ग्राहक बनकर आभूषण की दुकान में करते थे चोरी, पति, पत्नी समेत तीन गिरफ्तार

30 साल से दो हजार से अधिक चोरी की वारदातों को दे चुके अंजाम

गाजियाबाद। आभूषण की दुकानों में आभूषण खरीदने के बहाने चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के महिला समेत तीन शातिर चोरों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से टीम ने चोरी के चांदी के 2 जोडी पायल, दो जोड़ी बिछिया, दो जोड़ी सोने की टॉप्स, एक लोंग बरामद किया है। पकड़े गए आरोपी दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, हरिद्वार समेत की जनपदों में पिछले करीब 30 सालों से लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। जो कि 2 हजार से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुकें है। चोरी के मामले में पूर्व जेल जाने के बाद भी लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे।

क्राइम ब्रांच के एडीसीपी सच्चिदानंद ने चोरी की घटना का खुलासा करते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने नंदग्राम मेरठ रोड़ से कौशर उर्फ रवि पुत्र मजिद निवासी अर्थला उसकी पत्नी खातून, उसका साथी नौशाद पुत्र अहसान अली निवासी कैला खेड़ा विजय नगर को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया पकड़े गए आरोपियों ने हाल ही में दीनदयाल पुरी नंदग्राम क्षेत्र में सोनी ज्वेलर्स की दुकान में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। पीडि़त द्वारा घटना की शिकायत थाने में दी गई। पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर घटना के खुलासे के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया, जिसमें महिला चोरी करती हुई दिखाई दे रही थी। जिसके बाद टीम का गठन किया गया।


पूछताछ में आरोपी नौशाद ने बताया कि ज्वेलरी की शॉप में चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए एक संगठित गिरोह है। जिसमें पकड़े गए आरोपियों के अलावा आशिया उर्फ लल्ली, नर्गिस, रूकसाना, नाजिम भी शामिल है। यह लोग  दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, हरिद्वार आदि में छोटी ज्वैलरी की दुकानों पर जाते है। जिसमें से कुछ सदस्य दुकान के बाहर खड़े होकर निगरानी करते है। सुनार से आभूषण दिखाने के बहाने उसे बातों में लगा लेते है, मौका पाकर चोरी की वारदात को अंजाम दे देते थे। सुनार को शक न हो इसके लिए दुकान से कोई भी छोटा सामान खरीद लेते थे या फिर ना पसंद की बात कहकर निकल जाते थे। जब तक सुनार को चोरी का पता चलता, तब फरार हो जाते थे।

चोरी करके गहने छिपाने के लिए गिरोह की महिलाओं को आगे करते थे। चोरी किए गए अभूषणों को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में सतीश व गाजियाबाद में कैला भट्टा के आस मोहम्मद नाम के ज्वैलर को बेच देते थे। चोरी का माल बेचने के बाद आए रुपयों को आपस में बांट लेते थे। उन्होंने बताया पकड़े गए आरोपी पिछले करीब 30 सालों से लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। पकड़ी गई महिला 1992 में पहली बार चोरी के मामले में जेल गई थी, जो कि पति और पत्नी चार बार जेल जा चुके है। जेल से छूटने के बाद फिर से चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम दबिश दे रही है। जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि कौशर उर्फ रवि गिरोह का सरगना है।

जो कि अपनी पत्नी और साथियों के साथ पिछले करीब 30 सालों से लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है। आरोपी अब तक दो हजार से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुकें है। कौशर उर्फ रवि ने चोरी के लिए पूरी योजना बनाई हुई थी। हर माह पांच से 10 चोरी की वारदातों को अंजाम देने के लिए एक गिरोह ने टारगेट फिक्स किया हुआ था। जिस दुकान में चोरी की वारदातों को अंजाम देना होना था, वहां पहले गिरोह के साथी रैकी करते थे। जिससे चोरी की वारदात को आसानी से अंजाम दिया जा सकें। गिरोह में शामिल अन्य आरोपी और चोरी का माल खपाने सुनारों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।