विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

राजनीतिक दल, असामाजिक तत्व तथा कट्टरपंथी कर रहे ब्राह्मण समाज का शोषण: बीके शर्मा

मथुरा। मथुरा वृंदावन विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वप्रथम भगवान परशुराम के समक्ष ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता परम पूज्य मुकेश गोस्वामी ने की, सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मर्षि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि आज कई बिंदुओं पर ब्राह्मण समाज उपेक्षित और शोषित है। युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी न होते हुए भी दिग्भ्रमित हैं। हम धर्मनिरपेक्षता के खोखले आदर्शों तथा वैश्विकरण के नाम पर अपने अस्तित्व की प्रतिमा खंडित करते आ रहे हैं। एक समय था जब कहा जाता था ब्रम्ह जाना सो ब्राह्मण: परंतु आज, आज हमें कहने की आवश्यकता है अहम् ब्रह्मास्मि। हे ब्राह्मण बंधुओ जागो और स्वयं को पहचानो तभी लोग तुम्हें पहचानेंगे। हमारे शास्त्रोचित दृष्टिकोण में वह प्रवाह रहा है जो संसार को दिशा निर्देश देता रहा है, उठो और संगठित होकर नए समाज की पुनर्स्थापना करो। विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा एक शिलान्यास है आप एकत्रित हों और शिलास्तम्भ बनकर इसका निर्माण करें। हम नाना प्रकार के अनैतिक कार्यों में लिप्त हैं।

हमें इसका रत्ती भर अनुमान नहीं की हमारे शास्त्र विरोधी आचरण और आधुनिकता की दौड़ में हमारी संतानें संस्कारों से विहीन पशु प्रवित्ति में परिवर्तित होती जा रहीं हैं। हमें लोंगो में संस्कार व संस्कृति की ज्योति जलानी है। आरक्षण यह ऐसा रोग है जिसने हमें अपाहिज बना दिया है। प्रतिभाएं आरक्षण के काले बादलों में विलुप्त हो रहीं हैं और अयोग्य अधिकारी देश को लूट रहें हैं। हम खुलकर विरोध कर सकते हैं। हमारी आने वाली पीढियां हमें आतुरता से निहार रहीं हैं परंतु हम अकेले इतने बड़े सिस्टम के सामने कुछ नहीं। हमें पथनिर्माण करना होगा, हमें एक हो जाना है, हमें बड़ी संख्या में संगठित होकर इस आरक्षण रूपी पत्थर को हमारे नवयुवाओं के रास्ते से हटाना है। संस्था की सुदृढ़ता के उपरांत यथासंभव पाठशाला व माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जायेगी। विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गोस्वामी ने कहा कभी कभी योग्यता और धन होते हुए भी जीविकोपार्जन कठिन होता है। हमारे यहां हनुमान की कमी नहीं, हमें जामवंत चाहिए। उचित मार्ग दर्शन से नवयुवाओं में व्यावसायिक जागृति उत्पन्न होगी और अपना जीवन निर्वाह कुशलतापूर्वक कर पाएंगे। विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा ब्राह्मणों की संस्था है। जब हम एक होंगे तो हमारे संबंधों का क्षेत्र भी बढ़ेगा। हम सुविधानुसार विवाह प्रस्ताव भी रख सकते हैं।

संस्था के सदस्य पारस्परिक विचार विमर्श से दहेज़ रहित विवाह संपन्न कर पाएंगे। दहेज हर कन्यापक्ष के लिए अभिशाप है। हमें यह अपवाद विनष्ट करना है यदि कोई प्राकृतिक आपदा आती है, हमें संगठित होकर यथा शक्ति योगदान देना होगा। हमें आरोग्य, शिक्षा, व्यवसाय तथा अवांछित आपदाओं के लिए संगठन से ऊपर उठकर हर संभव मदद करनी है। इस मौके पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार शर्मा, महासचिव सुभाष शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आलोक चंद्र शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ऋषि पाल शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवाशीष ओझा, संगठन मंत्री मनोज शर्मा, संगठन मंत्री देवेंद्र शर्मा, संगठन मंत्री शिवकुमार शर्मा, कार्यालय मंत्री सचिन भारती, राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला शक्ति प्रकोष्ठ पूनम भारद्वाज, राष्ट्रीय सचिव महिला शक्ति प्रभारी मथुरा वृंदावन सीमा भार्गव, राष्ट्रीय संगठन मंत्री विनीत भारद्वाज, डॉ सुजीत सिंह, डॉक्टर सोम प्रकाश, अशोक साधु मार्गदर्शन मंडल मौजूद थे।