35 हजार के लिए पुताई ठेकेदार पर बरपा पुलिस का कहर, मौत

गाजियाबाद। मकान में पुताई कराने के बाद पुताई ठेकेदार के रुपए नहीं देने और पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई करने के बाद हुई मौत के मामले में दोनों सिपाहियों केे खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धाराओं में वेव सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में डीसीपी ग्रामीण जोन रवि कुमार ने बताया कि पुताई ठेकेदार मृतक प्रेम शंकर के पुत्र की तहरीर पर दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ वेव सिटी थाने में गैर इरादतन हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।आरोपित पुलिसकर्मी प्रेमपाल जनपद हापुड़ व सिपाही नितिन इंदिरापुरम क्षेत्र में डॉयल-112 गाड़ी पर तैनात है। पुलिस जांच के बाद दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी जल्द हो सकती है। दरअसल, वेव सिटी थाना क्षेत्र अंतर्गत लालकुआं स्थित मानसरोवर पार्क कॉलोनी में रहने वाले पुताई ठेकेदार प्रेमशंकर की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों ने पड़ोस में रहने वाले दो पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था।

आरोप है कि पुताई के रुपए मांगने पर दोनों पुलिसकर्मियों ने पांच जनवरी को उनके साथ अपने मकान पर मारपीट की थी। इसके बाद उन्होंने दोनों सिपाही की शिकायत चौकी व थाने पर की तो आरोपितों ने गुस्से में आकर उनके साथ मारपीट की। इससे उनके दिमाग की नस फट गई। उनका गाजियाबाद व दिल्ली के अस्पतालों में परिजन उपचार करा रहे थे। बुधवार शाम उनकी मौत हो गई।इसके बाद परिजनों ने जिला एमएमजी अस्पताल में आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामा के सूचना मिलने पर डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल, एसीपी कोतवाली अंशु जैन, एसीपी वेव सिटी रवि प्रकाश सिंह, कोतवाली प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। डीसीपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया।

मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी के रीवा थाने के गांव गुलाकीपुर खैरवा के रहने वाले प्रेम शंकर मेहतो (55) लाल कुआं पुलिस चौकी क्षेत्र की मानसरोवर पार्क कॉलोनी में अपनी दूसरी पत्नी संगीता देवी,दो बच्चों आयुष और कार्तिक के साथ रहते थे।उनकी पहली पत्नी उर्मिला देवी का वर्ष-2016 में निधन हो गया था। उनसे सात बच्चे हैं। इनमें पिंकी, कृष्णा, बलराम, रितु, बलराज, रीता व ज्योति नंदग्राम में रहते हैं। प्रेम शंकर रंगाई-पुताई का ठेके पर काम करते थे। बेटे कृष्णा ने बताया कि उनके पिता ने एक साल पहले मानसरोवर पार्क में पड़ोस में रहने वाले सिपाही प्रेमपाल और सिपाही नितिन के घर पुताई का काम किया था। इसके चलते प्रेमपाल पर 20 हजार रुपए और नितिन पर 15 हजार रुपए बकाया थे।
पांच जनवरी को उनके पिता प्रेमपाल व नितिन से रुपए का तकादा करने के लिए उनके घर गए थे।

आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने उनके साथ जमकर मारपीट की। रात होने के कारण वे घर लौट आए और छह जनवरी को चौकी शिकायत लेकर पहुंचे।आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। इसके बाद वह वेव सिटी थाना पहुंचे और वहां भी शिकायत की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रेमपाल व नितिन को शिकायत करने के बारे में पता चला तो उन्होंने घर जाकर प्रेमशंकर के साथ दोबारा मारपीट की। प्रेम शंकर के बेटे कृष्णा का कहना है कि मारपीट से उनके पिता के सिर में गंभीर चोट आई। इसके चलते उनकी 18 फरवरी को हालत बिगड़ गई थी। उसी दिन उन्होंने पिता को जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां हालत गंभीर होने के कारण उन्हें संतोष मेडिकल में रेफर किया गया। आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण वह पिता को डिस्चार्ज कराकर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल ले गए। उन्हें बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। सफदरजंग अस्पताल में उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें जनकपुरी के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। यहां उपचार होने के बाद पांच दिन पूर्व वहां से छुट्टी दे दी गई।

छुट्टी के समय चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि प्रेमशंकर के दिमाग की नस फट चुकी है। ऐसे में उनकी जान बचना मुश्किल है।उनका आपरेशन करना पड़ेगा। बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे प्रेम शंकर की मानसरोवर पार्क स्थित घर पर मौत हो गई।परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो वेव सिटी पुलिस उन्हें अस्पताल लेकर पहुंची। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर जिला एमएमजी अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
एसीपी (वेव सिटी) रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि प्रेम शंकर ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ छह जनवरी को मारपीट की शिकायत दी थी। उनके कराए गए मेडिकल रिपोर्ट में किसी प्रकार की कोई चोट नहीं आई थी। मेडिकल चेक कर लिया गया है। 18 फरवरी को उन्हें लकवे का अटैक आया था।इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी।इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।