GDA – जीडीए सचिव की डीएम से की शिकायत

GDA – जीडीए सचिव के रवैये से लोगों में आक्रोश, वैशाली में मकान का लेंटर गिरने का मामला

गाजियाबाद। पिछले सप्ताह ट्रांस हिंडन क्षेत्र स्थित वैशाली कॉलोनी में GDA द्वारा बनाये गये मकान का छत भरभरा कर गिर जाने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने से लोगों में गुस्सा बढ़ गया है। जीडीए के प्रति लोगों के आक्रोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिलाधिकारी के समक्ष लोगों ने इस मसले को उठाते हुए GDA अधिकारियों को खूब भला बुरा कहा। जीडीए का विरोध कर रहे लोगों ने डीएम आरके सिंह से जीडीए सचिव संतोष कुमार राय की शिकायत की और कहा कि सचिव लोगों की शिकायतों का समाधान कराने के बजाय उनके जख्म पर नमक रगड़ रहे हैं। डीएम ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों का समाधान कराया जाएगा।

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GDA-COMPLAIN
Public Complaning about GDA Officer behavior to District Magistrate Rakesh Kumar Singh

वैशाली सेक्टर-1 हाउस नंबर 166 सी कामना वैशाली में पिछले सप्ताह एक मकान का पूरा छत लेंटर सहित नीचे गिर गया था। जिस मकान का छत गिरा उस मकान में उत्तराखंड का एक परिवार रहता है। गनीमत रही कि जिस समय छत गिरा उस समय कमरे से परिवार के लोग बाहर चले गये थे नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो जाता। जिस मकान में हादसा हुआ वह GDA द्वारा निर्मित है। लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी जीडीए का कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। भाजपा पार्षद मनोज गोयल के नेतृत्व में जब लोगों ने GDA सचिव से दोबारा छत की लेंटर डालने की मांग की तो सचिव ने उसे अनसुना कर दिया। लोगों के काफी विरोध के बाद जीडीए सचिव ने कहा कि वह मामले को दिखाएंगे और संभव होगा तो कुछ मरम्मत कार्य करवा दिया जाएगा। GDA सचिव के इस लापरवाह रवैया से लोगों में गुस्सा है। जिस मकान का छत गिरा है उसके आसपास के मकानों में रह रहे लोगों में भय व्याप्त है। लोगों में डर बना हुआ है। कुछ लोगों ने अपने मकान में रहना छोड़ दिया है, उन्हें डर है कि कहीं उनके मकान का भी छत ना गिर जाये।

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रविवार को वैशाली सेक्टर 1 में वृक्षारोपण कार्यक्रम में आए जिला अधिकारी आरके सिंह को इस मामले से अवगत कराते हुए स्थानीय लोगों ने GDA सचिव संतोष कुमार राय के रवैए की शिकायत की। क्षेत्रीय पार्षद मनोज गोयल ने जिलाधिकारी के समक्ष स्थानीय लोगों की पीड़ा रखते हुए कहा कि जीडीए सचिव का रवैया लोगों के जख्म पर नमक रगडऩे जैसा है।

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GDA सचिव संतोष कुमार राय पिछले कई वर्षों से जीडीए में जमे हुए हैं और पूर्व में कई बार इनकी कार्यशैली को लेकर उंगली उठती रही है। GDA सचिव पर आरोप लगते रहे हैं कि वह लोगों की शिकायतों पर गंभीरता नहीं दिखाते हैं और परेशान व पीडि़तों की मदद करने के बजाय उन्हें रौब दिखाते हैं। विदित हो कि कुछ माह पूर्व जीडीए में भ्रष्टाचार का एक बड़ा खुलासा हुआ था जिसमें यह बात सामने आई थी की अवैध निर्माण के बदले GDA में प्रति लेंटर रेट फिक्स है। जीडीए के प्रवर्तन विंग द्वारा प्रति लेंटर एक लाख रुपया वसूला जाता है और हिस्सा अधिकारियों में बंटता है। इस प्रकरण में जीडीए अधिकारियों की बड़ी छिछालेदर हुई थी। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश भी GDA के कई वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली से काफी असंतुष्ट हैं। जीडीए उपाध्यक्ष ने कई अधिकारियों के खिलाफ  कार्रवाई करने का मन भी बनाया था लेकिन कोरोना काल में प्रभारी जिलाधिकारी के रूप में उनका पूरा ध्यान शहर वासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने पर लगा रहा। कृष्णा करूणेश ने प्रभावी ढंग से गाजियाबाद में कोरोना को कंट्रोल किया। लेकिन ध्यान कोरोना कंट्रोल पर होने के कारण कई कई लापरवाह बेपरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई में विलंब हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही कई अधिकारियों की जीडीए से रवानगी कराई जाएगी। जिससे कि मठाधीश अधिकारियों से जीडीए को छूटकारा मिले और विभाग की छवि को सुधारा जा सके।

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उधर, वैशाली के लोगों की इन शिकायतों के बाद जिलाधिकारी ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है। उन्होंने जीडीए के अधिकारियों को इस विषय में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है। जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ताओं को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा। शिकायत करने वालों में बसंत पांडे, पवित्रा, मीना पांडे, उमेश गोस्वामी, देव सिंह, अवधेश कटिहार, साजवान, श्याम सुंदर सिंह, शिव शंकर उपाध्याय, भूपेंदर, कमलेश, हेमा, नीलम रावत, नीलू रावत, विमला देवी, कमला, ममता, माया पांडे, आनंदी, मीनू दुबे, नीमा, पुष्पा, रचना, गीता, परमिता, सरिता, बसंत आदि शामिल थे।

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