अब मणिपुर में कांग्रेस को झटका, 6 विधायकों का इस्तीफा

बहुमत परीक्षण में भाजपा को कामयाबी, वीरेन सिंह का कद बढ़ा

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। राजस्थान में सत्ता बचाने के लिए जी-जान से जुटी कांग्रेस को अब मणिपुर ने टेंशन दे डाली है। मणिपुर में 6 विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। इन विधायकों के इस्तीफा देने से सियासी हलचल तेज हो गई है। मणिपुर विधान सभा में बहुमत परीक्षण कराया गया था। इसमें भाजपा ने बाजी मार ली। वहां एन वीरेन सिंह के नेतृत्व में भाजपा सत्तासीन है। बहुमत परीक्षण के बाद विधायक मोहम्मद नासिर, ओकराम हेनरी, नामथांग होकिप, पूनम ब्रोजेन, ओनाम लुखोई और गिन सुनहाव ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। बताया गया है कि नासिर लिलोंग सीट से, हेनरी वांगखेई से, होकिप टेंगोनॉपाल से, ब्रोजेन बांगजिंग से, लुखोई वांगोई से और गिनसुनहाव सिंगट सीट से विधायक हैं। विधायक नासिर ने कहा कि इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस में 28 विधायक थे। उन्होंने सरकार भी बनाई थी। हाल के राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली। ऐसी स्थिति में भी इबोबी सत्ता और नेतृत्व की चाहत रखते हैं। हम उनके नेतृत्व में अस्तित्व नहीं बचा पाएंगे, इसलिए इस्तीफा दे दिया। वहीं, बहुमत परीक्षण के बाद खिन्न नजर आए पूर्व मुख्यमंत्री और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष इबोबी सिंह ने कहा कि जिस तरीके से विधान सभा चलाई जा रही है, वह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या है। उधर, 6 विधायकों के साथ छोड़ने से कांग्रेस की हालत और ज्यादा पतली हो गई है। पार्टी को एकजुट और मजबूत रखने में पुराने एवं वरिष्ठ नेता कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में भी लंबे समय से कांग्रेस में अंतर-कलह चल रही है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मध्य तनातनी को दूर करने में सफलता मिल गई है।