फिल्म सिटी पर लगी फाइनल मुहर 15 अक्टूबर को निकलेगा ग्लोबल टेंडर देश विदेश की दिग्गज कंपनियां टेंडर में करेंगी भागीदारी

फिल्म सिटी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रॉजेक्ट में शामिल है। यूपी कैबिनेट ने यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-21 में एक हजार एकड़ में प्रस्तावित फिल्म सिटी की वैश्विक निविदा निकालने के टेंडर और कंसेशन एग्रीमेंट को मंजूरी दे दी है। यमुना प्राधिकरण अब 15 अक्टूबर को ग्लोबल टेंडर जारी करने जा रही है। टेंडर का प्रकाशन भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर में भी किया जाएगा। 1000 एकड़ में बनने वाले फिल्म सिटी को पीपीपी मॉडल पर डेवलप किया जाएगा।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी फिल्म सिटी परियोजना पर सभी आवश्यक संशोधन के साथ अंतिम मुहर लग गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद 15 अक्टूबर को फिल्म सिटी के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर की शर्तों को प्रतिभागयिों के अनुरूप और प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी कंपनियां इस प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। यमुना सिटी में प्रस्तावित फिल्म सिटी अत्याधुनिक और हाईटक होगा। यह बॉलीवुड से कहीं आगे और हॉलीवुड को टक्कर देगा। उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन बनाने की योजना को ध्यान में रखकर फिल्म सिटी की जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने का काम चल रहा है।
फिल्म सिटी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रॉजेक्ट में शामिल है। यूपी कैबिनेट ने यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-21 में एक हजार एकड़ में प्रस्तावित फिल्म सिटी की वैश्विक निविदा निकालने के टेंडर और कंसेशन एग्रीमेंट को मंजूरी दे दी है। यमुना प्राधिकरण अब 15 अक्टूबर को ग्लोबल टेंडर जारी करने जा रही है। टेंडर का प्रकाशन भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर में भी किया जाएगा। 1000 एकड़ में बनने वाले फिल्म सिटी को पीपीपी मॉडल पर डेवलप किया जाएगा। ग्लोबल टेंडर निकालने से पूर्व यमुना प्राधिकरण ने आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) और कंसेसन एग्रीमेंट (अनुबंध पत्र) की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा था। जिससे कि कैबिनेट प्रास्तव का अध्ययन कर उस पर अंतिम निर्णय ले सके। बृहस्पविार को कैबिनेट ने प्रस्ताव को हरी ­ांडी दे दी। फिल्म सिटी परियोजना पर लगभग 7200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। परियोजना के लिए चयनित होने वाली विकासकर्ता कंपनी को पहले की शर्त के मुताबिक 40 साल का समय दिया जाना था लेकिन कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इसे बढ़ाकर 60 साल कर दिया गया है। अनुबंध की शर्तों का पालन करने पर इस अवधि को आगे भी 30 साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। फिल्म सिटी परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसमें फिल्म से जुड़ी हर गतिविधि को मंजूरी दी गई है। यहां पर फिल्म की शूटिंग से लेकर रिलीज करने तक की सुविधा मिलेगी। यानी इंटरटेनमेंट, ओटीटी, ब्रॉडकास्टिंग, वी इफेक्ट, प्रोडक्शन हाउस, अपलिंकिंग, डाउनलिंकिंग सहित फिल्म और इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी समस्त गतिविधियां यहां चल सकेंगी। फिल्म सिटी का प्रपोजल तैयार करने में फिक्की, सीआईआई, बांबे फिल्म इंडस्ट्री सहित कई अन्य देशों के फिल्म इंडस्ट्री और उद्योग से जुड़े लोगों के सुझाव को सम्मिलित किया गया है।
यमुना सिटी का फिल्म सिटी भव्य और आकर्षक होगा। इससे लाखों की संख्या में लोगों को परोक्ष और अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। फिल्म सिटी बनने से उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी और यमुना सिटी क्षेत्र विश्व स्तर पर स्थापित होगा। विकासकर्ता कंपनी को सालाना 116 करोड़ रुपये या कुल कमाई का 2 प्रतिशत दोनों में से जो अधिक होगा, वह देना पड़ेगा। यानी रोजगार और डेवलपमेंट के साथ ही आर्थिक रूप से भी काफी फायदेमंद रहेगा। परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसमें फिल्म से जुड़ी हर गतिविधि को मंजूरी दी गई है। यहां पर फिल्म की शूटिंग से लेकर रिलीज करने तक की सुविधा मिलेगी।