यमुना एक्सप्रेस-वे पर जान का दुश्मन नहीं बनेगा कोहरा, दुर्घटना रोकने को नई पहल

ग्रेटर नोएडा। सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके साथ घना कोहरा छाने की संभावना भी बढ़ने लगी है। ऐसे में यमुना एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना होने का खतरा भी पुन: बढ़ गया है। कोहरे के दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे रोकने के लिए इस बार पहले से तैयारी कर ली गई है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यमुना प्राधिकरण का यह फैसला न सिर्फ दुर्घटनाएं रोकने में कारगर साबित होगा बल्कि नागरिकों की जान भी बचा सकेगा। दरअसल 15 दिसम्बर से यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालक मनमानी गति से नहीं दौड़ सकेंगे। उन्हें निर्धारित गति का ध्यान रखकर वाहन चलाना होगा। नियम का उल्लंघन करने पर उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

सीईओ ने निकाला समस्या का हल
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह ने यह कदम उठाकर संभावित दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में प्रभावी प्रयास किया है। निकट भविष्य में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। दरअसल सर्दी के मौसम में कोहरे की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रतिवर्ष दुर्घटनाएं होती हैं। इस बार यह हादसे रोकने के लिए वाहनों की अधिकतम रफ्तार सीमा कम करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 15 दिसंबर से एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहन अधिकतम 80 किमी प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ पाएंगे। जबकि भारी वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा रहेगी। इससे ज्यादा गति से वाहन दौड़ाने पर चालान की कार्रवाई होगी। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेस-वे 165 किमी लंबा है। एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त ग्रस्त होने का ग्राफ काफी ज्यादा है।

तय की गई स्पीड लिमिट
सर्दियों में कोहरे की वजह से एक्सप्रेस-वे पर हादसे की आशंका और बढ़ जाती है। हालांकि एक्सप्रेस-वे पर हादसे रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए सुझावों पर भी कार्रवाई हो रही है। इसमें सबसे अह्म सुझाव एक्सप्रेस-वे की दोनों सड़कों के मध्य की जगह के दोनों तरफ क्रैश बीम बैरियर लगाना है। यह काम चल रहा है। जेवर तक यह कार्य पूर्ण हो चुका है। मथुरा व जेवर के मध्य में जल्द क्रैश बीम बैरियर लगा दिए जाएंगे। सर्दियों में कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम होती है। कम दृश्यता के कारण वाहन चलाना ज्यादा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में तेज रफ्तार वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। इस समस्या को पूरी तरह समाप्त करने के लिए वाहनों की अधिकतम रफ्तार सीमा कम की जा रही है। 15 दिसंबर से यह नियम लागू हो जाएगा। इसके बाद हल्के वाहन 100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार की बजाय 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे। भारी वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा रहेगी। नियम न मानने पर होगी कार्रवाई
यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के दौरान दुर्घटनाएं रोकने के लिए कदम उठाया गया है। वाहनों के लिए 15 दिसम्बर से गति सीमा 2 माह के लिए कम की जा रही है। इसके बाद मौसम को देखकर फैसला किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालक के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जाएगी। वाहन चालकों को जागरूक भी किया जाएगा। इसके मद्देनजर टोल प्लाजा पर जागरूकता अभियान व प्रचार सामग्री का वितरण होगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
यमुना प्राधिकरण