गाजियाबाद एसएसपी सस्पेंड, CM योगी की बड़ी कार्रवाई, DM सोनभद्र पर भी चलाया हंटर

लखनऊ/गाजियाबाद। यूपी में योगी आदित्यनाथ का 2.0 का कार्यकाल शुरू होने के साथ ही करप्शन और लापरवाही मामले में दो आधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। सबसे पहले सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू को सस्पेंड किया गया। उसके बाद गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। आईपीएस पवन कुमार 2009 बैच के आईपीएस अफसर हैं। गाजियाबाद में 18 अगस्त 2021 को तैनाती मिली थी। हाल ही में दिनदहाड़े हुई 25 लाख की लूट हुई थी और इसके साथ ही एक दिव्यांग को भी डंडों से पीटने का मामला सामने आया था। दोनों ही मामले काफी सुर्खियों में रहे। यहां तक विधान सभा चुनाव के दौरान बिना पास के भाजपा कार्यकर्ताओं को घुसने नही दिया था। करप्शन और लापरवाही को लेकर दोनों अफसरों पर कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद में पिछले कुछ समय से कानून व्यवस्था खराब थी और पवन कुमार कानून व्यवस्था को संभालने में नाकामयाब साबित हुए। जिसकी वजह से योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही गाजियाबाद में नए आईपीएस को एसएससी की जिम्मेदारी दी जाएगी।

18 अगस्त 2021 को मिली थी गाजियाबाद की जिम्मेदारी
आईपीएस पवन कुमार 2009 बैच के आईपीएस अफसर हैं। पवन कुमार की गिनती उत्तर प्रदेश के तेज-तर्रार अफसरों में होती हैं। उनको 18 अगस्त 2021 को गाजियाबाद के एसएसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनसे पहले गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक थे। जिनका ट्रांसफर होने के बाद उनको गाजियाबाद के नए एसएसपी नियुक्त किया गया था।

8 दिन में 4 बार ट्रांसफर
सपा सरकार के दौरान 2016 में पवन कुमार का तबादला उन्नाव से सीतापुर कर दिया गया था, लेकिन चार्ज लेने के 5 दिन बाद ही उनका ट्रांसफर रायबरेली कर दिया गया। हालांकि रायबरेली कप्तान का चार्ज संभालने से पहले उनके उन्हें पुलिस मुख्यालय से संबद्ध किया दिया गया था। उनकी जगह सीतापुर एसपी बनाए गए एचएन सिंह को एसपी रायबरेली के तौर पर भेजा गया था। आईपीएस अधिकारी पवन कुमार ट्रेनिंग के दौरान एसपी सिटी आगरा के पद पर तैनात रहे। वह शामली, चित्रकूट, जौनपुर, उन्नाव, सीतापुर, सुल्तानपुर में कप्तान के पद पर तैनात रह चुके हैं।

डीएम टीके शिबू की जनप्रतिनिधियों ने की थी भ्रष्टाचार की शिकायत
सोनभद्र के डीएम टीके शिबू के खिलाफ जिला खनिज न्याय समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत जनप्रतिनिधियों ने की थी। इसके अलावा, विधानसभा चुनाव के समय भी डीएम की लापरवाही का मामला सामने आया था। दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद 6 दिन में योगी का तीसरी कार्रवाई है। इससे पहले इंटरमीडिएट के पेपर लीक मामले में बुधवार को डीआईओएस बृजेश मिश्र को सस्पेंड कर गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।
अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी आदेश के अनुसार खनन में भ्रष्टाचार के साथ ही विधानसभा चुनाव में भी डीएम टीके शिबू द्वारा लापरवाही बरती गई थी। उन्होंने पोस्टल बैलेट को सील नहीं किया गया था। जिस कारण इसकी फोटो मीडिया पर वायरल हुई थी। जिस कारण पूरे जिले में मतदान कैंसिल करने की स्थिति पैदा हो गई थी।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्ट अधिकारियों की कुंडली खंगाल कर शिकंजा कसने की तैयार कर रहे है। ऐसे में उन अधिकारियों की लिस्ट बनाई जा रही है। जो भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्य में लापरवाही बरत रहे है।