बिजली विभाग का यह कैसा कानून, बड़ों अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे कर्मचारी की बलि

  • बिजली विभाग के जेई ने निविदा कर्मचारी पर दर्ज कराया मुकदमा

गाजियाबाद। खोड़ा कॉलोनी में विजिलेंस टीम द्वारा ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। विजिलेंस टीम बिजली विभाग के साथ मिलकर खोड़ा में कई जगह छापेमारी कर चुकी है और कई जगह पर चोरी की बिजली चलाते कई लोग रंगे हाथों पकड़े जा चूके है। लेकिन क्या यह संभव है कि बिजली चोरी एक निविदा कर्मचारी के इशारे पर हों सकती है। जाहिर सी बात है कि इसमें बिजली विभाग के कई सरकारी कर्मचारी भी शामिल हों सकते है। लेकिन बड़ों को बचाने के लिए अक्सर छोटों की बलि दे दी जाती है। खोड़ा के बिजली विभाग के जेई रामपाल ने निविदा कर्मचारी रूपचंद पर मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें जेई रामपाल ने लिखित तहरीर दी है जिस पर निविदा कर्मी रूपचंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जेई रामपाल ने जो तहरीर दी है वह अपने आप में कई सवाल खड़े करती है।

तहरीर में जेई रामपाल का कहना है कि निविदा कर्मचारी रूपचंद पैसे लेकर बिजली की चोरी करवा रहा था। जिससे सरकार को लाखों के राजस्व की हानि हो रही थी। जिसके बाद सवाल उठता है कि अगर एक निविदा कर्मचारी सरकार को लाखों का नुकसान पहुंचा रहा था तो बिजली विभाग के बड़े अधिकारी क्या कर रहें थे। क्योंकि यह खुलासा भी तब हुआ जब मेरठ विजिलेंस की टीम ने अकस्मात खोड़ा के बिजली विभाग के साथ मिलकर छापेमारी की।

सवाल यह है कि क्या बिजली चोरी रोकना निविदा कर्मचारी का काम है और क्या निविदा कर्मचारी के पास इतनी शक्ति होती है कि वह लाखों की बिजली चोरी करवा सकता है। फिर बिजली विभाग के सरकारी कर्मचारी का क्या कार्य है, अगर बिजली विभाग के सरकारी कर्मचारियों की नाक के नीचे निविदा कर्मचारी रूपचंद लाखों के बिजली चोरी करवा रहा था तो यह बात विभाग को पता क्यों नहीं चली या फिर कुछ बड़ों को बचाने के चक्कर में निविदा कर्मचारियों पर गाज गिरा दी गई। इस बारे में एसडीओ अरुण कुमार और एक्सईएन से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और दोनों ही सवालों के जवाब में टालमटोल करते नजर आए।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या निविदा कर्मचारी ही खोड़ा मे करोड़ों का बिजली घोटाला कर रहे हैं और जब विजिलेंस की टीम की छापेमारी में अकस्मात बिजली चोरी पकड़ी जाती है। तो सिर्फ निविदा कर्मचारी पर ही एफआईआर दर्ज करके खानापूर्ति कर बड़ो को बचा लिया जाता है। लेकिन क्या एक निविदा कर्मचारी बिना किसी संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला कर सकता है। आखिर इस घोटाले से जुड़े असली लोगों पर कब कार्रवाई होगी। इस मामले से जुड़े कई हैरतअंगेज खुलासे अगले अंक में किए जाएंगे।