अधिकारियों के साथ मिलकर किया खेल, अब यमुना प्राधिकरण करेगा वसूली

लूट की मलाई चाटने में गलगोटिया, बजाज सहित कई नामचीन एजुकेशनल सोसाइटी शामिल रही है। 13 साल पहले जिन 13 आवंटियों ने अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का खेल खेला था अब उन आवंटियों को हर्जाना भरना पड़ेगा। यमुना प्राधिकरण ने सभी 13 आवंटियों को निर्धारित दरों से बकाया राशि जमा कराने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। यीडा वंटियों से 982 करोड़ वसूलने के लिए नोटिस जारी किए। 

ग्रेटर नोएडा। जमीन आवंटन में खेल करके यमुना प्राधिकरण को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में अब कड़ी कार्रवाई हो रही है। 13 साल पहले जिन 13 आवंटियों ने अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का खेल खेला था अब उन आवंटियों को हर्जाना भरना पड़ेगा। यमुना प्राधिकरण ने सभी 13 आवंटियों को निर्धारित दरों से बकाया राशि जमा कराने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। नोटिस पर अमल नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यमुना प्राधिकरण में पुरानी सरकारों के दौरान किस तरह के खेल हुए इसकी बानगी यह आवंटन घोटाला है। यमुना प्राधिकरण इस मामले में 982 करोड़ रुपए की वसूली करेगा। लूट की मलाई चाटने में गलगोटिया, बजाज सहित कई नामचीन एजुकेशनल सोसाइटी शामिल रही है।
ज्ञात हो कि यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-17 में निर्धारित दर से कम में दाम में भूखंड लेने वाले 13 आवंटियों से अब अंतर राशि वसूल की जाएगी। प्राधिकरण ने पैसा जमा कराने के लिए आवंटियों को नोटिया जारी कर दिया है। इनसे प्राधिकरण को 982 करोड़ रुपये मिलेंगे। पैसा जमा करने के लिए प्राधिकरण ने 15 दिन का समय दिया है। तय समय पर पैसा नहीं जमा करने पर प्राधिकरण लीजडीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई करेगा। हालांकि निर्धारित दर से कम में भूखंड आवंटन करने वाली समिति पर कार्रवाई होगी या नहीं, इसको लेकर अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं।

2009 में मिनी एसडीजेड की निकाली थी योजना
पहली जुलाई 2009 को यमुना प्राधिकरण ने मिनी एसडीजेड (स्पेशल डेवलपमेंट जोन) की योजना निकाली थी। यह योजना सेक्टर-17 में थी। इसमें संस्थागत, आईटी, आईटीएस, बायोटक, रिक्रिएशनल ग्रीन, सर्विस आदि श्रेणी के 13 भूखंड आवंटित किए गए थे। अधिकतर भूखंड संस्थागत के थे। योजना के नियमों के अनुसार, भूखंड के 75 प्रतिशत में कोर गतिविधि करनी थी। इसके अलावा 10 प्रतिशत में व्यावसायिक, 10 प्रतिशत में ग्रुप हाउसिंग व 5 प्रतिशत में संस्थागत की अनुमति थी। उस समय जमीन की आवंटन दर 2670 रुपये प्रति वर्गमीटर थी। बावजूद इसके आवंटन समिति ने 1629 रुपये/वर्ग मीटर की दर से भूखंड आवंटित कर दिए। तय दर से कम मूल्य में आवंटन से प्राधिकरण को 1041 रुपये/वर्गमीटर का नुकसान हुआ। सभी 13 आवंटियों को बढ़ी दर के हिसाब से 982.85 करोड़ रुपए बतौर आवंटन राशि चुकाने पड़ेंगे। अब तक का ब्याज और लीज रेंट जोड़कर कुल धनराशि 2201.83 करोड़ रुपये बन गई है। शिकायत मिलने पर यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने 2018 में इसकी जांच करवाई थी।

किसानों को 2,500 प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि यह जमीन किसानों से लेने के लिए प्राधिकरण ने 2,500 प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया है। प्राधिकरण ने जितना पैसा किसानों को दिया, उससे भी कम कीमत पर भूखंडों का आवंटन कर दिया। जांच रिपोर्ट प्राधिकरण के बोर्ड में रखी गई। बोर्ड ने इस आवंटन को गलत बताया था। इसके बाद आवंटियों को नोटिस भेज दिए गए थे। प्राधिकरण बोर्ड की आवंटियों से अतिरिक्त पैसा वसूलने और पैसा नहीं देने पर आवंटन रद्द करने की सिफारिश को लागू कराने के लिए प्रदेश सरकार से मंतव्य मांगा गया था। प्रकरण लंबित होने के चलते वसूली रोक दी गई थी। अब न्याय विभाग ने कहा है कि आवंटियों से पैसा वसूल किया जाना चाहिए। तय दर से कम पैसा लेना गलत है। भूखंड आवंटन के लिए समिति बनाई गई थी। इस समित में तत्कालीन चेयरमैन एवं सीईओ ललित श्रीवास्तव, ओएसडी प्रवेंद्र कुमार, रणवीर सिंह, लीनू सहगल, आरके सिंह शामिल थे। निर्धारित से कम दरों पर जमीन आवंटन के लिए समिति पर कार्रवाई को लेकर अभी चुप्पी है।

भूमि आवंटन मामले में शामिल अधिकारी
1. सीईओ और चेयरमैन ललित श्रीवास्तव (मृत्यु हो चुकी है)
2. विशेष कार्याधिकारी आरके सिंह
3. महाप्रबंधक (नियोजन) लीनू सहगल
4. तहसीलदार रणवीर सिंह
5. विशेष कार्याधिकारी प्रवेंद्र कुमार

किससे होगी कितनी वसूली
सोसायटी/ट्रस्ट/कम्पनी बकाया करोड़ रुपये
त्याग बिल्डस्पेस प्राइवेट लिमिटेड 152.44
एमएमए ग्रेन्स मिल्स प्राइवेट लिमिटेड 139.95
शकुंतला एजुकेशनल सोसायटी 175.60
शांति एजुकेशनल सोसायटी 124.41
बाबू बनारसी दास ट्रस्ट 67.97
सतलीला एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट 366.06
मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट 383.97
जीएल बजाज एजुकेशनल ट्रस्ट 87.93
एक्सआइएमए एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड 74.65
एसके कॉन्ट्रेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड 118.33
चंद्रलेखा कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड 244.95
इंडियन नॉलेज सिटी 232.55
एचपीएस आईटी सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेडरके सिंह