गाजियाबाद में निवेशकों के धरातल पर लाया जाए 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट : राकेश कुमार सिंह

-उद्यमी द्वारा किए गए आवेदन का निस्तारण नही होने पर टाउन प्लानर को लगाई फटकार
-उद्यमियों के सामने आने वाली समस्याओं का निस्तारण करने के दिए निर्देश

गाजियाबाद। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 में जनपद के निवेशकों द्वारा दिए गए करोड़ों रुपए के निवेश के प्रोजेक्ट को अब धरातल पर लाना होगा। गुरुवार को जीडीए सभागार में जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण बैठक करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि निवेशकों के लगभग 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट धरातल पर लाया जाए। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जीडीए सचिव बृजेश कुमार, सीडीओ, अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव, डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, जीडीए के चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गुप्ता, उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान, यूपीसीडा के आरएम चंद्रकेश मौर्य, जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह, टाउन प्लानर राजीव रतन शाह आदि अधिकारियों एवं उद्यमियों के साथ बैठक की।

जिलाधिकारी ने कहा कि निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए उद्यमियों के सामने आने वाली समस्याओं का अधिकारी तत्काल निस्तारण करें। वहीं, जीडीए उपाध्यक्ष ने जीडीए के टाउन प्लानर राजीव रतन शाह को जन सुनवाई के दौरान दिसंबर-2022 में नक्शा स्वीकृत कराने के लिए उद्यमी द्वारा किए गए आवेदन का निस्तारण नहीं किए जाने पर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने जीडीए सचिव को इन्हें तत्काल रिलीव करने का फरमान जारी कर दिया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों एवं निवेशकों के साथ बैठक करते हुए कहा कि फरवरी में लखनऊ में आयोजित हुए यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश भर में जनपद गाजियाबाद से सबसे अधिक निवेशकों ने निवेश के प्रस्ताव पेश किए गए। उद्योग से जुड़े संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए निवेशकों के प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए निवेशकों के सामने आ रही परेशानी का तत्काल निस्तारण कराते हुए निवेशकों के उद्यमों की स्थापना कराई जाए। ताकि जनपद के औद्योगिक विकास को और गति प्रदान की जा सकें। उद्यमियों की समस्याओं का गहनता के साथ सुनने के बाद उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योगों की स्थापना में निवेशकों की जो समस्याएं बैठक में रखी गई हैं। उन समस्याओं का सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अधिकारी निस्तारण करने की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा है कि निवेशकों को उद्योगों की स्थापना करने में अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया।
उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदेश स्तर एवं जनपद स्तर पर विभिन्न विभागों के अंतर्गत प्राप्त निवेशकों एवं रोजगार के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की ऑनलाइन वेबसाइट यूपीजीआईएस-2023 के अंतर्गत संचालित निवेश सारथी पोर्टल पर निवेशकों को फैसिलिटेशन फॉर्म भरने के संबंध में पीपीटी प्रस्तुत की गई। प्रदेश शासन द्वारा शीघ्र ही ग्राउंड बे्रकिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।इसमें इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत प्राप्त कुल निवेश के 40 प्रतिशत निवेशकों के प्रोजेक्ट को धरातल पर लाया जाना है। शासन ने जनपद,मंडल स्तर एवं प्रदेश स्तर पर मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) क्रियान्वयन समिति का गठन किया है। एमओयू की फैसिलिटेशन के लिए जनपद स्तर पर उद्यमी मित्र भी तैनात किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने विभागवार एमओयू हस्ताक्षर की समीक्षा की। इसके साथ ही किस विभाग में कितने एमओयू क्रियान्वित होने की स्थिति में है। इसकी जानकारी ली गई। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने विभाग से संबंधित एमओयू करने वाले निवेशकों से संपर्क कर इनके क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का जल्द निस्तारण कराएं। जनपद स्तर पर एमओयू क्रियान्वयन समिति को अवगत कराना सुनिश्चित करें। बैठक में जनपद के निवेशकों एवं उद्यमियों ने भाग लिया। जमीनों के भू-उपयोग परिवर्तन से संबंधित प्रकरण बैठक में रखे। जिलाधिकारी ने बैठक में सभी निवेशकों एवं उद्यमियों को आश्वस्त किया कि यदि उनके एमओयू क्रियान्वयन के संबंध में कोई समस्या आ रही है तो वह शासन द्वारा संचालित ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। इसका जनपद स्तरीय एमओयू क्रियान्वयन समिति के माध्यम से शीघ्र निस्तारण कराया जाएगा।
उन्होंने जीडीए के मुख्य नगर नियोजक सीपी त्रिपाठी को निर्देशित किया कि मास्टर प्लान-2031 के अंतर्गत चिन्हित ऐसी भूमि जो औद्योगिक प्रयोजन की है। उसकी सूची तैयार कर उपायुक्त उद्योग और  औद्योगिक संगठनों को उपलब्ध करा दें। निवेशकों को सुझाव दिया कि उक्त भूमि में अपने-अपने प्रोजेक्ट लगाए जाने के लिए विचार कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने विभाग से संबंधित एमओयू की प्रगति की सूचना तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। निवेशकों से आह्वान किया जो सुझाव दिए गए हैं। उन्हें शासन को प्रेषित किया जाएगा। ताकि शासन स्तर से इस पर निर्णय लिया जा सकें।