बिजली कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार कर जारी रखी हड़ताल, कामकाज पूरी तरह ठप

गाजियाबाद। बिजली कर्मचारियों ने गुरूवार को कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल जारी रखी। ऊर्जा मंत्री के साथ लिखित समझौते को लागू कराने के लिए विद्युत विभाग के कर्मचारी आंदोलनरत है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर गुरूवार रात 10 बजे से विद्युत कर्मचारियों 72 घंटे की हड़ताल शुरू करेंगे। हड़ताल में बिजली सप्लाई को छोड़कर अन्य कामकाज पूरी तरह से ठप रखे जाएंगे। हडताल को देखते हुए विभाग ने अपने स्तर से तैयारी करते हुए दूसरे विभागों के जेई व पूर्व बिजली कर्मियों को तैनात कर दिया है।ताकि कामकाज पर हड़ताल का असर न पड़े। ऊर्जा मंत्री की अपील का भी विद्युत कर्मचारियों पर कोई असर नहीं दिख रहा है।कर्मचारी अपनी मांग पर अडिग़ हैं। विद्युत कर्मियों के समर्थन में जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

राजनगर आरडीसी में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के चीफ इंजीनियर नीरज स्वरूप के कार्यालय के परिसर में विरोध सभा जारी रही। विद्युत कर्मचारी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू करने, परियोजनाओं का निजीकरण न करने को लेकर को सभी बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर,सहायक अभियंता एवं संविदा कर्मी हड़ताल में शामिल हैं। 72 घंटे तक बिजली सप्लाई को छोड़कर सभी काम बाधित रहेंगे। नए बिजली कनेक्शन, फाल्ट ठीक करना सहित अन्य विभाग के कामकाज को ठप रखा जाएगा।समिति के जिला संयोजक शेर सिंह ने बताया कि बजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिीसिटी इम्पलाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने प्रदेश के विद्युत कर्मियों के आंदोलन को समर्थन देते राष्ट्र व्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आहवान किया है। इसलिए गुरूवार को प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।

हालांकि कर्मचारियों की हड़ताल के चलते विभाग ने अपने स्तर पर इन समस्याओं से निपटने की तैयारी कर ली है। विद्युत वितरण निगम के चीफ इंजीनियर नीरज स्वरूप ने बताया कि विभाग के पूर्व अधिकारी एवं कर्मचारी के अलावा जल निगम व पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के जूनियर इंजीनियरों को तैनात किया गया है। ताकि जरूरत पडऩे पर स्थिति को संभाला जा सकें। इसलिए हड़ताल के दौरान उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति को लेकर कोई समस्या उत्पन्न न हो सकें।