सोशल चौकीदार के.के. शर्मा ने कहा यूपी में फिर आएगी भाजपा सरकार, सपा-रालोद गठबंधन का नहीं होगा कोई असर

-सोशल चौकीदार संस्था के संस्थापक ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर की बात

गाजियाबाद। वरिष्ठ समाजसेवी एवं सोशल चौकीदार संस्था के संस्थापक के.के. शर्मा ने उत्तर प्रदेश में अगले विधान सभा चुनाव 2022 के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के गठबंधन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि इस गठबंधन का चुनाव में कोई लाभ नहीं मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटेगी। उन्होंने विपक्ष की नीति और नीयत को भी कटघरे में खड़ा किया है। सोशल चौकीदार ने उप्र सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री एवं विधायक अतुल गर्ग की कार्यप्रणाली पर भी असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में गाजियाबाद में जिस तरह की अफरा-तफरी और बदइंतजामी देखने को मिली थी, वह नहीं होनी चाहिए थी। यदि मंत्री जी अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर होते तो कम से कम गाजियाबाद में हालात कुछ और होते। सोशल चौकीदार संस्था के संस्थापक के.के. शर्मा ने उदय भूमि संवाददाता से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। अपनी बेवाक बयानी के लिए वह जाने जाते हैं। बातचीत के दौरान भी वह सभी मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने से नहीं हिचके। यूपी में आगामी विधान सभा चुनाव के चलते सपा-रालोद गठबंधन पर उन्होंने तीखा कटाक्ष किया।

पहले भी होते रहे हैं गठबंधन
के.के. शर्मा ने कहा कि पिछले विस चुनाव में सपा-कांग्रेस और रालोद ने गठबंधन किया था, मगर वह कोई चमत्कार नहीं कर पाए थे। तीनों दलों के गठबंधन को जनता ने नकार दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ पहले भी गठबंधन होते रहे हैं, मगर उनका कोई जमीनी असर नहीं रहा है। अगले विधान सभा चुनाव में भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि किसान आंदोलन को जाट आंदोलन के नाम पर प्रचारित करने की कोशिश की गई। हालाकि विस चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ पुन: सत्ता में लौटेगी। कोरोना संक्रमण की पहली एवं दूसरी लहर का देश एवं प्रदेश में असर और अव्यवस्था पर चर्चा करते हुए के.के. शर्मा ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होते तो निश्चित रूप से पूरे देश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता।

ग्लोबल वैक्सीनेशन ट्रैकर की लिस्ट में भारत का नाम दर्ज
के.के. शर्मा ने कहा देश में जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण अभियान की रफ्तार भी बेहद सुस्त थी। डब्ल्यूएओ ने भी भविष्यवाणी कर दी थी कि भारत में कोरोना संक्रमण से 2 से 5 करोड़ लोगों की जान जा सकती है, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से गंभीरता दिखाई और समय से जरूरी फैसले लिए, उसका असर देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में वैक्सीनेशन अभियान जोरों पर चल रहा है। वैक्सीनेशन में भारत ने पूरी दुनियां को पीछे छोड़ दिया है। पीएम के अपील के बाद नागारिकों में भी वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता देखने को मिली। कोरोना की लड़ाई में भारत के यह सर्वोत्तम जीत है। ग्लोबल वैक्सीनेशन ट्रैकर की इस लिस्ट में भारत के बाद अमेरिका का नंबर है।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री को भी घेरा
के.के. शर्मा ने कहा कोरोना काल में उत्तर प्रदेश और खासकर गाजियाबाद में कुछ दिन अव्यावस्था और बदइंतजामी के हालात रहे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्य मंत्री यदि अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते तो संभवत: कम से कम गाजियाबाद में हालात नहीं बिगड़ते। उन्होंने कहा कि यदि डॉक्टर अपनी जान की फिक्र करते तो वह मरीजों का इलाज नहीं कर पाते। इसी प्रकार यदि एंबुलेंस चालक भी खुद के बारे में सोचते तो वह कोरोना संक्रमित मरीजों को एक से दूसरे स्थान पर ले जाने में संकोच करते, मगर ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने इन बातों के जरिए स्वास्थ्य राज्य मंत्री की कार्यशैली को कटघरे में लाने का प्रयास किया। यदि काम में इंट्रेस्ट होता तो चीजें इस प्रकार नहीं बिगड़ पातीं।

मोदी-योगी सरकार का काम बेमिशाल
एक सवाल के जबाव में के.के. शर्मा ने कहा कि मोदी-योगी सरकार ने अब तक जो कर दिखाया है वह पूववर्ती सरकारें सोच भी नहीं पाई थीं। सरकार ने सड़कों का जाल बिछाया है। अब सड़क मार्ग से लखनऊ तक पहुंचने में एक घंटे का समय लगता है। लोगों ने अब लखनऊ जाने के लिए हवाई सेवा तक को छोड़ दिया है। मोदी सरकार के कार्यों का लंबे समय तक फायदा मिलना तय है। आज हर घर में शौचालय है। डॉक्टर के यहां लगने वाली लाइन छोटी हो गई है। भाजपा हमेशा राष्ट्रीय स्तर पर सोचती है। उन्होंने कहा कि चीन जब मर्जी भारत की भूमि को छीन लेता था, इस बात की कभी चर्चा भी नहीं होती थी। आज चीन जैसा देश भारत के समाने घुटने टेक चुका है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व जातिवादी पार्टियां देश के लिए नहीं सोचती। वह सिर्फ जाति के बारे में सोचती हैं। भारत का नागरिक जातिवाद, झूठे वायदे, मुफ्त के वादे में फंस जाता है। इसके उलट भाजपा कभी जाति की राजनीति नहीं करती।

सुविधाएं लेते मगर भाजपा को वोट नहीं देते मुस्लिम
उन्होंने कहा कि देश में हर पार्टी को मुस्लिमों का वोट चाहिए। ये भावना देश के लिए खतरनाक है। कोई मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देता, मगर बीजेपी द्वारा दी गई सुविधाओं का लाभ हिंदुओं से ज्यादा मुस्लिमों को मिल रहा है। फिर भी मुस्लिम वोट नहीं देता। इसका कारण विपक्षी दलों द्वारा किया गया पोलराइजेशन है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के लिए हिंदुस्तान के अलावा कोई जगह नहीं है। विपक्षी पार्टियां अब हिंदू की बात करने लगी हैं। चाहे दिखावा करें, विपक्ष के नेता मंदिरों में जाने लगे हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार की अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में 70 फीसदी से अधिक योजनाओं का लाभ मुस्लिम समाज उठा रहा है। बीजेपी, जिसको मुसलमानों के दुश्मन के रूप में पेश किया जाता है, वह ही असली जरूरतों को समझ रही है। मुस्लिम समाज के गरीब, बेसहारा वर्ग के उत्थान को लेकर सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस सरकार में लाखों बेघर मुसलमानों को अपना आशियाना मिला है। मुस्लिम तबके की गरीब घरों की तमाम लड़कियों की शादी बिना किसी भेदभाव के सरकार द्वारा कराई जा रही है।