कोरोना काल में बदली विद्युत उपभोक्ताओं की आदत

जनपद में ऑनलाइन बिल भुगतान का चलन बढ़ा

गाजियाबाद। कोविड-19 (कोरोना वायरस) से बचाव के लिए नागरिक जागरूक हो रहे हैं। इसके चलते विद्युत बिल जमा करने के लिए कैश काउंटरों पर भीड़ कम हो गई है। जनपद के 44 प्रतिशत से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन बिल जमा कराने में रूचि दिखाई है। यह कोरोना संकटकाल से पहले की अपेक्षा करीब 15 प्रतिशत से ज्यादा है। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी कम नहीं हो सका है। बाजारों में बेशक भीड़-भाड़ हो, लेकिन जागरूक लोग कदम-कदम पर सावधानी बरत रहे हैं। जनपद में घरेलू, वाणिज्यिक व औद्योगिक इकाइयों का करीब 300 करोड़ रुपये बिजली बिल जमा होता है। कोरोना संकटकाल से पहले करीब 25 से 28 फीसद विद्युत उपभोक्ता ऑनलाइन विद्युत बिल अदा करते थे। जबकि अब 44 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा कर रहे हैं। लोग लाइन में लगने से बचने के अलावा कैश लेन-देन से भी बच रहे हैं। नतीजन ऑनलाइन बिल अदायगी का चलन लगातार बढ़ा है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शासन-प्रशासन अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी लोग उतने ज्यादा गंभीर नहीं हैं। जरूरी है कि कैश लेन-देन से जितना हो सके बचा जाए। बिजली बिल जमा करने के लिए लंबी लाइन व कैश लेन-देन से बेहतर ऑनलाइन बिल सावधानी से जमा करना ज्यादा सुरक्षित व आसान है। कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले लाइन में लगकर कैश जमा कराना पड़ता था। इससे समय की बर्बादी के साथ आने-जाने में भी खर्च होता था। कई बार समय न मिलने की वजह से बिल जमा करने की अंतिम तिथि भी निकल जाती थी। कोरोना के चलते मार्च में जमा न होने पर अप्रैल माह का बिल मोबाइल से जमा कराया। कोरोना से बचाव के साथ समय की भी बचत है। उधर, मुख्य अभियंता आर.के. राणा का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान विद्युत आपूर्ति सुचारू रही। इस बीच कैश काउंटर खुलने के बावजूद उपभोक्ता कम तादाद में बिल जमा करने पहुंचे। विभाग की ओर से ऑनलाइन को बढ़ावा दिया गया, जिसके चलते अब ऑनलाइन बिलिंग 25 से 28 फीसद से बढ़कर 44 प्रतिशत से अधिक हो गई है।