यूपी के सबसे दौलतमंद सांसद को जोर का ­झटका, कर्ज न चुकाने पर बैंक ने जब्त की प्रॉपर्टी

फिर सुर्खियों में एमपी मलूक नागर, भाई पर भी एक्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे दौलतमंद सांसद मलूक नागर को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जोर का झटका दिया है। कर्ज का भुगतान न करने पर सांसद नागर और उनके भाई की प्रॉपर्टी पर बैंक ने कब्जा कर लिया है। 60 करोड़ से ज्यादा की बकाया राशि के लिए बैंक द्वारा नोटिस जारी कर तकादा किया गया था। रकम का भुगतान न करने पर यह कार्रवाई करनी पड़ी है। इस प्रकरण से बसपा सांसद एकाएक सुर्खियों में आ गए हैं। मलूक नागर बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह बड़े कारोबारियों में शुमार किए जाते हैं।

सांसद नागर ने रियल एस्टेट में भी अच्छा-खासा निवेश कर रखा है। जानकारी के अनुसार एसबीआई ने नागर डेयरी प्रा.लि. को कर्ज दिया था। नागर डेयरी भी जाना-पहचाना नाम है। कर्ज में सांसद नागर और उनके भाई राजवीर नागर गारंटर थे। बैंक की तरफ से इस संबंध में विज्ञापन भी जारी कराया गया है। बैंक की तरफ से विगत 12 जून 2017 को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में 2 माह के भीतर 53 करोड़ 65 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद बैंक को बकाया राशि नहीं मिल पाई। ऐसे में बैंक को सख्त कदम उठाना पड़ा है।

बैंक प्रबंधन ने नागर डेयरी और सांसद मलूक नागर तथा उनके भाई राजवीर नागर की हापुड़ तथा मेरठ की संपत्ति पर कब्जा लेने का दावा किया है। यह कार्रवाई हाल ही में 9 दिसम्बर को की गई है। बैंक ने संबंधित संपत्तियों के संदर्भ में किसी प्रकार का लेन-देन न करने की चेतावनी भी दी है। उधर, सांसद मलूक नागर ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। उनका कहा कि उन्हें इस प्रकरण में कोई जानकारी नहीं है। वह पिछले साल से डेयरी के प्रबंधन में भी नहीं हैं।

यह मामला राजवीर नागर से संबंधित है। राजवीर ने बैंक से कर्जा लिया था, जिसमें वह गारंटर बने थे। बैंक अधिकारियों से इस बावत कोई बातचीत नहीं हुई है। बता दें कि सांसद बनने के बाद मलूक नागर ने रियल एस्टेट सहित तमाम व्यावसायिक मामलों से खुद को अलग कर लिया था। 2019 के लोक सभा चुनाव के दरम्यान वह अपनी संपत्ति की घोषणा कर चर्चाओं में आ गए थे। उन्होंने 294 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी होने की बात कही थी। हालांकि 101 करोड़ से ज्यादा की देनदारी होना भी बताया था।