अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने ‘उदय भूमि’ की खबर का लिया संज्ञान ‘फर्जी किसान घोटाले’ की जल्द शुरू होगी जांच

राष्ट्रीय हिंदी दैनिक उदय भूमि में प्रकाशित खबर ‘जेवर क्षेत्र में संगठित तरीके से चल रहा है फर्जी किसान बनाने का खेल’ को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने मामले की विस्तृत जानकारी ली है और एक दो दिनों में इस मामले में बड़ी जांच शुरू हो सकती है। उदय भूमि समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने के बाद से जहां फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के होश पाख्ता हैं, वहीं इस मामले के उजागर होने से सरकार को कई सौ करोड़ रुपये की बचत होगी। सरकार की विस्तृत जांच में ‘फर्जी किसान घोटाले’ का राजफास होगा और कई सफेदपोश बेनकाब होंगे। जिस तरह से घोटाले की व्यूह रचना की गई है उसे यदि जल्द ध्वस्त नहीं किया गया तो सरकार को 700 से 800 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है। दरअसल फर्जी किसान बनाने का यह खेल एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। विगत दो महीने में ही 2000 से अधिक फर्जी किसान पैदा हो चुके हैं। अभी इनकी संख्या काफी बढ़ सकती है
 
विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा/ लखनऊ। ग्रेटर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के पास संगठित तरीके से फर्जी किसान बनाने के मामले में लखनऊ से बड़ी खबर आ रही है। उदय भूमि में प्रकाशित खबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने खबर का संज्ञान लेते हुए मामले की विस्तृत जानकारी मांगी है और एक दो दिनों में इस मामले में बड़ी जांच शुरू हो सकती है। उदय भूमि में खबर के प्रकाशन के बाद से जहां फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के होश पाख्ता हैं, वहीं इस मामले के उजागर होने से सरकार को कई सौ करोड़ रुपये की बचत होगी। सरकार की विस्तृत जांच में फर्जी किसान घोटाले का राजफास होगा और कई सफेदपोश बेनकाब होंगे।
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विदित हो कि 12 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘उदय भूमि’ ने जेवर क्षेत्र में चल रहे फर्जी किसान घोटाला मामले का पर्दाफाश किया। ‘जेवर क्षेत्र में संगठित तरीके से चल रहा है फर्जी किसान बनाने का खेल’ शीर्षक से प्रकाशित खबर में बताया गया है कि किस तरह से गौतमबुद्ध नगर जिले में एक बड़े जमीन घोटाले की पटकथा लिखी जा चुकी है। खबर में बताया गया है कि जिले में एक गैंग सक्रिय है जो बड़े ही संगठित तरीके से जेवर एयरपोर्ट के पास एयरपोर्ट परियोजना फेज-टू के लिए अधिग्रहित होने वाली जमीन में 10 मीटर, 20 मीटर, 40 मीटर, 50 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर से लेकर 1000 मीटर तक की प्लाटिंग कर लोगों को किसान बना रहे हैं। खबर में यह भी बताया कि यह सबकुछ प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है और भूखंड के छोटे-छोटे टूकड़ों की धड़ल्ले से रजिस्ट्री हो रही है। खबर के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को आगाह किया गया है कि यदि इसी तरह जमीन के टूकड़े-टूकड़े गैंग सक्रिय रहे और सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो सरकार को कई सौ करोड़ रुपये का चूना लगेगा। जिस तरह से घोटाले की व्यूह रचना की गई है उसे जल्द ध्वस्त नहीं किया गया तो सरकार को 700 से 800 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है। दरअसल फर्जी किसान बनाने का यह खेल एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। विगत दो महीने में ही 2000 से अधिक फर्जी किसान पैदा हो चुके हैं। अभी इनकी संख्या कई गुणा और बढ़ सकती है।
बहरहाल सरकार द्वारा खबर को संज्ञान में लेने के बाद जल्द ही इस मामले में जांच शुरू हो सकती है। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने माना है कि मामला बेहद गंभीर है और इस प्रकरण में विस्तृत जांच की जरूरत है। अगले एक दो दिनों शासन से एक जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच शुरू हो सकती है। उधर, जिला प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीर माना है। गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एलवाई के मुताबिक भूखंड के छोटे-छोटे टूकड़े खरीदकर रजिस्ट्री कराने का मामला संज्ञान में आया है। इस प्रकरण में इतनी कम जमीन खरीदने वालों की मंशा साफ झलक रही है। लेकिन किसी को भी गलत तरीके से जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा और रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट के प्रावधान के तहत अनुचित लाभ नहीं लेने दिया जाएगा। डीएम ने लोगों से अपील की है कि वह किसी के झांसे में नहीं आए और इस तरह की गतिविधियों से दूर रहें।

क्या है पूरा मामला
जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 1185 हेक्टेयर जमीन नोटिफिकेशन जारी हुआ था। बाकी जमीन सरकारी है। दूसरे चरण में गांव करौली बांगर की 159 हेक्टेयर, दयानतपुर की 145,  कुरैब की 326, रन्हेरा की 458, मुंढहर की 46 और बीरमपुर की 49 हेक्टेयर जमीन ली जानी है। यह जमीन 1987 गाटा में है। इसके अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जेवर एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण में नियम है कि अगर किसी की जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उस परिवार के एक सदस्य को परियोजना में नौकरी मिलेगी। अगर वह नौकरी नहीं चाहते हैं तो सरकार की आरे से 5.5 लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा जमीन का मुआवजा अलग से मिलेगा। इसी का लाभ पाने के लिए लोग छोटे-छोटे प्लाट खरीद कर किसान बन रहे हैं।
2 महीने में बढ़ गये 2000 किसान
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण से प्रभावित किसानों की संख्या सिर्फ 2 महीने में 2 हजार से अधिक बढ़ गई है। दो महीने पहले तक इस क्षेत्र में एयरपोर्ट परियोजना से प्रभावित होने वाले किसानों की संख्या 7,164 थी, जो कि अब बढ़कर करीब 9,000 के आंकड़े को पार कर गई है। डीगर बात यह है कि जो लोग किसान बने हैं उनमें से अधिकांश ने खेती के लिए महज 10 वर्ग मीटर से लेकर 50 वर्गमीटर की जमीन खरीदी है। जबकि इतने छोटे प्लाट में लोग ठीक से रहने के लिए घर भी बना सकते हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जमीन खरीदने वालों में जेवर क्षेत्र के कम और दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, फरीदाबाद, मेरठ, मुंबई, नोएडा, दादरी, ग्रेटर नोएडा सहित देश के अलग-अलग हिस्सों के सैकड़ों लोग शामिल हैं।
(उदय भूमि लखनऊ एवं ग्रेटर नोएडा ब्यूरो से इनपुट)