जेवर क्षेत्र में यमुना प्राधिकरण बनाएगा 10 अभ्युदय विद्यालय, स्मार्ट क्लास सहित पब्लिक स्कूल की तरह होंगी सभी सुविधाएं

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत जेवर विधानसभा क्षेत्र में यमुना प्राधिकरण 10 अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय बनवाएगा। दो चरणों में स्कूलों को बनाया जाएगा और पहले चरण के लिए पांच स्कूलों का चयन किया गया है। इन पांचों स्कूलों के बनाने पर लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन अभ्युदय स्कूलों में कक्षा-1 से लेकर कक्षा-12 तक की पढ़ाई होगी।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। गांवों में विकास कार्य कराने के साथ ही ग्रामीणों के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर भी यमुना प्राधिकरण योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर बनाने और छात्रों को पब्लिक स्कूल की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत जेवर विधानसभा क्षेत्र में यमुना प्राधिकरण 10 अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय बनवाएगा। दो चरणों में स्कूलों को बनाया जाएगा और पहले चरण के लिए पांच स्कूलों का चयन किया गया है। इन पांचों स्कूलों के बनाने पर लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन अभ्युदय स्कूलों में कक्षा-1 से लेकर कक्षा-12 तक की पढ़ाई होगी। स्कूलों के भवन भूकंपरोधी होंगे और स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर रूम, लाइब्रेरी सहित एडवांस लैैब की सुविधा छात्रों को मिलेगी। बीते दिनों शिक्षा विभाग ने यमुना प्राधिकरण से विद्यालय बनाने का अनुरोध किया था जिस पर प्राधिकरण ने स्वीकृति दे दी है।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत जेवर विधानसभा क्षेत्र के 10 स्कूलों को अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय में परिवर्तित किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण ने पहले चरण में तिरथली, साबौता मुस्तफाबाद, झुप्पा, जेवर खादर और चिरौली में स्कूल बनाने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों में कक्षा एक से 12 वीं तक की पढ़ाई हो सकेगी। एक स्कूल के निर्माण पर 68.75 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इन स्कूलों में सारी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। स्कूलों का चयन करते समय कई मानकों को देखा गया है। इसके लिए प्रांगण का क्षेत्रफल न्यूनतम 3000 वर्ग मीटर होना चाहिए। न्यूनतम 250 विद्यार्थियों को नामांकन पहले से हो। अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय का भवन भूकंप रोधी तकनीक से युक्त होगा। स्मार्ट क्लास के साथ, एक पुस्तकालय, कंप्यूटर रूम और आधुनिक विज्ञान एवं गणित की प्रयोगशाला होगी। विद्यालय में साइकिल स्टैंड, पार्किंग स्थल भी होगा। सभी शौचालय पानी की बचत करने वाले होंगे। परिसर में फलदार और छायादार पौधे लगाए जाएंगे।