खत्म होगा कोरोना, लौटेंगी खुशियां

अभय कुमार मिश्र
( लेक पेशे से शिक्षक हैं। विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर लिखते रहते हैं और अपनी बात बेबाकी के साथ रखने के लिए जाने जाते हैं। उदय भूमि में प्रकाशित यह लेख लेखक के निजी विचार हैं। )

कोरोना काल में त्योहारी और चुनावी मौसम का श्रीगणेश हो गया है। नवरात्रि, रामलीला, दुगार्पूजा, दशहरा का त्यौहार आज खत्म होगा लेकिन चंद दिनों बाद दिवाली और फिर छठ का त्यौहार है। लेकिन परेशान करने वाली बात यह है कि ठंड शुरू हो गई है और कोरोना काल का सबसे कठिन काल जाड़ा का समय ही है। माना जा रहा है कि इस दौरान कोरोना का असर बहुत बड़े स्तर पर होगा। लेकिन उसके लिए हमें सजगता और सावधानी बरतनी होगी। अगर आगे भी त्यौहारों का आनंद लेना है तो कायदे से मास्क लगाओ, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करो, साबुन से हाथ धोओ। पुरनी कहावत है कि सब्र का फल मीठा होता है। कुछ समय के संकट के बाद यह कष्टकारी कोरोना काल भी समाप्त हो ही जाएगा। आखिर दुनियभर में कोरोना का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन तो बन रही है। दुनियाभर के वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हुए हैं। अनुमान है कि अगले पांच- छह महीने तक वैक्सीन दुनिया के पास होगी। ऐसे में अगले कुछ महीने हमें सब्र दिखाने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें : असत्य पर सत्य की जीत
देश एवं समाज में धर्म का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक धर्म की अपनी अलग पहचान और खूबसूरती होती है। धर्म का अक्षरक्ष: पालन करने से जीवन में अपार सुख एवं शांति की प्राप्ति होती है। प्रत्येक धर्म मनुष्य को बेहतर से बेहतर बनने और दूसरों के आदर-सम्मान के लिए प्रेरित करता है। हमारा सनातन हिंदू धर्म बेहद खूबसूरत धर्म है। पिछले करीब 20 हजार साल से हिंदू धर्म विद्यमान है। देश-विदेशों में इस धर्म के असंख्य अनुयायी हैं। हिंदू धर्म वेदों पर आधारित धर्म है। वेदों से स्मृति और पुराणों की उत्पत्ति हुई है। वेदों के सार को उपनिषद और उपनिषदों के सार को गीता कहते हैं। श्रुति के अंतर्गत वेद आते हैं। बाकी सभी ग्रंथ स्मृति ग्रंथ हैं। रामायण और महाभारत इतिहास ग्रंथ हैं। उपरोक्त ग्रंथों में जीवन, परिवार, समाज और राष्ट्र को बेहतर बनाने के लिए कई सूत्र दिए गए हैं। हिंदू धर्म में हमें संयम और स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है। इस कोरोना काल में हम सभी को इस पाठ का अनुसरण करना है।

यह भी पढ़ें : सुबह तक नहीं बचा था विवादित ढ़ांचे का चुटकी भर मलवा

नवरात्रि पर्व का समान हो चुका है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की भक्तों ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान मां दुर्गा से देश में अमन-शांति, खुशहाली के अलावा कोविड-19 (कोरोना वायरस) जैसी महामारी का समूल नाश करने की कामना की गई। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा महोत्सव की धूम देखने को मिल रही है। कोरोना काल में भी वहां मां दुर्गा के भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर आकर्षक दुर्गा पंडाल बनाए गए हैं। जहां दिन-रात मां दुर्गा की पूजा-अर्चना हो रही है। विजयदशमी के बाद दीपावली पर्व की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। पहले धनतेरस फिर छोटी दीपावली और बड़ी दीपावली मनाई जाएगी। तदुपरांत गोवर्धन पर्व और भैया दूज मनेगा। भैया दूज के कुछ दिनों बाद महापर्व छठ आएगा। महापर्व छठ भी देश के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाएगा। कोविड-19 (कोरोना वायरस) की वजह से देशभर में पिछले कुछ माह से परिस्थितियां बदली हुई हैं। वैश्विक महामारी ने भारत के सभी राज्यों को अपनी जकड़ में ले रखा है। ऐसे में तीज-त्यौहार मनाने को लेकर सरकार की तरफ से जरूरी गाइड लाइन जारी की गई हैं। इन गाइड लाइन का सभी को पालन करने की जरूरत है। चूंकि जरा सी लापरवाही खुशियों को ग्रहण लगाने के लिए काफी है।

यह भी पढ़ें : चीन का डिजिटल अतिक्रमणहम यह मानकर चलें कि कुछ समय के बाद दुनिया फिर से पहले की तरह से चलेगी। अंधकार के बाद उजाला तो होगा ही। यही प्रकृति का नियम है। एक बार कोरोना पर विजय पाते ही कारें, सोना, नए घर वगैरह फिर बिकने लगेंगे। खरीदारों की कमी नहीं है। पिछले साल दीवाली से पहले तक सारे देश में यह वातावरण बनाया जा रहा था कि मंदी के कारण कारों की बिक्री बिल्कुल बैठ गई है। पर यह अनुमान गलत निकला। तब हजारों कारों की बिक्री हुई। दिल्ली-एनसीआर में ही मर्सिडीज बेंज और बीएमड्ब्ल्यू जैसी लक्जरी कारें सैकड़ों की संख्या में बिकीं। कोरोना खत्म होने के बाद दुनिया फिर से पहले की तरह घूमेगी और खरीददारी करेगी। तब फिर फिर से सिनेमा घर, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल्स आबाद भी हो जाएंगे। पर अभी सब को सतर्क और सजग रहना ही हितकर है। इसलिए एक बार फिर कह रहा हूं संयम बरतो कोरोना खत्म होगा और अंधेरे के बाद फिर से उजाला होगा।