वीर विजय सिंह पथिक के जन्मस्थली पुस्तकालय पहुंचे अपर मुख्य अधिकारी

क्रांतिकारी पत्रकार विजय सिंह पथिक के आगे अंग्रेजों ने भी टेक दिए थे घुटने
पुस्तकालय के सुविधा के लिए जिला पंचायत जल्द लगाएगा सौर पैनल

बुलंदशहर। वीर विजय सिंह पथिक के जन्मस्थली बुलंदशहर के गुठावली अखत्यारपुर में शुक्रवार को अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी का जाना हुआ। जहां पर महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम से पुस्तकालय भी संचालित है, जिसमें कई गांवों के बच्चे पढ़ाई करते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने बताया यहां पर प्रतियोगी छात्रों से संवाद का भी अवसर मिला। जिला पंचायत बुलन्दशहर द्वारा पुस्तकालय के सुविधा के लिए सौर पैनल भी लगवाया जा रहा है। जिसकी घोषणा अध्यक्ष जिला पंचायत डॉ अंतुल तेवतिया द्वारा महान विभूति के जन्म दिवस 27 फरवरी को जन्मस्थल पर जाकर की गइ थी। फाउंडेशन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठी ने बताया इस पुस्तकालय में आकर पढऩे वाले लगभग 5 बच्चे गत वर्ष विभिन्न परीक्षाएं पास कर नौकरी कर रहे हैं।

इस दौरान वीर विजय सिंह पथिक फाउंडेशन (रजि.) के पदाधिकारियों ने अपर मुख्य अधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अपर मुख्य अधिकारी ने बताया महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम से संचालित पुस्तकालय से आज युवा पीढी में शिक्षा का उजियारा हो रहा है। देश की आजादी के संघर्ष को जन-जन तक पहुंचाकर इसे जन-आंदोलन में बदलने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं ने निभाई। इन सभी क्रांतिकारी समाचार-पत्रों के सम्पादक और प्रकाशक भारतीय स्वतंत्रता के वह वीर सेनानी थे, जिन्होंने हर सम्भव प्रयास कर संघर्ष की मशाल को जलाए रखा। विजय सिंह ‘पथिक’भारतीय पत्रकारिता की इस क्रांतिकारी पत्रकारिता की कड़ी के एक महत्वपूर्ण पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत मां के इस सपूत ने भी बहुत ही कम उम्र से खुद को स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने अपना ज़्यादातर लेखन-कार्य कारावास में रहने के दौरान ही किया। इनमें शामिल हैं – तरुण मेरु, पथिक प्रमोद (कहानी-संग्रह), पथिक जी के जेल के पत्र और पथिक जी की कविताओं का संग्रह। भारत को आजादी मिलने के बाद भी आम लोगों के अधिकारों के लिए उनकी लेखनी प्रखर रही।