आर्डर मिलते ही करते थे लग्जरी कारों की चोरी, 100 से अधिक चोरी की वारदातों को दे चुकेंं अंजाम

गिरोह का सरगना समेत दो अंतर्राज्जीय वाहन चोर गिरफ्तार, चोरी की 8 कार बरामद

गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में ऑन डिमांड लग्जरी कार चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले के गिरोह के सरगना समेत दो शातिर चोरों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से चोरी की 8 लग्जरी कार बरामद किया गया है। गिरोह के 6 सदस्यों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
पकड़े गए आरोपी पिछले चार सालों से लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। गाड़ी को चोरी कर उसके फर्जी कागज तैयार कर राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात समें कई राज्यों में बेच चुके है। जो कि सौ से अधिक वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुके है। गुरुवार को हरसांव पुलिस लाइन में वाहन चोरी की वारदातों का खुलासा करते हुए एडिश्नल कमिश्नर दिनेश कुमार पी. ने एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद की मौजूदगी में बताया कि बुधवार रात को मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने इंदिरापुरम से गिरोह का मुखिया सुनील उर्फ काला पुत्र रामचन्द्र निवासी ग्राम तिगरी खुर्द भौरगढ दिल्ली और उसके साथी आस मौहम्मद उर्फ आशु पुत्र यामीन निवासी ग्राम पिलानाअहीर जनपद बागपत को गिरफ्तार किया है।

जिनके निशानदेही पर दो स्विफ्ट, दो आई-10, स्कॉर्पियो, क्रेटा, वैगनार, ऑल्टो, फर्जी नंबर प्लेट, एलएनटी लॉक तोडऩे का उपकरण, चाबी बरामद किया गया।
उन्होंने बताया सुनील उर्फ काला 8वीं फेल, जो कि टेम्पो चालक है। कमाई कम होने के कारण मुर्गा बेचने का काम करने लगा। इसी बीच चाँद व हाकिम मुल्ला के सम्पर्क में आ गया और गाडी चोरी करके बेचने लगा। आस मोहम्मद 8वीं पास है और गाडियों की डेंटिग पेंटिग का काम सीख कर सोनीपत मे गैराज खोलकर काम करने लगा। गैराज पर ही शहजाद व सुनील उर्फ काला से मुलाकात हुई। जिससे चोरी की गाडी लेकर आगे सप्लाई करने लगा जिसमें काफी मुनाफा होने लगा।
उन्होंने बताया हाकिम, आस मौहम्मद, शहजाद, ईस्माईल, रिंकू उर्फ नूर मौहम्मद का एक संगठित गिरोह है। जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में चार पहिया गाडियों को ऑन डिमांड चोरी करते थे। गाड़ी को चोरी कर उसे बेच देते थे। गाड़ी की डिमांड शहजाद व आस मौहम्मद बताते थे। हाकिम, नूर मौहम्मद व ईस्माईल डिमाण्ड वाली गाडी को चोरी करने के लिए रात्रि के समय गाडी से ही रैकी करते और जब रैकी करने के बाद गाड़ी को चिन्हित कर लेते थे। मौका पाकर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे।

गाड़ी चोरी करते समय अपनी पहचान छिपाने के लिए अपनी गाड़ी की नम्बर प्लेट बदलकर-बदलकर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर पहले से तयशुदा स्थान पर इकठ्ठा हो जाते थे और मोबाइलों को फ्लाइट मोड़ पर कर लेते थे। जिससे कोई उन्हें ट्रेस भी ना कर सकें। गिरोह के 6 साथियों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। जिसमें गिरोह का सरगना समेत दो को पकड़ा गया है। एक साथी फरार है, जिसकी तलाश के लिए टीम दबिश दे रही है। पकड़े गए आरोपी पिछले करीब 4 सालों से लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। जो कि 100 से अधिक गाडिय़ों की चोरी कर उसे दुसरे राज्यों में बेच चुके है। जिनका अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।