सदीश कुमार ने सरस्वती मॉ के समक्ष दीप प्रज्वलन व राष्ट्रगान करके किया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ एस सदीश कुमार ने कहा कि नवाचार से हम कम संसाधन से अधिक उत्पादन कर सकते है, यह हमें उन्नति के लिए प्रोत्साहित करता हैं। सफलता व असफलता दोनों में ही नवाचार हैं।

कार्यक्रम में प्रो आरके खार निदेशक वीएस अनंगपुरिया एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स, फरीदाबाद, प्रो विधु ऐरी, स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल एजूकेशन एण्ड रिसर्च, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली, डॉ इकबाल अहमद, मैनेजर (आरएडडी) वाईटलस वेलबींग ई प्रालि, संदीप सोनी, प्रेसिडेंट, सायनोकेम फार्मास्यूटिकल्स लि, डॉ आरएस रॉय, सहायक वैज्ञानिक, आईपीसी गाजियाबाद मुख्य वक्ता थें। कार्यक्रम के प्रथम दिवस प्रो आरके खार ने आज के समय में इनोवेटिव रिसर्च और वैलबींग के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कम्पूटेशनल फार्मासुटिकलस, थ्री डी प्रिटिंग तथा सटीक दवा के बारे में बताया। डॉ आरएस रॉय ने दवाइयों के प्रतिकूल प्रतिक्रियायों और सुरक्षित दवाओं के बारे मे बताया।

उन्होने प्रतिकुल दवा प्रतिक्रिया तथा प्रतिकुल दवा घटना के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस को प्रो विधु ऐरी ने एक प्रबल वनस्पति विशेषज्ञ के विभिन्न अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि फाइटोफार्मासुटिकलस एक प्रबल वानस्पतिक रस विकसित करने का नया क्षेत्र है। डॉ इकबाल अहमद ने न्यूट्रास्यूटिकल्स उत्पाद के विकास में नैनो टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे में बताया। संदीप सोनी ने उद्योग जगत की नवाचार से अपेक्षाओं के बारे में बताया तथा उन्होंने कहा कि हमें छात्रों में नवाचार की सोच का विकास करना चाहिए

जिससे कि वे सम विषम परिस्थितियों में अपने जीवन को बनाए रख सकें। सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों ने आईटीएस-दी एजूकेशन गु्रप के चेयरमैन आरपी चढडा एवं वाइस चेयरमैन अर्पित चढडा को धन्यवाद दिया जो कि शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिये इस तरह के एफडीपी कार्यक्रर्मो का आयोजन कराते रहते है और शिक्षकों के सफल भविष्य बनाने के लिए तत्पर तैयार रहते है। इस कार्यक्रम का सयोंजन डॉ राजकुमारी, डॉ मनोज कुमार शर्मा, मिस सागरिका माझी, तथा डॉ स्निग्धा भारद्वाज ने किया।